नागद्वारी मेला: इस मंदिर में दर्शन बाबा अमरनाथ जैसा दुर्लभ,दूर होता है काल सर्प दोष, रहस्य नागलोक का

12 अगस्त से प्रारंभ हो रही वार्षिक नागद्वारी यात्रा,मेला की तैयारियों की आज जिला प्रशासन ने की समीक्षा

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रहस्य नागलोक का

नागद्वारी मेला:इस मंदिर में दर्शन बाबा अमरनाथ जैसा दुर्लभ,दूर होता है काल सर्प दोष, रहस्य नागलोक का

संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की एक्सक्लूसिव रपट

नर्मदापुरम/पंचमढ़ी। क्या आप जानते हैं कि मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिला मुख्यालय से मात्र 125 किलोमीटर की दूरी पर सतपुड़ा पर्वत की घनी और ऊंची पहाड़ियों के बीच नागलोक बसा है। जिसकी यात्रा व दर्शन की प्रतिष्ठा श्रद्धालुओं के मन में बाबा अमरनाथ यात्रा,दर्शन जैसी ही परम पावन व दुर्लभ है। यहां पर साल में सिर्फ एक बार इस नागद्वारी मंदिर का गेट खोला जाता है। मान्यता है कि इन पहाड़ियों से जो भी श्रद्धालु जाता है, उनका कालसर्प दोष दूर हो जाता है। उसे संतान की प्राप्ति होती है। यूं तो हिल स्टेशन पचमढ़ी पूरे देश में अपनी खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है। पर नागद्वारी यात्रा के लिए यहां आने वाले श्रद्धालु ऊंची और घनी पहाड़ियों में सर्पाकार पगडंडियों से होते हुए नागद्वारी द्वार तक पहुंचते हैं.

इस मंदिर में दर्शन बाबा अमरनाथ जैसा दुर्लभ,दूर होता है काल सर्प दोष, रहस्य नागलोक का

मान्यता है कि इन पहाड़ियों से जो भी श्रद्धालु जाता है उनका कालसर्प दोष दूर हो जाता है। नागद्वारी के अंदर मुख्य गुफा में बनी शिवलिंग पर काजल लगाने से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती है।इस प्रसिद्ध मंदिर में मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस वर्ष भी महाराष्ट्र से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगभग 5 लाख तक पहुंचने का अनुमान जिला प्रशासन ने लगाया है। यहां पर लगने वाला मेला सैकड़ों बरसों से चला आ रहा है।श्रद्धालु अपनी कई पीढ़ियों से इस नाग देवता के मंदिर में दर्शन करने के लिए हर साल आते हैं। नागद्वार तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु सुबह से ही यात्रा शुरू करते हैं और शाम तक गुफा पहुंच जाते हैं. नागद्वारी तक जाने और आने में श्रद्धालुओं को 2 दिन लगते है।

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सौ फीट लंबी है गुफा
इस नागलोक में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को धर्म लाभ के साथ ही प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य के दर्शन भी होते हैं। इसी के चलते मध्य प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में इस यात्रा को अमरनाथ यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर नाग देवता की कई प्रतिमा मौजूद है। नागद्वारी के अंदर चिंतामणि की गुफा है। यह गुफा 100 फीट लंबी है। यहां पर श्रद्धालुओं नाग देवता के दर्शन करने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल पहाड़ी यात्रा पूरी करते हैं। यह पवित्र नागद्वारी साल में एक बार ही खुलता है। जिसमें प्रदेश सहित महाराष्ट्र के लाखों श्रद्धालु नाग पंचमी पर नाग देवता के दर्शन करने पहुंचते हैं।

