फर्नीचर प्रदाय में देरी,करोड़ों की खरीदी रोकी,आदेश किया निरस्त

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भोपाल: प्रदेश में समग्र शिक्षा के अंतर्गत माध्यमिक शालाओं में फर्नीचर खरीदी के लिए चयनित फर्मो को खरीदी आदेश जारी होंने के बाद भी फर्मो ने समयसीमा निकलने के बाद भी फर्नीचर प्रदाय नहीं किए। इसके चलते स्कूल शिक्षा विभाग ने 26 करोड़ 4 लाख रुपए की खरीदी पर रोक लगा दी है। खरीदी आदेशों को निरस्त कर दिया गया है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने लघु उद्योग निगम के जरिए प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों में स्टूडेंट टेबल और बैंच खरीदी के लिए निविदाएं आमंत्रित की थी। इसमें सबसे कम दरों पर फर्नीचर प्रदाय करने वाली कंपनियों को खरीदी के आदेश जारी किए गए थे। इसके लिए विभिन्न फर्मो से 44 करोड़ 16 लाख रुपए के फर्नीचर की खरीदी की जाना था। इसमें से फर्मो ने केवल 18 करोड़ 11 लाख रुपए का फर्नीचर प्रदेशभर के स्कूलों मे किया लेकिन 26 करोड़ 4 लाख रुपए के फर्नीचर की आपूर्ति समय पर नहीं की। बार-बार याद दिलाए जाने के बाद भी जब फर्नीचर का प्रदाय समय पर नहीं किया गया तो अब स्कूल शिक्षा विभाग ने लघु उद्योग निगम को पत्र लिखकर प्रदाय नहीं हुए फर्नीचर के आदेश निरस्त करते हुए अब फर्नीचर नहीं लेने के निर्देश दिए है। ये सारे खरीदी आदेश निरस्त कर दिए गए है।

प्रदेश के 52 जिलों के 809 स्कूलों में 1 लाख 33 हजार 882 स्कूली बच्चों के लिए फर्नीचर खरीदी की जाना है। इसके लिए 44 करोड़ 16 लाख रुपए का बजट आबंटित किया गया था। लेकिन इसमें से केवल क्रियेटिंग स्पेस प्राइवेट लिमिटेड ने 9 जिलों में 22 करोड़ 5 लाख रुपए के फर्नीचर आदेश में 16.03 प्रतिशत प्रदाय किए गए। कृष्णा इंडस्ट्रीज ने छह जिलों में 11 करोड़ 11 लाख 20 हजार रुपए के फर्नीचर खरीद आदेश में 16.03 प्रतिशत प्रदाय किए गए। इम्प्रेशन फर्नीचर इंडस्ट्री भोपाल श्री वैष्णव इंडस्ट्री और मेथोडेक्स फर्नीचर कंपनियों से भी फर्नीचर लिए गए। इन सभी पांच कंपनियों ने 41 फीसदी फर्नीचर प्रदाय किए।

तैतीस जिलों में नहीं पहुंचे फर्नीचर-
प्रदेश के 33 जिलों में 78 हजार 970 स्टूडेंट के लिए 26 करोड़ 4 लाख 50 हजार रुपए के फर्नीचर प्रदाय ही नहीं किए गए। इसके चलते अब इन सभी से फर्नीचर खरीदी पर रोक लगा दी गई है।