भोपाल. मध्यप्रदेश में वृद्धों के लिए अब निराश्रित निधि से डे केयर सेंटर का संचालन नहीं किया जाएगा। स्थानीय निकाय और स्वैच्छिक संस्थाएं अपने स्वयं के स्रोत से ही वरिष्ठजनों के लिए डे केयर सेंटर का संचालन कर सकेंगे।
आयुक्त सामाजिक न्याय ई रमेश कुमार ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों और संयुक्त संचालक और उप संचालक सामाजिक न्याय को इस संबंध मं निर्देश जारी किए है। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार के समेकित वरिष्ठ नागरिक कार्यक्रम के अंतर्गत मल्टए सर्विस सेंटर डे केयर सेंटर परियोजा अब 25 रहवासियों के लिए वरिष्ठ नागरिक गृहों में परिवर्तित हो चुकी है। इसलिए अब निराश्रित निधि का उपयोग इस तरह के डे केयर सेंटरों के संचालन में नहीं किया जाए। जिले में आदर्श ग्राम में वरिष्ठजनों की परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु सीधे नीति आयोग के दर्पण पोर्टल पर पंजीयन कर जिले से भारत सरकार से सीधे स्वीकृति प्राप्त कर परियोजनाओं का संचालन किया जाएगा। जिलों में संचालित विभागीय मान्यता एवं अनुदान प्राप्त सभी वरिष्ठजन आश्रमो में स्थानीय वरिष्ठजनों के लिए बिना अतिरिक्त व्यय के डे केयर सेंटर की सुविधा प्रारंभ की जाए ताकि वरिष्ठजनों को अवसाद से बचाने और दिन में समय व्यतीत करने तथा समूह में संवाद करने के लिए आवासीय वरिष्ठ नागरिकों एवं स्थानीय वरिष्ठ नागरिकों के आपस में संपर्क हो सके।
दर्पण पोर्टल से मिलेगी वरिष्ठजनों की योजनाओं को मंजूरी-
जिलों में आदर्श ग्राम में वरिष्ठजनों के लिए संचालित परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अब कलेक्टर और जिले के अधिकारियों को सीधे नीति आयोग के दर्पण पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा। इस पोर्टल की मदद से सीधे भारत सरकार से योजनाओं के संचालन के लिए मंजूरी मिलेगी। राशि का आंबटन और उसकी स्वीकृति भी इसके जरिए देखी जा सकेंगी।
अब अनुदान प्राप्त वृद्धाश्रमों पर बढ़ेगा बोझ-
सामाजिक न्याय विभाग के फरमान से अब जिलों में विभाग से मान्यता प्राप्त और अनुदान प्राप्त वृद्धाश्रमों को बिना किसी अतिरिक्त व्यय के डे केयर सेंटर संचालित करना होगा ताकि वृुद्ध वहां समय बिता सके और समूह में रहकर बातचीत कर सके। इन संस्थाओं को पहले निराश्रित निधि से इसके लिए अलग से राशि मिल जाती थी अब संस्थांओं को अपने स्वयं के स्रोत से इनके लिए राशि जुटाना होगा।