New Delhi : डेढ़ महीने में Crude Oil की कीमतों में 40% की तेजी आ गई। अंदेशा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों (10 मार्च) के बाद लोगों को महंगाई का झटका लगने वाला है। पेट्रोल-डीजल के कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के तनाव और आसार के बीच कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमत आसमान चढ़ने लगी। Crude Oil की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में सितंबर 2014 के बाद उच्चतम स्तर पर है। मंगलवार को कच्चे तेल के दाम 97 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा। जल्द ही इसके 100 डॉलर तक पहुंचने की आशंका बताई जा रही है।
देश में पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 4 नवंबर 2021 के बाद से पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ। जबकि, कच्चे तेल के दामों में भारी उछाल आ गया। देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और 10 मार्च को नतीजे आएंगे। चुनाव में नुकसान के चलते सरकारी तेल कंपनियां कच्चे तेल के दामों में जबरदस्त तेजी के बावजूद सरकार के दबाव में पेट्रोल डीजल के दामों में कोई परिवर्तन नहीं कर रही हैं।
सच होती लग रही भविष्यवाणियां
चुनावों के बाद सरकारी तेल कंपनियां घाटा पूरा करने के लिए जरूर कीमतों में बढ़ोतरी करेगी। लेकिन, मुश्किल यही खत्म नहीं होती। क्योंकि, कच्चे तेल के दामों पर नजर रखने वाले अंतरराष्ट्रीय रिसर्च एजेंसियों के मुताबिक Crude Oil के दाम और ऊपर जा सकता है। Goldman Sachs ने कहा था कि 2022 में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल को छू सकता है और ये भविष्यवाणी सच होती दिख रही है। JP Morgan ने भी 2022 में 125 डॉलर प्रति बैरल और 2023 में 150 डॉलर प्रति बैरल तक दाम छूने की भविष्यवाणी की है।
कच्चे तेल के दामों में इन दिनों आग लग गई। 2022 में कच्चे तेल के दामों में 20% से ज्यादा का उछाल आ चुका है। दो महीने से लगातार Crude Oil के दामों में तेजी देखी जा रही है। एक दिसंबर 2021 को कच्चे तेल के दाम 68.87 डॉलर प्रति बैरल था, जो अब 98 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है। डेढ़ महीने के भीतर कच्चे तेल के दामों में निचले स्तर से 40 फीसदी की तेजी आ चुकी है।