Curfew in Bangladesh : बांग्लादेश में आरक्षण की आग भड़की, देशभर में कर्फ्यू, हिंसा में 105 की मौत,सेना ने मोर्चा संभाला!

मुक्ति संघर्ष के शहीदों के रिश्तेदारों को नौकरियों में आरक्षण दिए जाने का विरोध!

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Curfew in Bangladesh : बांग्लादेश में आरक्षण की आग भड़की, देशभर में कर्फ्यू, हिंसा में 105 की मौत,सेना ने मोर्चा संभाला!

Dhaka : देश की आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी ढाका तथा अन्य जगहों पर हिंसा भड़क गई। इसमें करीब 30 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और कोई अन्य घायल हुए हैं। अभी तक 105 लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आई। जबकि, बांग्लादेश से शुक्रवार रात 8 बजे तक 245 भारतीय सुरक्षित भारत लौट आए, जिसमें से 125 छात्र हैं।

ये प्रदर्शन 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ हो रहा है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने शुक्रवार को बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की। सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के बाद व्यवस्था बनाए रखने के लिए सैन्य बलों की तैनाती का आदेश दिया गया है।

बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव ओबैदुल कादर ने यह घोषणा की। यह घोषणा पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी और राजधानी में सभी सभाओं पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद की गई। मीडिया की खबरों के अनुसार, हिंसा में कई लोग मारे गए हैं। कादर ने कहा कि नागरिक प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने के लिए सेना को तैनात किया गया है।

245 भारतीय स्वदेश लौट आए, वहीं भारत सरकार ने शुक्रवार को बांग्लादेश में जारी छात्रों के विरोध-प्रदर्शन को ढाका का आंतरिक मामला करार दिया। लेकिन, साथ ही यह भी कहा कि वह वहां रह रहे 15 हजार भारतीयों की सुरक्षा को लेकर स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है। ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्र 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राह के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।o

आरक्षण में सुधार की मांग लेकर सड़क पर

आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी ढाका तथा अन्य जगहों पर हिंसा भड़क गई है। इसमें करीब 30 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और कोई अन्य घायल हुए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बताया कि बांग्लादेश में रह रहे 8,500 छात्रों सहित 15,000 भारतीय सुरक्षित हैं।

भारतीय छात्र सुरक्षित वापस लौटे

ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग वहां रह रहे भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश से शुक्रवार रात आठ बजे तक 245 भारतीय सुरक्षित भारत लौट आए, जिसमें से 125 छात्र हैं। सूत्रों ने बताया कि भारतीय उच्चायोग ने नेपाल के 13 छात्रों की सुरक्षित वापस के लिए भी मदद की।

छात्रों का प्रदर्शन जारी

रणधीर जायसवाल ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं कि बांग्लादेश में छात्रों का प्रदर्शन जारी हैं। हम इसे उनका आंतरिक मामला मानते हैं। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर खुद वहां रह रहे भारतीयों की सुरक्षा के संदर्भ में मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा-बेनापोल-पेट्रापोले, गेदे-दर्शना और अखौरा-अगरतला सीमा भारतीय नागरिकों के सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए खुली रहेंगी। जायसवाल ने कहा कि हमने बांग्लादेश में रहने वाले अपने छात्रों सहित भारतीय नागरिकों के लिए उनकी सुरक्षा और आवश्यकता पड़ने पर सहायता के लिए एक परामर्श जारी किया है।