Damage Caused by Blasting : सड़क निर्माण में ब्लास्टिंग से घरों पर पत्थर गिरे, ग्रामीण नाराज!

सड़क निर्माण कंपनी के दफ्तर पर हमला बोला, कर्मचारियों से मारपीट!

176

Damage Caused by Blasting : सड़क निर्माण में ब्लास्टिंग से घरों पर पत्थर गिरे, ग्रामीण नाराज!

Indore : इलेक्ट्रानिक ब्लास्टिंग से घरों पर पत्थर गिरे, पानी की टंकी टूट गई। घरों में नुकसान होने से नाराज ग्रामीणों ने निर्माण एजेंसी के कर्मचारियों से मारपीट की और दफ्तर पर तोड़फोड़ की। यह घटना इंदौर-खंडवा राजमार्ग पर अप्रोच रोड के लिए सुरंग निर्माण के दौरान हुई। इस वजह से शनिवार को हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग ने सड़क का काम रोक दिया।

मजदूरों और कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सड़क निर्माण एजेंसी ने पुलिस में आवेदन दिया है। कर्मचारियों से मारपीट मामले में ग्रामीणों के खिलाफ शिकायत भी की। लेकिन सिमरोल थाने ने प्रकरण दर्ज नहीं किया है। उधर नाराज ग्रामीण घरों में हुए नुकसान की भरपाई को लेकर अड़े हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि एजेंसी मनमाने ढंग से काम करने में लगी है। ब्लास्टिंग के दौरान सावधानी भी नहीं बरती जाती और घरों में दरारें आई हैं। मरम्मत के लिए कहा तो एजेंसी ने मना कर दिया। राजमार्ग के भेरूघाट सुरंग तक पहुंच मार्ग बनाने के लिए महीनेभर से काम चल रहा है। शुक्रवार को इलेक्ट्रानिक ब्लास्टिंग के दौरान डेटोनेटर ठीक से नहीं लगे। तकनीकी खराबी आने से पत्थर उड़कर आसपास इलाकों में दूर-दूर तक जा गिरे। इस पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए। 30-40 ग्रामीणों ने पहले कर्मचारियों से मारपीट की और प्रोजेक्ट मैनेजर नागेश्वर राव के केबिन में घुस गए।

नियमों को रखा ताक पर

एनएचएआई को राजमार्ग का काम जनवरी-2025 तक पूरा करना है। दिन-रात एजेंसी निर्माण करने में लगी है। सुरंग और वन क्षेत्र में निर्माण करने के लिए वन विभाग ने भी नियमों को ताक पर रखकर रात में काम करने की अनुमति दी है। नियमानुसार सूर्यास्त के बाद वनक्षेत्र में निर्माण नहीं किया जा सकता है। वैसे अनुमति देने के लिए विभाग ने चोरल को संवेदनशील जंगल नहीं माना है। जबकि बाघ का मूवमेंट भी वनक्षेत्र में देखा गया है।

पहले भी हुए हैं ऐसे विवाद

सड़क निर्माण करने के दौरान ग्रामीण और निर्माण एजेंसी के बीच कई बार विवाद हुए हैं। सुरंग के लिए ब्लास्टिंग के समय भी ग्रामीणों के घरों में दरारें आई थीं। तब एनएचएआई ने आईआईटी इंदौर से सर्वे करवाया था। बाद में घरों की मरम्मत के लिए निर्माण एजेंसी राजी हुई थी, पर काम अभी तक नहीं किया है। वहीं डेढ़ महीने पहले भी ब्लास्टिंग के दौरान घरों को नुकसान हुआ था। ग्रामीणों ने काम रुकवा दिया था। समझाइश के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ था।

IMG 20240929 WA0079

एफआईआर तक दर्ज नहीं की    

प्रोजेक्ट मैनेजर, मेघा इंजीनियरिंग नागेश्वर राव ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा मारपीट के बाद एक कर्मचारी हॉस्पिटल में भर्ती है। 15 लोगों के खिलाफ सिमरोल थाने में आवेदन दिया है, मगर पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। जबकि सीसीटीवी के फुटेज भी पुलिस अधिकारियों को दिए गए हैं। जब तक मजदूरों और कर्मचारियों को सुरक्षा नहीं मिलती है, तब तक काम नहीं किया जाएगा।

IMG 20240929 WA0078

प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआई सुमेश बांझल ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। मारपीट के बाद कर्मचारी डरे हुए हैं। शनिवार को एजेंसी ने पूरा काम रोका है। अब इस संबंध में एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। उसके बाद आगे की रणनीति बनाएंगे।