Defection of Councillors : इंदौर में कांग्रेस के टिकट से पार्षदों के दलबदल पर हाई कोर्ट सख्त!

सरकार को पार्षदों की अयोग्यता के संबंध में दो माह में निर्णय लिया जाए!

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Defection of Councillors : इंदौर में कांग्रेस के टिकट से पार्षदों के दलबदल पर हाई कोर्ट सख्त!

Indore : इंदौर नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते तीन पार्षद बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। ये पार्षद थे शिवम यादव (वार्ड क्रमांक 17, ममता सुभाष सुनेर (वार्ड क्रमांक 15) और विनीता धर्मेंद्र मौर्य (वार्ड क्रमांक 23) इन्होंने इंदौर नगर निगम का 2022 का चुनाव कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार बनकर लड़ा और जीता था। चुनाव जीतने के बाद तीनों पार्षदों ने भाजपा कि सदस्यता ग्रहण कर ली।

इनके खिलाफ़ कांग्रेस की पार्षद (वार्ड क्रमांक 45) सोनिला मिमरोट ने मध्यप्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1956 की धारा 17 (2) का हवाला देते हुए याचिका लगाकर उन्हें आयोग घोषित करने की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका लगाई थी। इस मामले में हाई कोर्ट ने राज्य शासन से दो माह में जवाब मांगा है। याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन को आदेशित किया कि वे पार्षदों की अयोग्यता के संबंध में दो माह में निर्णय ले।

कोर्ट के इस आदेश ने पार्षदों की चिंता बढ़ा दी। वार्ड 45 की कांग्रेस पार्षद और महिला जिला अध्यक्ष सोनिला मिमरोट ने लगाई इस याचिका पर अधिवक्ता जयेश गुरनानी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा।

तीनों वार्डों में फिर चुनाव कराए जाएं

इस दल-बदल से व्यथित होकर कांग्रेस पार्षद ने 20 मई 2024 को अभ्यावेदन प्रस्तुत कर यह मांग की थी कि तीनों पार्षद दलबदल करने के कारण मप्र, नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा 17 (2) के तहत पार्षद रहने योग्य नहीं हैं। इसीलिए उन्हें धारा 17 (3) के तहत अयोग्य घोषित कर पुन: चुनाव कराए जाएं।

इस अभ्यावेदन पर राज्य शासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने राज्य शासन को कहा कि वह याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर दो माह के भीतर सुनवाई का अवसर प्रदान कर निर्णय लें। राज्य शासन की ओर से पैरवी अधिवक्ता डॉ अमित भाटिया द्वारा की गई।