किस विटामिन की कमी से हाथ और पैर में झुनझुनी होती है?
कई बार लोगों को हाथ-पैरों में झनझनाहट (tingling in hand and feet) महसूस होती है. जिसकी वजह से पैर सो जाता है या कुछ समय तक करंट सा महसूस होता रहता है. हालांकि ये कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन मेडिकल में इसे पैरेस्थेसिया (Paresthesia) कहते हैं.
इसका प्रभाव शरीर के कुछ अंग जैसे- पैर, उंगलियां, हाथ और तलवे में होता है. अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है. कहीं इसके पीछे कोई बड़ा कारण तो नहीं है.अस्थायी पेरेस्टेसिया आम है और इसे “पिन और सुई” के रूप में संदर्भित किया जा सकता है।
यह तंत्रिका पर दबाव डालने के कारण होता है, जैसे कि जब कोई व्यक्ति अपनी बांह के बल सो जाता है या पैरों को क्रॉस करके बहुत देर तक बैठता है। जब दबाव से राहत मिलती है, तो संवेदना दूर हो जाती है। कुछ विटामिन और खनिज की कमी भी पेरेस्टेसिया का कारण बन सकती है। विटामिन बी5 (पैंटोथेनिक एसिड) की कमी विटामिन बी12 (पैंटोथेनिक एसिड) की कमी, जिससे एनीमिया हो सकता है, जो पेरेस्टेसिया का एक कारण विटामिन ई की कमी कैल्शियम की कमी (हाइपोकैल्सीमिया) मैग्नीशियम की कमी (हाइपोमैग्नेसीमिया).
इस झनझनाहट (Tingling) को दूर करने के लिए डाइट में कुछ बदलाव करने के साथ ही जरूरी एहतियात बरते जा सकते हैं. निम्न वे टिप्स हैं जो हाथ-पैरों की सनसेशन को दूर करने में मददगार हैं.
मीट जैसे लीवर विटामिन बी का अच्छा स्त्रोत है.
शाकाहारी लोगों के लिए स्प्राउट्स और वेजीटेबल ऑयल अच्छे ऑप्शन हैं.
सूरजमुखी का तेल और राजमा भी विटामिन बी की कमी पूरे करने के लिए खाए जा सकते हैं.
विटामिन ई (Vitamin E) की कमी पूरे करने के लिए खानपान में एवोकाडो को शामिल किया जा सकता है.
सूखे मेवों में भी अच्छी मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है. खासकर बादाम विटामिन ई से भरपूर होता है.
इस झनझनाहट को दूर करने के लिए हाथ या पैरों से किसी भी तरह का प्रेशर हटाएं.
हाथ-पैर मोड़कर बैठने पर झनझनाहट हो तो उन्हें सीधा करें.
यहां-वहां चलने की कोशिश करें.
हाथों में जब चींटी चढ़ने जैसा लगे तो मुट्ठी बंद करें और फिर खोलें. ऐसा कुछ देर करके देखें, आराम महसूस होगा.
हाथ-पैरों में झनझनाहट के वक्त आपको चुभन सी महसूस होगी. शरीर का कोई हिस्सा सुन्न पड़ जाएगा. शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होगी. शरीर ठंडा पड़ सकता है. इसके साथ ही हाथ-पैरों में झनझनाहट होना इसका मुख्य लक्षण हैं.