दिल्ली ब्लास्ट… गंभीर संकेत…

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Red Fort Delhi Car Blast
  • दिल्ली ब्लास्ट… गंभीर संकेत…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

दिल्ली ब्लास्ट एक बार फिर हमें चेतावनी दे रहा है कि अगर हमने एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में जीना शुरु नहीं किया तब ऐसी घटनाएं घटित होती रहेंगी। ब्लास्ट में शामिल आरोपी की पहचान डॉक्टर उमर के रूप में हो रही है। 10 नवंबर 2025 की शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक ट्रैफिक सिग्नल पर धीमी गति से चल रही एक कार में विस्फोट हुआ था, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और कई वाहन जलकर नष्ट हो गए। पुलिस ने ब्लास्ट में इस्तेमाल आई-20 कार के ड्राइवर की पहचान कर ली है। पुलिस ने उमर की पहचान लाल किले के पास हुई आई-20 कार के ड्राइवर के रूप में की है, जिसकी पुष्टि पार्किंग में लगे सीसीटीवी फुटेज से हुई है। उमर हमले के कुछ समय पहले से लापता फरीदाबाद का डॉक्टर है। विस्फोट से पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से दो डॉक्टरों को आतंकवादी समूहों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवतुल हिंद (एजीएच) से कथित संबंधों के लिए गिरफ्तार किया था। पुलिस सूत्रों का मानना है कि गनई की गिरफ्तारी के बाद लापता हुआ तीसरा डॉक्टर उमर नबी ही संभावित हमलावर है और सीसीटीवी फुटेज में हुंडई आई-20 में नजर आ रहा व्यक्ति है।

फिर सवाल यही उठता है कि आखिरकार आतंकी घटनाओं में एक समुदाय विशेष के लोगों की संलिप्तता आखिरकार क्या संकेत दे रही है? लव जिहाद, धर्मांतरण और आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर भय का माहौल पैदा कर समुदाय विशेष के लोग आखिर अपनी पूरी कौम को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश में शामिल हैं अथवा इस बात को प्रमाणित कर रहे हैं कि वह हमेशा ऐसी साजिश कर भारत की सुरक्षा दीवार को वह भेदते रहेंगे और निर्दोषों को अपना निशाना बनाते रहेंगे। लालकिले के पास हुए भीषण कार धमाके के महज़ एक दिन बाद, सुप्रीम कोर्ट ने देश को एक सख्त और स्पष्ट संदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि आतंकी गतिविधियों से जुड़े मामलों में किसी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी। और सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में संलिप्त समुदाय विशेष के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।

दिल्ली ब्लास्ट में शामिल डॉ. मोहम्मद उमर, एक कश्मीरी डॉक्टर है, जिसके जैश-ए-मोहम्मद से संबंध बताए जा रहे हैं। उमर ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर साजिश रची थी, लेकिन फरीदाबाद में गिरफ्तारियों के बाद घबराकर उसने अकेले ही ब्लास्ट को अंजाम दिया‌। फरीदाबाद पुलिस ने धमाके से कुछ घंटे पहले ही 2,900 किलो विस्फोटक और हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद किया था और तीन डॉक्टर समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। शुरुआती जांच में पुष्टि हुई है कि धमाके में अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल का इस्तेमाल हुआ था जो आमतौर पर एक हाई-इंटेंसिटी विस्फोटक है जो सैन्य-स्तर के ब्लास्ट में इस्तेमाल होता है। सवाल यह है कि अगर इतना विस्फोटक पहले जप्त ना हुआ होता तो कितनी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने में यह गुनहगार सफल हो जाते।

दिल्ली ब्लास्ट में गंभीर संकेत छिपे हैं।एक समुदाय विशेष के डॉक्टरी पेशे से जुड़े यह गुनहगार यही कह रहे हैं कि वह भरोसे लायक नहीं है। देश को बचाना है तो बहुत सतर्कता के साथ उन जैसे गुनहगारों पर नजर रखने की जरूरत है। बात फिर वही आ जाती है कि अगर हमें ऐसी घटनाओं से देश को बचाना है तो एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में ऐसे गुनहगारों पर नजर रखनी पड़ेगी। और कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी जिन कंधों पर है, उन्हें अपनी गलतियों को सुधारना पड़ेगा। आजादी के बाद 78 साल में हमसे जो गलतियां हुईं हैं, उन पर गौर कर उन्हें सुधारना पड़ेगा। और आपराधिक मानसिकता के लोगों पर कड़ा शिकंजा कसना पड़ेगा, साथ ही समुदाय विशेष को कटघरे में खड़ा करने वाले देशद्रोहियों पर और भी कड़ा शिकंजा कसना होगा…ताकि पूरी कौम पर उंगली न उठे और हर भारतवासी की पहचान राष्ट्रभक्त के रूप में होती रहे।

 

लेखक के बारे में –

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।