सोयाबीन में पीला मोजेक रोग से संबंधित नुकसानी सर्वे जिले में प्रारंभ : कलेक्टर श्रीमती गर्ग

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सोयाबीन में पीला मोजेक रोग से संबंधित नुकसानी सर्वे जिले में प्रारंभ : कलेक्टर श्रीमती गर्ग

भाजपा एवं कांग्रेस ने की थी मांग, प्रशासन ने उठाया कदम

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर। जिले में खंड वर्षा से प्रभावित हुई सोयाबीन की फसल पर पड़ रहे पीले मोजेक रोग की स्थिति का आकलन एवं प्रभावित क्षेत्र की जानकारी एकत्र करने के लिए कलेक्टर श्रीमती अदिति गर्ग के निर्देशानुसार नुकसानी सर्वे कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

कलेक्टर श्रीमती गर्ग ने बताया कि इस सर्वे कार्य में राजस्व विभाग एवं कृषि विभाग के संयुक्त दल गठित किए गए हैं। प्रत्येक दल में राजस्व अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं संबंधित पटवारी सक्रिय रूप से खेतों में पहुंचकर फसल की वास्तविक स्थिति का आंकलन कर रहे हैं।

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बहुत ही शीघ्र जिले के सभी विकासखंडों में फसल नुकसान का संपूर्ण सर्वे पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद अनुमानित रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। शासन से प्राप्त निर्देशों के आधार पर पीड़ित कृषकों को राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

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ज्ञातव्य है कि पूर्व विधायक यशपालसिंह सिसोदिया, सुवासरा विधायक हरदीपसिंह डग, गरोठ विधायक चंदर सिंह सिसोदिया एवं मंदसौर विधायक विपिन जैन ने मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन से फसल ख़राब होने, रोगग्रस्त होने, अफ़लन की स्थिति से अवगत कराते हुए नुकसानी के सर्वे की मांग उठाई थी। मल्हारगढ़ से किसानों के साथ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा, परशुराम सिसोदिया एवं अन्य ने जिला कलेक्टर को ग्रामीण क्षेत्र की सोयाबीन फसल के बारे में बताया था।

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किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं

कलेक्टर श्रीमती गर्ग ने कृषकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग पूरी गंभीरता से किसानों के साथ खड़ा है।

शीघ्र फसल सर्वे कराया जा रहा है ओर नुकसानी की स्थिति में नियम अनुसार राहत देने के प्रयास होंगे।

जिले भर के विभिन्न क्षेत्रों में गांव गांव पहुंच कर शासकीय अमला सर्वे कर रहा है।

कृषि विभाग की सलाह एवं जागरूकता

कलेक्टर ने कृषि विभाग को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित गांवों में भ्रमण कर किसानों को पीले मोजेक रोग से बचाव एवं नियंत्रण के उपाय बताए। विभाग के तकनीकी अधिकारी किसान भाइयों को बताए कि समय पर उचित कीटनाशी एवं अनुशंसित उपाय अपनाकर फसल को सुरक्षित किया जा सकता है।