Decisions Of Shivraj Cabinet: महाकाल कॉरिडोर का नाम अब “महाकाल लोक”, उज्जैन को मिली कई सौगातें
उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट
उज्जैन: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज उज्जैन में पहली बार मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई। उज्जैन के विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन में आयोजित मंत्री परिषद की इस बैठक में अलग ही नज़ारा देखने को मिला। मुख्यमंत्री की कुर्सी की जगह पर बाबा महाकाल की तस्वीर रख कर उन्हें अध्यक्षीय आसंदी दी गई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह उनके पास लगी कुर्सी पर बैठे थे। मुख्यमंत्री ने कहा उज्जैन में बाबा महाकाल ही राजा है। हम सभी मंत्रीगण उनके सेवक मात्र है।
बैठक के बाद गृह एवं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि आज की इस मंत्री परिषद की बैठक में महाकाल की कृपा बरसी है । बैठक में सर्व प्रथम निर्णय बाबा महाकाल के नव श्रृंगारित एवं विशाल कॉरिडोर के नामकरण का हुआ है । अब यह कॉरिडोर “महाकाल लोक” के नाम से जाना जाएगा। पहले इस परिसर का नाम “शिव शृष्टि” दिया गया था, मगर महाकाल के नाम का लोप एवं उच्चारण अशुद्धि के कारण नाम बदलने पर सहमति बनी है । इस कॉरिडोर के द्वितीय चरण के काम भी जल्द शुरू होंगे।
उन्होंने बताया कि अगले माह 11 अक्टूबर को शिव भक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया, काशी कॉरिडोर का लोकार्पण किया, अब उनके द्वारा ही इस दिव्य परिसर “महाकाल लोक” का लोकार्पण होगा।
मंत्री श्री मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन की हवाई पट्टी का विस्तारीकरण कर इसका विकास एयरपोर्ट की तरह किया जाएगा। अभी यह 1070 मीटर की है। इसे विस्तारित किया जाएगा। पहली बार में 80 करोड़ की लागत से यह काम होगा। इसके लिए आस पास लगी जमीनों का अधिग्रहण भी किया जाएगा।
उन्होंने बताया बाबा महाकाल की सवारी में शामिल होने वाले पुलिस बैंड की संख्या वर्तमान में 11 के लगभग है जो काफी कम है। उज्जैन के पुलिस बैंड की संख्या बढ़ाकर 47 किये जाने का प्रस्ताव पास किया गया है । इसके लिए जल्द ही पुलिस बैंड भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा उज्जैन की क्षिप्रा नदी अविरल बहती रहे, इसके लिए प्रोजेक्ट बनाने की सेद्धांतिक स्वीकृति दी गई है, जिसमें रिवर फ्रंट की तर्ज पर घाटो का विस्तार होगा। ऊँचाई के क्रम से बनने वाले बड़े जलाशयों से जोड़कर क्षिप्रा नदी को सदा प्रवाहमान बनाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जल जीवन मिशन में प्रदेश के 22 जिले के 9197 गावो में 17971.9 करोड़ रुपए की नल जल योजना स्वीकृत की गई है। यह योजना 2024 के पूर्व ही पूरी कर ली जाएगी।
मुख्यमंत्री उद्यमी विकास योजना में संशोधन किए गए है। पहले इस योजना में आयु सीमा 18 वर्ष से 40 वर्ष की थी, अब आयु सीमा बढ़ाकर 18 से 45 वर्ष किए जाने का निर्णय किया है ।शैक्षणिक योग्यता को भी घटाया गया है। पहले शैक्षणिक योग्यता 12 वी रखी गई थी अब इसे घटाकर 8वी करने का निर्णय पारित किया गया है।