
DARPA ने बदल दी भविष्य की ऊर्जा दुनिया: बिना तार के पहुंचाई 8.6 किलोमीटर दूर 800 वॉट बिजली
– राजेश जयंत
new Mexico: सोचिए, आपका फ़ोन बिना किसी तार के चार्ज हो रहा हो, या दूर-दराज़ के इलाकों में पलक झपकते ही बिजली पहुंच रही हो! सुनने में साइंस फिक्शन जैसा लगता है, लेकिन DARPA ने न्यू मैक्सिको में लेज़र तकनीक की मदद से 800 वॉट बिजली 5.3 मील (8.6 किलोमीटर) दूर भेजने में सफलता हासिल की। इस 30 सेकंड के प्रयोग में 1 मेगाजूल से अधिक ऊर्जा ट्रांसफर की गई, जिसने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए।

DARPA के इस प्रयोग में बिजली को हवा के माध्यम से लेज़र बीम के जरिए दूरस्थ रिसीवर तक भेजा गया, जहां उसे उपयोगी विद्युत ऊर्जा में बदला गया। इस प्रक्रिया में शक्तिशाली लेज़र और विशेष ऑप्टिकल रिसीवर का इस्तेमाल किया गया, जो बिजली को लंबी दूरी तक सुरक्षित और कुशल तरीके से ट्रांसफर कर सके।
इस सफलता का व्यावहारिक प्रदर्शन करते हुए भेजी गई बिजली का इस्तेमाल पॉपकॉर्न बनाने में किया गया, जो दर्शाता है कि वायरलेस बिजली तकनीक सिद्धांत नहीं बल्कि व्यवहार में भी कारगर है।

**इतिहास और महत्व**
वायरलेस बिजली भेजने का सपना लगभग सदी पहले महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने देखा था। उन्होंने ‘वर्ल्ड सिस्टम’ नामक विशाल टावर के जरिए दुनिया भर में वायरलेस बिजली वितरण की कल्पना की थी, जो तब तकनीकी सीमाओं के कारण संभव नहीं हो पाया। DARPA की सफलता टेस्ला के दूरदर्शी सपने को नया जीवन देती है और साबित करती है कि लंबी दूरी तक बिजली भेजना अब सपना नहीं, बल्कि वास्तविकता है।

**भविष्य की संभावनाएं**
यह तकनीक केवल सैन्य क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगी। ड्रोन, सैटेलाइट, रिमोट बेस कैंप्स और आपातकालीन परिस्थितियों में बिजली पहुंचाना अब संभव होगा। निकट भविष्य में हम ऐसी दुनिया में रहेंगे जहां तारों की जंजीरों से मुक्ति मिलेगी और बिजली अधिक सुलभ, सुविधाजनक व सुरक्षित तरीके से उपलब्ध होगी। वायरलेस बिजली तकनीक हमारे दैनिक जीवन को कुशल और सरल बनाएगी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन, मोबाइल और उपकरण बिना तार चार्ज होंगे।

**DARPA क्या है?**
DARPA (Defense Advanced Research Projects Agency) अमेरिका की उच्च स्तरीय रक्षा अनुसंधान एजेंसी है, जो नई तकनीकों और नवाचारों की दिशा तय करती है। DARPA ने इंटरनेट, GPS और रोबोटिक्स जैसी क्रांतिकारी खोजें दी हैं। इस सफलता के साथ, इसने ऊर्जा क्षेत्र में भी नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं।
**तकनीकी विशेषताए और लाभ**
1-तकनीक का विज्ञान:
लेज़र बेस्ड वायरलेस पावर ट्रांसमिशन तकनीक में लेज़र बीम को सटीक दिशा में नियंत्रित किया जाता है। यह ऊर्जा विद्युत को रिसीवर तक पहुंचाती है, जो उसे विद्युत ऊर्जा में बदल देता है। उन्नत कूलिंग सिस्टम से गर्मी और असामान्य प्रभावों को सीमित किया गया।
2-सुरक्षा और पर्यावरण:
मानव और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कई मानक और जांच स्थापित किए गए हैं। लेज़र बीम की तीव्रता नियंत्रित की जाती है और यह पारंपरिक तारों की तुलना में कम भूमि क्षेत्र घेरता है।
3-आर्थिक प्रभाव:
दूरदराज़ इलाकों में तार बिछाने की जरूरत कम होने से बुनियादी ढांचे पर खर्च घटेगा। बिजली चोरी और तकनीकी नुकसान में कमी आएगी।
4-वैश्विक सहयोग:
यह तकनीक वैश्विक स्तर पर ऊर्जा पहुंच की समस्या हल कर सकती है। DARPA अन्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ सहयोग बढ़ा रहा है।
5-भविष्य के अनुसंधान:
DARPA छोटे उपकरण, मोबाइल चार्जिंग स्टेशन और अंतरिक्ष में ऊर्जा ट्रांसमिशन पर शोध कर रही है। भविष्य में सौर ऊर्जा को सीधे अंतरिक्ष से धरती पर भेजना भी संभव हो सकता है।
DARPA की यह उपलब्धि साबित करती है कि वायरलेस बिजली अब केवल सपना नहीं, बल्कि वास्तविकता है। निकट भविष्य में यह तकनीक हमारे जीवन और ऊर्जा वितरण के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है, जिससे बिजली अधिक सुलभ, सुविधाजनक और सुरक्षित होगी।





