Demand for Full Salary : प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों की 2020 से स्वीकृत पूरे वेतन की मांग!

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Demand for Full Salary : प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों की 2020 से स्वीकृत पूरे वेतन की मांग!

रोजगार चयन बोर्ड से चयनित शिक्षक और कर्मचारी अब आंदोलन की राह पर!

Bhopal : मध्य प्रदेश में कर्मचारी 100% वेतन और अपनी प्रोविजनल अवधि तीन से घटाकर दो साल करने की मांग कर रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिलने के कारण वे आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे। प्रदेश के रोजगार चयन बोर्ड से चयनित कर्मचारियों को पहले साल में वेतन का 70%, दूसरे साल में 80% और तीसरे साल 90% भुगतान किया जाता है। ये कर्मचारी तीन साल की प्रोविजनल अवधि के अंतर्गत कार्यरत हैं। इस अवधि को पूरा करने के बाद ही वे नियम के तहत 100% वेतन पाने के पात्र होंगे।

एमपी का रोजगार चयन बोर्ड शिक्षकों, पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ, सहायक लेखा अधिकारी, पटवारी, समूह -3 उप अभियंता, ड्राफ्ट्समैन, पुलिस कांस्टेबल और अन्य सहित विभिन्न पदों के लिए भर्ती आयोजित करता है। विभिन्न विभागों के 70 हजार से अधिक कर्मचारियों को उनका 100% वेतन नहीं मिल रहा। इस क्रमबद्ध वेतन संरचना को लागू करने का आदेश 22 फरवरी, 2020 को लागू किया गया था।

पिछले साल अप्रैल में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी, कि शिक्षकों को पहले साल में 70% और दूसरे साल में 100% वेतन मिलेगा। इस घोषणा से शिक्षकों को बड़ी राहत मिली, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक इस आदेश पर अमल नहीं किया गया।

महत्वपूर्ण बात यह कि रोजगार चयन बोर्ड द्वारा भर्ती किए गए कर्मचारियों के लिए 100% वेतन के संबंध में कोई घोषणा नहीं की गई थी। अब सभी कर्मचारी एकजुट होकर दूसरे साल से 100% वेतन लागू करने और प्रोविजनल पीरियड को घटाकर दो साल करने की मांग कर रहे हैं।

इन कर्मचारियों की मांग है कि प्रदेश में नवनियुक्त कर्मचारियों को निर्धारित व्यवस्था के कारण वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि सभी कर्मचारियों को 100% वेतन प्रदान करके और कम करके इस मुद्दे का समाधान किया जाए। इसके अलावा प्रोबेशन पीरियड भी तीन साल से घटाकर दो साल का हो।

गौरतलब है कि इन कर्मचारियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘मध्यप्रदेश सौ फीसदी वेतन दो’ हैशटैग के साथ एक आंदोलन शुरू किया है। वे ‘एक्स’ पर अपनी चिंता व्यक्त कर 17 अक्टूबर को भोपाल में विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। उनका कहना है कि मेहनत करने के बावजूद मध्य प्रदेश में नवनियुक्त कर्मचारियों को आंशिक वेतन ही मिल रहा। यह कैसी व्यवस्था है? क्या यह उचित है? हम जो काम करते हैं उसका पूरा वेतन मांगते हैं। अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम मजबूर हो जाएंगे।