Cryptocurrency Fraud : रतलाम पुलिस जापान और सिंगापुर की कम्पनियों के धोखेबाजों से 44 लाख रुपए सिज कर भारत लाई!
आरोपियों ने मन्दसौर, नीमच, धार व राजस्थान आदि स्थानों पर MTFE में क्रिप्टो करेंसी द्वारा पोंजी स्कीम के जरिए लोगों को 30% मासिक रिर्टन का लालच देकर करोड़ों रुपए का किया फ्राड!
Ratlam : रतलाम पुलिस ने जापान और सिंगापुर की कम्पनियों के धोखेबाजों से 44 लाख रुपए जप्त कर भारत लाने में सफलता प्राप्त की है।
आरोपियों ने मन्दसौर, नीमच, धार व राजस्थान आदि स्थानों पर MTFE में क्रिप्टो करेंसी द्वारा पोंजी स्कीम के जरिए लोगों को 30% मासिक रिर्टन का लालच देकर करोड़ों रुपए का फ्रॉड किया था।
प्राप्त जानकारी अनुसार जिले के जावरा औद्योगिक क्षेत्र थाने पर 24 अगस्त 23 को 20 लाख रूपए की ठगी का शिकार हुए फरियादी सलीम पिता काले खां ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आरोपी मोहम्मद फेज उर्फ निक्कु, आजम खान हुजेफा जमाली बोहरा, आलोक पाल, वाजिद एवं वसीम द्वारा लगभग 20 लाख 76 हजार की ठगी मेरे साथ की गई है। इस पर जावरा के औद्योगिक क्षेत्र थाने पर अपराध क्रमांक 529/23 धारा 406, 420, 120बी भारतीय दंड संहिता एवं 21(1), 21(2), 21(3) अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम में अपराध दर्ज किया गया।
इसके अलावा आवेदक अशरफ अली की रिपोर्ट पर आरोपी गोविन्द सिंह, संदीप टाक के विरूद्ध थाना स्टेशन रोड़ में लगभग 26 लाख 51 हजार 20 रूपए की ठगी करने पर अपराध क्रमांक 748/23 धारा 406,420,120बी भारतीय दंड संहिता एवं 21(1), 21(2), 21(3) अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था।
जिसमें आरोपियों द्वारा एमटीएफई ऐप के माध्यम से आमजनों को उनके निवेश पर असाधारण उच्च रिटर्न का लालच देकर आकर्षित किया गया था।
जैसे कि क्रिप्टो करेंसी जमा पर 30 प्रतिशत मासिक रिटर्न देने का वादा आसानी से रुपए कमाने वाली इस पोंजी स्कीम पर भोले-भाले लोगों ने विश्वास किया और भारी रुपयों का निवेश किया गया।
कुछ समय बाद MTFE कम्पनी के संचालकों द्वारा बचत कर्ताओं से ठगी कर कम्पनी बंद कर दी गई थी और लोगों की लाखों रूपए की जमा पूँजी डुब गई थी।
मामला एसपी राहुल कुमार लोढ़ा तक पंहुचा और उन्होंने जावरा के थाना औद्योगिक क्षेत्र तथा रतलाम के थाना स्टेशन रोड़ एवं सायबर सेल की संयुक्त टीम गठित कर त्वरित कार्यवाहीं करने के निर्देश दिए।
पुलिस टीम द्वारा आमजनों को दिए गए डज्थ्म् के क्यूआरकोड/टीआरसी-20 के एड्रेस को एकत्रित किया गया जिसमें लगभग 266 पीड़ितों से लगभग 1 करोड़ 43 लाख रूपए की ठगी रतलाम जिले में ठगों द्वारा करना पाई गई। अपराध की विवेचना में टीम द्वारा एमटीएफई कम्पनी द्वारा किए गए फ्राड का पर्दाफाश किया एवं उपरोक्त दोनों प्रकरणों में MTFE के सीईओ हुजेफा जमाली एवं गोविन्द सिंह चंद्रावत सहित कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
