
रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर रेल लाइन का रुका काम आरंभ करवाने की उठी मांग!
Ratlam : सृजन भारत’ अध्ययन वृत मंच के संयोजक अनिल झालानी ने केंद्र शासन से मांग की हैं कि इस आदिवासी क्षेत्र की जनता की दशकों पुरानी चिर प्रतीक्षित अभिलाषा की पूर्ति की राह जो रही रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर रेल लाइन का कार्य अति शीघ्र प्रारंभ किया जाएं। झालानी ने बताया कि बांसवाड़ा व डूंगरपुर राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य जिले हैं तथा रतलाम भी मध्य प्रदेश का आदिवासी क्षेत्र हैं अतः यदि सरकार आदिवासियों के विकास के प्रति वास्तविक रूप से गंभीर हैं व उसका मन स्वच्छ हो और क्षेत्र के विकास की मंशा है तो इस रेल योजना की तत्काल स्वीकृती तथा शीघ्रता से कार्य आरंभ ही इस बात को व्यक्त और प्रदर्शित करने का एकमात्र माध्यम होगा।
झालानी ने बताया कि पूर्व में भी मेरे द्वारा इस बारे में मांग की जाती रही है तथा सरकारों द्वारा समय-समय पर न केवल घोषणा की गई 3 फरवरी को बल्कि कार्य भी शुरू किया गया। परंतु लगता है कमजोर आदिवासी नेतृत्व के कारण बांसवाड़ा को उसका वाजिब हक नहीं मिल रहा हैं। बांसवाड़ा में प्रस्तावित विद्युत संयंत्र तथा भूगर्भ में छिपे स्वर्ण भंडार के उत्खनन इस संपूर्ण बागड़ क्षेत्र के विकास के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। तथा इससे रतलाम के विकास की जीवन रेखा साबित होने की संभावना का हित जुड़ा होने से रतलाम की जनता की भी इस रेल परियोजना के क्रियान्वयन में समान रूप से रूचि है। झालानी ने रतलाम व बांसवाड़ा के सांसद, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधिगण, भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से तत्काल यह जनभावना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने की अपील करते हुए कहा कि वे विद्युत यंत्र की आधारशिला रखने के साथ-साथ रेल परियोजना के रुकें कार्यारंभ की भी सार्थक घोषणा करवाएं!





