

Deforestation Controversy : हैदराबाद में 400 एकड़ जंगल को साफ करने का विवाद नहीं सुलझा, अब कांग्रेस नेता मध्यस्थ बनी!
हैदराबाद से रुचि बागड़देव की रिपोर्ट
Hyderabad : हैदराबाद यूनिवर्सिटी के कई छात्र संघ सरकार के कांचा गाचीबाउली गांव में 400 एकड़ इलाके में फैले जंगल की कटाई मामले में विरोध कर रहे हैं। आईटी पार्क के नाम पर की जा रही इस कटाई के खिलाफ ग्रामीण भी सड़क पर आ गए। उनका कहना है कि इससे जंगल में रहने वाले जानवरों का प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहा और वे आबादी की तरफ भाग रहे हैं।
यूनिवर्सिटी इस फैसले के विरोध में छात्र कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे है। अब इस मामले में एआईसीसी की पार्टी मामलों की प्रभारी मीनाक्षी नटराजन का भी बयान सामने आया। उन्होंने राज्य की डीएमके सरकार से हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पास स्थित 400 एकड़ भूमि के मुद्दे पर सभी संबंधित पक्षों के साथ चर्चा की अपील की।
जंगल कटाई को लेकर बढ़ते विवाद के बीच कांग्रेस नेता नटराजन ने कहा कि सरकार को छात्रों और अन्य लोगों की बात को सुनना चाहिए और भूमि से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। इसके साथ ही, सरकार को सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए। नटराजन ने तेलंगाना में आते ही यह बयान दिया। साथ ही उम्मीद जताई कि इस मुद्दे पर नागरिक समाज समूहों से भी बैठकें की जाएंगी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कांचा गाचीबोवली की जमीन राज्य सरकार की है और मौजूदा सरकार ने अदालतों में लड़ाई लड़ी और इसे अपने कब्जे में रखा। वहीं इस मामले में यूनिवर्सिटी सूत्रों ने बताया कि कुछ छात्र समूह और कर्मचारी जल्द ही कांग्रेस नेता मीनाक्षी नटराजन से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि, यूओएच छात्र संघ के अध्यक्ष उमेश अंबेडकर ने कहा कि उन्हें आधिकारिक बातचीत के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला।
जानिए कि आखिर क्या है पूरा विवाद
तेलंगाना सरकार ने कांचा गाचीबोवली में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए 400 एकड़ जमीन विकसित करने की योजना बनाई है। इससे यूनिवर्सिटी के छात्रों का विरोध शुरू हो गया है। छात्रों का कहना है कि यह जमीन यूनिवर्सिटी की है। जबकि, तेलंगाना सरकार का कहना है कि यह उनके कब्जे में है और उन्होंने यूओएच को इसके बदले अन्य जमीन आवंटित की है।
इस मुद्दे की सुनवाई तेलंगाना उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में हो रही है। बढ़ते विवाद को देखते हुए साइबराबाद पुलिस ने सार्वजनिक शांति को बनाए रखने के लिए 4 अप्रैल को 400 एकड़ भूमि क्षेत्र में लोगों के प्रवेश पर 16 अप्रैल तक प्रतिबंध लगा दिया था। इस मामले की सुनवाई अब तेलंगाना उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट में हो रही है।
ग्रामीण भी सड़कों पर उतर आए
हैदराबाद के कांची गाचीबावली जंगल में अवैध कटाई के विरोध में स्थानीय ग्रामीण भी सड़कों पर उतर आए। ग्रामीणों का कहना है कि जंगल की कटाई से क्षेत्र का भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। विकास के नाम पर की जा रही कटाई से वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहा है। स्थानीय लोगों ने कांग्रेस सरकार पर अवैध रूप से जंगल काटकर आवासीय परियोजनाएं बनाने का आरोप लगाया है। हजारों की संख्या में ग्रामवासियों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जंगल की कटाई नहीं रुकी तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उनका कहना है कि पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ से क्षेत्र एक बड़ी विनाशलीला की ओर बढ़ रहा है।