Demand of NDA Parties : नई सरकार में नायडू और नीतीश ने मांगे 4-4 मंत्रालय, भाजपा का टेंशन बढ़ा!

1701

Demand of NDA Parties : नई सरकार में नायडू और नीतीश ने मांगे 4-4 मंत्रालय, भाजपा का टेंशन बढ़ा!

NDA की बैठक में सरकार के गठन के फार्मूले पर चर्चा, INDIA भी कोशिश में!

New Delhi : आज हुई एनडीए की बैठक में भाजपा के नरेंद्र मोदी को फिर नेता चुन लिया गया। अब इंतजार नई सरकार के गठन का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ नई सरकार के गठन की तैयारियां तेज हो गई। दिल्ली में हुई एनडीए की बैठक में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की मौजूदगी को अहम माना गया। लेकिन, इन दोनों नेताओं ने अपनी पार्टियों के लिए 4-4 मंत्रालय मांग कर भाजपा को टेंशन में ला दिया।

एनडीए की नई सरकार के गठन को लेकर फार्मूले पर बात चल रही है। क्योंकि, स्पष्ट बहुमत न मिलने से अब भाजपा को भी अपने सहयोगी दलों की बात मानना होगी। यही वजह है कि एनडीए में शामिल हर पार्टी अपनी डिमांड कर रही हैं। नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) नेता चिराग पासवान समेत एनडीए में शामिल तमाम नेता दिल्ली बैठक में शामिल हैं। एनडीए के सहयोगी दलों की डिमांड ने भाजपा आलाकमान की टेंशन भी बढ़ा दी। उनकी बात को सुनना और उसे पूरा करना अब नई सरकार के मुखिया की मज़बूरी भी बन गया।

WhatsApp Image 2024 06 05 at 19.15.53

जानकारी के मुताबिक, 8 जून को नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। लेकिन, नई सरकार के गठन से पहले एनडीए में शामिल पार्टियों ने मंत्रालय को लेकर दावेदारी तेज कर दी। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने 4 मंत्री पद मांगे हैं। वहीं चिराग पासवान ने दो, जीतनराम मांझी ने एक और टीडीपी ने भी चार से अधिक मंत्रालय और स्पीकर पद की मांग रखी है।

भाजपा को स्पष्ट बहुमत न मिलने से सहयोगी हावी

चुनाव नतीजों में भले ही एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिल गया, लेकिन बीजेपी अपने दम पर बहुमत के जादुई आंकड़े 272 से दूर रही। टीडीपी ने 16, जेडीयू ने 12, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 7 और चिराग की पार्टी ने 5 लोकसभा सीटें जीती हैं। ऐसे में एनडीए के साथ इंडिया गठबंधन की ओर से भी सरकार बनाने की कवायद होती दिख रही है। इसे लेकर जहां बीजेपी दावे कर रही है, वहीं विपक्ष भी लगातार सक्रियता बनाए हुए है। ख़ासकर एनडीए को दो घटक दल जेडीयू और टीडीपी पर अब इंडिया गठबंधन की भी निगाहे हैं। ये दोनों दल किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं।

‘इंडिया’ भी दांव खेलने की कोशिश में

भाजपा की कार्यशैली देख चुका विपक्ष अब किसी भी मौके को छोड़ना नहीं चाहता। ऐसे में नई सरकार के गठन में एनडीए के अन्य सभी दलों का रोल अहम होगा। ये बात एनडीए में शामिल सभी सहयोगी दलों को पता है। यही वजह है कि अब उन्होंने नई सरकार के गठन में बड़ी डिमांड शुरू कर दी। जबकि, राजनीति के गलियारों में यह चर्चा भी है कि विपक्ष नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री का पद का प्रस्ताव दे सकता है। टीडीपी का इतिहास रहा है कि वह जिस गठबंधन के साथ रही है, उसके साथ कार्यकाल पूरा नहीं करती। विपक्षी खेमा उसके सामने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने का प्रस्ताव भी रख सकता है।