एमटीएफई फ्राड में संलिप्त कलिन कम्पनी के डायरेक्टर योगानंदा बमोरे से पूछताछ पर Binance, Huobi, TRC20 आदि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफार्म के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की गई।
विभिन्न माध्यम/ओपन सोर्स से जानकारी प्राप्त कर लगभग 10 लाख 48 हजार टीआरसी 20 के एड्रेस प्राप्त किए गए जिसमें क्यूआर कोड द्वारा बड़ी मात्रा में रूपए का लेन देन अलग-अलग देशों से किया गया। जिसका एनालिसस करने पर डज्थ्म् द्वारा भारत सहित श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान एवं नाइजीरिया में भी इस प्रकार का फ्राड करना पाया गया।
टीआरसी 20 से करेंसी को कनवर्ट करने के लिए लगभग 56 Counter party एक्सचेंज का उपयोग किया।
पुलिस के अनुसार इनमें मुख्य रूप से Binance, KuCoin, OKX, Huobi, Bybit, USDt~Token, MEX, SunCrypto आदि एक्सचेंज हैं। बायनेंस से सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त की गई एवं एनालिसिस कर मुख्य खाता UId~301254931चिंहित किया गया जिसमें भारत से ठगी की गई राशि का लगभग 40 करोड़ रूपए का ट्रांजेक्शन हुआ हैं। उपरोक्त बायनेंस का अकांउट प्रकरण के मुख्य आरोपी Enaku Pame के नाम से रजिस्टर्ड है तथा बायनेंस के खाते को भारत के अतिरिक्त सिंगापुर, मलेशिया से अलग अलग डिवाईस पर रजिस्टर्ड कर खाते का उपयोग किया गया था तथा उपरोक्त बायनेेंस के खाते पर इंडिया के साथ ही मलेशिया के मोबाईल नम्बर भी रजिस्टर्ड होना पाया गया। बायनेंस द्वारा एमटीएफई एकाउंट से कनेक्टेड बायनेंस के लगभग 41 खाते प्रदाय किए हैं। जिन्हें रतलाम पुलिस द्वारा न्यायालय के आदेश से फ्रिज करवाया गया।
इन खातों में 44141-33032 USd, जमा होकर भारतीय रूपए लगभग 44 लाख रूपए हैं। बायनेंस में होल्ड राशि अपराध से संबंधित होने से शासकीय खाते में ली जाने हेतु बायनेंस से पत्राचार कर उपरोक्त राशि में से 43 लाख 77 हजार 503 रूपए 26 करेंसी के रूप में शासकीय खातों में रिफंड करवाई गई।
प्रकरण में मुख्य आरोपी Enaku Pame एनाकू पेम एवं म्रेसी पेम Marcy Pame की लगातार तलाश की जा रहीं हैं।
धोखेबाजों से रुपए प्राप्त करने में उपनिरीक्षक अमित शर्मा प्रभारी सायबर सेल, विपुल भावसार, राहुल पाटीदार की विशेष भूमिका रही।
इसके साथ ही जावरा के प्रकाश गडरिया तत्कालिन थाना प्रभारी औद्योगिक क्षेत्र, मुनेन्द्र गौतम थाना प्रभारी औद्योगिक क्षेत्र जावरा, दिनेश कुमार भोजक थाना प्रभारी स्टेशन रोड़, राकेश मेहरा, राहुल जाट अभिषेक पाठक एवं सायबर सेल के मनमोहन शर्मा, हिम्मत सिंह गोड, लक्ष्मीनारायण सूर्यवंशी, मयंक व्यास, तुषार सिसौदिया की भुमिका रहीं।
क्या कहते हैं अधिकारी
आरोपियों के गिरफ्तार होने पर अन्य कई खुलासे किए जाकर अन्य देशों के आरोपी होने की पूर्ण संभावना है।
एसपी राहुल कुमार लोढ़ा!