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साल में एक बार मिलता है मौका
श्रद्धालुओं को हर साल सावन में एक बार ही नागद्वारी की यात्रा और दर्शन का मौका मिलता है। यह स्थान सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में होने के कारण यहां प्रवेश वर्जित होता है। यहां पर सतपुड़ा के जंगल के बीचो बीच स्थित नाग मंदिर पर साल में एक बार मेला लगता है। जिसमें लाखों श्रद्धालु पहुंचते है। जानकारी के अनुसार बताया गया कि यहां पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को इस रास्ते में बहुत से जहरीले सांप दिखते है। लेकिन आज तक किसी भी श्रद्धालु को उन्होंने कोई भी हानि नहीं पहुंचाई और ना ही किसी भी श्रद्धालु के रास्ते में आते हैं। नागद्वारी मेले में डबल डेकर वोल्वो बसों का प्रवेश रहेगा प्रतिबंधित,कलेक्टर एवं एसपी ने पचमढ़ी में की नागद्वारी मेले की तैयारियों की समीक्षा

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प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में 12 अगस्त से 22 अगस्त तक सुप्रसिद्ध नागद्वारी मेले का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार को संजय गांधी संस्थान पचमढ़ी में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक डॉ गुरकरन सिंह ने मेले की तैयारियों की विस्तार से समीक्षा और मेले के सुचारू संचालन के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। कलेक्टर श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रियों को मेला स्थल पर ले जाने वाले टैक्सी वाहनों में निर्धारित रेट लिस्ट चस्पा की जाए। श्रद्धालुओं से यात्री शुल्क लेने में किसी प्रकार की विसंगतियां ना हो इसका भी विशेष ध्यान रखें। उन्होंने श्रद्धालुओं के रात्रि विश्राम के लिए बस स्टैंड के पास अस्थाई वाटरप्रूफ टेंट भी लगाए जाने के निर्देश दिए। ट्रैफिक व्यवस्था की समीक्षा कर कलेक्टर श्री सिंह ने  परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि मेला अवधि के दौरान वोल्वो डबल डेकर बसों का पचमढ़ी में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए। ताकि पचमढ़ी मार्ग पर जाम की स्थिति निर्मित ना हो। प्रतिबंध के संबंध में आदेश भी जारी करें। कलेक्टर श्री सिंह ने पिपरिया से मटकुली एवं मटकुली से पचमढ़ी मार्ग में शोल्डर मरम्मत की कार्रवाई शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि पचमढ़ी मार्ग में पड़ने वाले मोड़ो पर लेंस एवं रिफ्लेक्टर लगाएं जाए। उन्होंने कैंट क्षेत्र मार्ग की मरम्मत भी शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।

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जिला आबकारी अधिकारी को निर्देशित किया कि अवैध शराब के भंडारण एवं परिवहन के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की जाए। उन्होंने मेले में तैनात बलों के लिए भोजन एवं रहने की भी बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेला अवधि के दौरान साफ सफाई एवं पेयजल आदि की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मेडिकल टीम की ड्यूटी लगाने तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ।

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पुलिस अधीक्षक डॉ सिंह ने परिवहन एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि मेले के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रहे। बड़े वाहनों को मटकुली पॉइंट पर ही रोका जाए। ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए। उन्होंने पुलिस, राजस्व एवं होमगार्ड के अमले को सजग रहने और। पूरी तत्परता से काम करने के निर्देश दिए।

बैठक में सीईओ कैंट,अपर कलेक्टर देवेंद्र कुमार सिंह, उप संचालक एसटीआर संदीप फेलोज,एसडीएम पिपरिया संतोष तिवारी, एसडीओपी अजय वाघमारे, डीएसपी ट्रैफिक संतोष कुमार मिश्रा, डीएसपी अजाक्स रोहित राठौर, डिस्ट्रिक कमांडेंट राजेश जैन, आरआई विजय शंकर दुबे, थाना प्रभारी बनखेड़ी रूपलाल उईके,ई पीडब्ल्यूडी वी के शर्मा, सहायक यंत्री पीडब्ल्यूडी कैलाश गुर्धे, जिला आबकारी अधिकारी अरविंद सागर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर दिनेश देहलवार सहित अन्य विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहें।