
दिल्ली पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के मामले में बड़वानी जिले के 2 युवकों को किया गिरफ्तार
बड़वानी : दिल्ली पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर करोड़ों की साइबर ठगी करने वाले रैकेट में शामिल बड़वानी जिले के ठीकरी क्षेत्र के दो युवकों को दबोचा है। 8 करोड़ से अधिक लेनदेन के खुलासे से हड़कंप मच गया है।
दिल्ली पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर साइबर ठगी करने वाले ठीकरी के अंशुल राठौड़ और घटवा को दीपेश पाटीदार को गिरफ्तार किया।
दिल्ली में एक 78 वर्षीय बुजुर्ग से “डिजिटल अरेस्ट” का भय दिखाकर करोड़ों की ठगी करने वालों का तार मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के ठीकरी थाना क्षेत्र से जुड़ गया है। दरअसल दिल्ली के प्रीतमपुरा निवासी कृष्णस्वरूप तिवारी ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई कि उनसे दो करोड़ 19 लाख रुपये ठग लिए गए। शिकायत में कहा गया कि आरोपियों ने खुद को सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताते हुए उन्हें “डिजिटल अरेस्ट” में लिए जाने का झांसा दिया और रकम विभिन्न खातों में जमा करवाने को मजबूर किया।
दिल्ली साइबर सेल ने जब लेनदेन की गहराई से जांच की तो एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ। शुरुआती जांच में सामने आया कि जिन खातों में करोड़ों रुपये जमा करवाए गए, उनमें से एक बैंक खाते में 8 करोड़ रुपये से अधिक का संदेहास्पद लेनदेन हुआ है। इन खातों की लोकेशन मप्र के बड़वानी जिले के ठीकरी क्षेत्र से जुड़ने पर दिल्ली पुलिस की टीम तुरंत मध्य प्रदेश रवाना हुई।
ठीकरी थाने पहुंची टीम ने क्षेत्र के दो युवकों को हिरासत में लिया। पुलिस के अनुसार दोनों युवकों के खातों में भारी-भरकम रकम के लेनदेन, कई संदिग्ध ट्रांजेक्शन्स और डिजिटल अरेस्ट ठगी से जुड़े प्रमाण मिले हैं। उनके पास मोबाइल, सिम कार्ड, चेक बुक और एटीएम कार्ड जप्त किए गए हैं। पकड़े गए युवकों से पुलिस गहन पूछताछ कर रही है कि यह रकम आगे किन-किन खातों में भेजी गई और इस रैकेट का मास्टरमाइंड कौन है।
दोनों युवक सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ लोगों के संपर्क में आए थे, जिन्होंने उन्हें लखनऊ बुलाया था। लखनऊ में मुख्य आरोपियों ने उनसे कुछ खाते खुलवाये और साइबर ठगी के रैकेट में शामिल कर लिया। यह खाते डिजिटल अरेस्ट किए हुए लोगों से पैसे डलवाने के काम आते थे। इसके एवज में दोनों आरोपियों को एक निश्चित राशि का भुगतान होता था।
दिल्ली पुलिस ने स्थानीय पुलिस की सहायता से गुरुवार को दोनों आरोपियों को सुरक्षा घेराबंदी के बीच अंजड़ न्यायालय में पेश किया गया। उनका रविवार रक का ट्रांजिट रिमांड प्राप्त कर उन्हें दिल्ली ले जाया गया है।
इस पूरे प्रकरण ने बड़वानी जिले में सनसनी फैला दी है, क्योंकि करोड़ों की साइबर ठगी का इतना बड़ा नेटवर्क पहली बार जिले से जुड़ा पाया गया है। पुलिस अब इस गिरोह के बड़े सदस्यों तक पहुंचने के लिए तकनीकी जांच और बैंक खातों की फॉरेंसिक पड़ताल कर रही है।





