राजकीय सम्मान के साथ पंच तत्व में विलीन हुए दादा मधुकर राव हरने

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राजकीय सम्मान के साथ पंच तत्व में विलीन हुए दादा मधुकर राव हरने

संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की एक श्रद्धांजलि नुमा खबर

नर्मदापुरम | भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्य के पूर्व मंत्री मधुकर राव हर्णे जिनका शुक्रवार रात निधन हो गया था। स्वर्गीय हर्णे राष्ट्रीय स्वयं संघ के स्वंयसेवक रहे और आजाद भारत में लगे आपातकाल के विरोध में लोकतंत्र सैनानी (मीसाबंदी) के रूप में कार्य किया। वे होशंगाबाद विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी से तीन बार विधायक एवं एक बार राज्यमंत्री रहे। हर्णे के निधन से पूरे क्षेत्र में शोक छा गया। दादा का पार्थिव शरीर उनके निवास मोरछली चौक से भाजपा जिला कार्यालय में लाया गया। जहाँ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश एवं जिले से आए हुए मंत्री, विधायक, प्रदेश पदाधिकारी एवं हजारों कार्यकर्ताओं सहित जिले के समाजसेवी गणमान्य नागरिकों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये।

राजकीय सम्मान के साथ पंच तत्व में विलीन हुए दादा मधुकर राव हरने

राजकीय सम्मान के साथ हुए पंचतत्व में विलीन

शनिवार दोपहर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ माँ नर्मदा के तट पर बने राजघाट पर दादा हर्णे को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम बिदाई दी गई। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटैल ने उन्हे श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि दादा मधुकर हर्णे ने त्याग, तपस्या और संघर्ष के साथ जनसंघ से लेकर भाजपा के छोटे से पौधे को आज वटवृक्ष बनाया है। वहीं कार्यकर्ता आज पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे है। आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा.सीतासरन शर्मा ने उनके देहांत को पार्टी की एक अपूरणीय क्षति बताया। जिलाध्यक्ष माधवदास अग्रवाल ने कहा कि दादा हर्णे भले ही भौतिक रूप से आज हमारे बीच नही रहे है लेकिन राष्ट्रसेवा के लिये उनके विचार हमेशा हमारे जीवन में बने रहेंगे।

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विधायक विजयपाल सिंह, प्रेमशंकर वर्मा, ठाकुरदास नागवंशी, माया नारोलिया, दर्शनसिंह चौधरी, सरताज सिंह सहित अन्य पार्टी वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी उन्हें श्रद्धासुमन,शब्द सुमन अर्पित किये। दादा का राजनीतिक सफर जिले की राजनीति में कर्मठ, लगनशील और मृत्यु पर्यन्त सक्रिय रहे दादा मधुकर राव हर्णे एक ऐसा नाम है जिनका छोटे से छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा कार्यकर्ता,नेता, उनकी सहजता, सरलता, विनम्रता का कायल है। बाल्यकाल से ही संघ से जुड़े रहने के कारण उनका नाम जिले का प्रदेश की राजनीति में अब्बल स्तर में रहा। दादा मधुकर राव हर्णे मध्यप्रदेश शासन में राजस्व राज्य मंत्री रहे। दादा मधुकर राव हर्णे का जन्म 24 फरवरी 1935 को हुआ। वे 88 वर्ष के थे। बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक स्वयंसेवक के रूप में आपने राष्ट्रसेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया। आपने सागर यूनीवर्सिटी से बीए एलएलवी की शिक्षा प्राप्त की और एक अभिभाषक के रूप में जिला कोर्ट नर्मदापुरम् के सदस्य बनें। आपने संघ तृतीय वर्ष शिक्षा प्राप्त की, वगैर लोकेषणा के राष्ट्र कार्य में अग्रणी रहते हुए आपातकाल के दौरान करीब 18 माह जेल में भी रहे। आपातकाल के विरुद्ध लड़ी लड़ाई, आजादी की दूसरी लड़ाई थी, देश में आज लोकतंत्र मीसाबंदियों की वजह से ही जिन्दा है।

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दादा मधुकर राव हर्णे का विचार कभी सक्रिय राजनीति में रहकर दलगत राजनीति में रहने का नहीं रहा, किन्तु देश काल परिस्थितियों ने उनके लिये यही मार्ग तय किया हुआ था। दादा ने समाज के प्रतिष्ठित नागरिकों के आग्रह पर सन 1978 में होशंगाबाद जनपद अध्यक्ष पद हेतु चुनाव लड़ा और जीते भी। अपनी सुचितापूर्ण विवेक से पक्ष और विपक्ष सबको साथ में लेकर क्षेत्र में विकास कार्य करके दिखाया, जिसका परिणाम यह हुआ कि उन्हें सन 1980 में भारतीय जनता पार्टी ने होशंगाबाद विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया और दादा विजयी होकर पहली बार क्षेत्र से भाजपा विधायक हुए। इस दौरान आपने क्षेत्र के विकास के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष रहते हुए संपूर्ण जिले में पार्टी का कार्य विस्तार किया। भारतीय जनता पार्टी के पितृपुरुष कुशाभाऊ ठाकरे सदैव आपके कार्यों की सराहना किया करते थे।

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आप पुनः 1990 में होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गये। आपने श्रीराम जन्म भूमि आन्दोलन में भी अपनी सक्रिय भूमिका प्रदान की है। तीसरी बार सन् 2003 से 2008 तक आप पुनः इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। दादा मधुकर राव हर्णे ने अपनी विधायकी के दौरान शिक्षा, चिकित्सा, बिजली और यातायात के संसाधनों के क्षेत्र के विकास के लिये अनेकों कार्य कर एक विकास पुरुष के रूप में अपनी पहचान स्थापित की है। बांद्राभान से सांगाखेड़ा पुल एवं बेगनिया पहुंच पुल के निर्माण में आपके योगदान अविस्मर्णीय है। आपने होशंगाबाद-सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र में अपने कार्यकाल के दौरान प्रत्येक ग्राम में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं शिक्षण के लिये व्यवस्थित विद्यालयों के निर्माण एवं नवीन उप विद्युत पथ प्रदर्शक बने रहें।

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वितरण केन्द्रों की स्थापना हेतु सफलतम प्रयास किये है। होशंगाबाद से सोहागपुर, पिपरिया पहुंच के मुख्य मार्ग को व्यवस्थित कराने में आपकी अहम भूमिका रही है। मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह के आग्रह पर आपने उनकी सरकार में राज्य बीज निगम का अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। उस समय निगम 70 करोड़ रुपये के कर्जे में था, किन्तु दादा की कर्मठता और इमानदारी का परिणाम यह रहा कि जब दादा का कार्यकाल पूर्ण हुआ उस समय बीज निगम का पूरा कर्जा पटने के बाद निगम 4 करोड़ के फायदे में आ चुका था। दादा ने होशंगाबाद नगर में व्यवस्थित मार्केट के निर्माण हेतु विशेष पहल कर नगर सुधार न्यास और नगर पालिका के माध्यम से इतवारा मार्केट अस्पताल के चारों ओर के अतिक्रमण के स्थान पर पक्की दुकानों का निर्माण कराकर नगर के सौंदर्यीकरण के लिये कार्य किया। आपका सम्पूर्ण राजनैतिक जीवन निष्कलंक सेवाभावी कार्यकर्ता के रूप में रहा है। विगत लगभग एक दशक से वे बढ़ती उम्र व स्वास्थ्य गत कारणों से राजनीति में अधिक सक्रिय नहीं थे।