जन हुंकार रैली का निर्णय: जब तक बागली जिला नही धरना रहेगा जारी, 3 विधानसभा सीटों को करेंगे प्रभावित
कुंवर पुष्पराज सिंह सिसौदिया की रिपोर्ट
बागली(देवास)। आगर मालवा को बागली जिला बनाओ अभियान की आधिकारिक शुरुआत से ठीक एक वर्ष बाद जिला घोषित किया गया। जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने बागली को मध्यप्रदेश का 51वां जिला घोषित करने का आश्वासन दिया था। उसके बाद निवाड़ी, नागदा, मऊगंज,पांढुरना और फिर मैहर को जिला घोषित करके नोटिफिकेशन जारी कर कागजी कार्रवाई भी शुरू कर दी गई। लेकिन वर्ष 1962 से 2023 तक सम्पन्न 13 विधानसभा चुनावों में से 12 में भाजपा का उम्मीदवार चुनने वाला बागली क्षेत्र अपनी एक सूत्रीय मांग के लिए धरने और जन हुंकार रैली पर विवश होकर निर्णय कर चुका है कि यदि बागली जिला नहीं तो धरना जारी रहेगा और देवास ज़िले की तीन विधानसभा सीटों के परिणाम प्रभावित करने का प्रयास किया जाएगा।
उक्त निर्णय शनिवार को बागली जिला बनाओ अभियान सहयोग समिति ने बागली जिला बनाओ अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए जन हुंकार रैली के पूर्व बागली के कृषि उपज मंडी प्रांगण में हुई आक्रोश सभा में लिए।
इस दौरान यह निर्णय भी लिया गया कि बागली की जनता आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार और अभियान को मतदान केंद्रों तक लेकर जाएंगे।
सभा के बाद बागली एसडीएम आनंद मालवीया को बागली जिला बनाने का प्रस्ताव और 55वां ज्ञापन सौंपा गया।
मङ्गलाचरण से हुई शुरुआत
जन हुंकार रैली के लिए बागली नगर में पिछले दो दिनों से उत्साह का वातावरण था। विशेषकर युवा और महिलाएं रैली में भाग लेने को लेकर उत्साहित नजर आ रहे थे। आंदोलन समिति ने रैली के समय सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक नगर बंद का आह्वान किया था। लेकिन मुख्य बाजार सुबह से ही बंद था। मेडिकल व्यापारियों ने भी दोपहर में अपनी दुकानें बंद रखी थी। विरोध प्रदर्शन को लेकर पुलिस प्रशासन भी अलर्ट था। निर्धारित समय से पहले ही लोग चापड़ा मार्ग पर स्थित कृषि उपज मंडी प्रांगण में जुटने लगे थे। निर्धारित समय से कुछ देर बाद वाग्योग चेतना पीठम के संचालक पं कनिष्क द्विवेदी अपने बटुक विद्यार्थियों के साथ मंडी प्रांगण पहुंचे। उन्होंने मङ्गलाचरण के बाद शंखनाद किया।
सशिमं प्राचार्य मुकेश दांगी ने सम्पूर्ण राष्ट्रगीत का गायन किया। इसके उपरांत पं द्विवेदी और पं ओम शर्मा ने सम्बोधित करके संयुक्त रूप से मातृभूमि के लिए बागली क्षेत्रवासियों के जज्बे को उचित बताया और कहा कि यदि आपने कहा है तो बागली को जिला बनाइए। अभियान के प्रवक्ता एडवोकेट मुकेश कुमार गुर्जर ने अभियान की संपूर्ण जानकारी देते हुए कहा की बागली क्षेत्र की जनता पिछले 14 वर्षो से एक ही मांग को लेकर सडक़ पर उतरने को मजबूर है। बागली क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य होने के साथ, भौगोलिक दृष्टि सहित सर्वाधिक प्राकृतिक संपदा, राजस्व सहित जिले के सभी पैमानों खरा है। दर्जन भर घोषणा के बाद ही कार्यवाही शुरू न होना क्षेत्र के लिए अपमानजनक है।
गुर्जर ने हुंकार रैली में पारित निर्णय सुना कर जनता से इस अभियान को घर घर तक पहुंचाने का आवाहन किया। भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष हुकम पटेल अपना समर्थन पत्र सौपा। करणी सेना ने बागली जिला नही बनने पर बीजेपी के बहिष्कार की चेतावनी दी।नूरी मस्जिद के आलिम अब्दुल वाहिद ने कहा की मकसद जब तक पूरा न हो जब तक हमे डट रहना। बागली नप अध्यक्ष प्रतिनिधि कमल यादव ने कहा हमारी एक ही मांग है बागली जिला बने,यदि जिला नही बनता है तो जनता के साथ मिल कर झंडे और डंडे भी छोड़ देंगे। करनावद नगर परिषद अध्यक्ष परसराम पाटीदार, आल इंडिया बंजारा संघ के उपाध्यक्ष मनोहर सिंह नायक, सरपंच संघ ब्लाक अध्यक्ष नाथू सिंह सेंधव,पिपरी सरपंच सुरेश राव पाटिल, लोकेश जैन, संतोष जैन, शांतिलाल सौलिया, राकेश जाट, मूलचंद परमार, कमलेश जोशी आदि ने समर्थन दिया। रैली में भाजपा कांग्रेस से जुड़े कई जनप्रतिनिधियों सहित दर्जन भर से अधिक विधानसभा के दावेदार मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सोमेश उपाध्याय ने किया व आभार शंकर लाल भाटी ने माना।व्यवस्था की दृष्टि से प्रशासन के पुख्ता इंतजामात थे।
महिलाओं ने की नारेबाजी
हुंकार रैली में महिलाओ की रिकार्ड संख्या उमड़ी। महिलाओं ने जम कर नारेबाजी कर शिवराज भैया से बागली को जिला बनाने का अनुरोध किया। वही सभा के बाद आरंभ हुई हुंकार रैली में अग्रिम पंक्ति में महिलाएं,बच्चे,बुजुर्ग और फिर यूवा शामिल रहे। 2 किलो मीटर लंबी रैली में जनता जिला बनाने की अपील करती रही।रास्ते भर विभिन्न समाजों द्वारा स्वागत मंच लगा कर जलपान इत्यादि की व्यवस्था की गई थी।