Delhi Mumbai Expressway: फाइल PMO में, कभी भी तय हो सकती है उद्घाटन की तारीख!

दो घंटे में दौसा और 12 घंटे में मुंबई ले जाना वाला मार्ग शायद इसी महीने शुरू! 

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Delhi Mumbai Expressway: फाइल PMO में, कभी भी तय हो सकती है उद्घाटन की तारीख!

  New Delhi : अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंतजार है कि वे देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई ग्रीन कॉरिडोर का उद्घाटन कब करते हैं। कॉरिडोर का दिल्ली से दौसा तक 220 किलोमीटर का हिस्सा बनकर तैयार है। कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए सड़क और परिवहन मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को फाइल भेज दी है। PMO से मंजूरी के बाद इस कॉरिडोर के शुरुआत की तारीख तय होगी।
कई बार इस कॉरिडोर के शुरू होने की तारीख बीत चुकी है। कोशिश की जा रही है कि कॉरिडोर का दौसा तक का हिस्सा इसी महीने (जनवरी) शुरू किया जाए। NHAI के अधिकारियों का कहना है कि कॉरिडोर का काम पूरा हो गया। कॉरिडोर से कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे KMP से कनेक्टिविटी का काम चल रहा है। कनेक्टिविटी शुरू होते ही KMP का ट्रैफिक गुड़गांव शहर में न जाकर इस कॉरिडोर के जरिए बाहर निकल जाएगा।

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220 किमी का सफर दो घंटे में
दिल्ली से दौसा तक 220 किलोमीटर का सफर लोग अपनी गाड़ी से दो घंटे में पूरा कर सकेंगे। इस कॉरिडेार पर मोटर गाड़ियां 120 प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकेंगी। दिल्ली से मुंबई तक पूरा कॉरिडोर इस साल के अंत तक पूरा होने का अनुमान है। कॉरिडोर पर रेस्ट्रोरेंट, रेस्टरूम, शॉपिंग मॉल, होटल जैसी सुविधाओं को पूरा करने का काम भी साथ-साथ चल रहा है। जब तक यह काम पूरा नहीं होता तब तक मोबाइल फ्यूल स्टेशनों से लोगों को फ्यूल मुहैया कराया जाएगा।

क्या है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट
देश का पहला ग्रीन कॉरिडोर दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे 1380 किलोमीटर लंबा है। इस हाइवे के निर्माण पर करीब एक लाख करोड़ की लागत आनी है। हाइवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से गाड़ियां चलेंगी और 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई पहुंचा जा सकेगा। कॉरिडोर को 12 लेन का बनाने की योजना है। अभी तक पूरे वर्ल्ड में 12 लेन का इतना लंबा कॉरिडोर नहीं है।

यह मार्ग पांच राज्यों से गुजरेगा
दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर पांच राज्यों से होकर गुजरेगा। इनमें दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं। यह एक्सप्रेस-वे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद और सूरत जैसे इकॉनमिक हब के लिए भी शानदार कनेक्टिविटी मुहैया कराएगा। इस कॉरिडोर के शुरू होने से बिजनेस कनेक्टिविटी बढ़ेगी और ट्रेड को बढ़ावा मिलेगा।

ट्रैफिक बढ़ने पर 8 से 12 लेन होगा
अभी यह हाइवे आठ लेन का है। हाइवे के बीच में 21 मीटर चौड़ी जगह छोड़ी जा रही है, जैसे ही इस पर ट्रैफिक बढ़ेगा, दोनों ओर दो-दो लेन और बना दी जाएंगी। इससे यह हाइवे 12 लेन का हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक हरियणा में इस हाइवे की कुल लंबाई 160 किलोमीटर है। हरियाणा के पैकेज पर 11 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके अलावा दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर के अन्य हिस्सों पर भी काम चल रहा है, कुछ पर काम खत्म भी हो गया है।

इलेक्ट्रिक गाड़ियों की अलग लेन
इस एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की अलग से लेन होगी। इस हाइवे के शुरू हो जाने पर हर साल करीब 32 करोड़ लीटर फ्यूल की बचत होगी। इसकी वजह से सालाना करीब 85 करोड़ किलोमीटर कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन घटेगा, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। हाइवें पर करीब 20 लाख पौधे लगाए गए हैं।