Demand to Make District : जिला बनाने की मांग के आंदोलन के दूसरे दिन ढाई हजार हस्ताक्षर!

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Demand to Make District : जिला बनाने की मांग के आंदोलन के दूसरे दिन ढाई हजार हस्ताक्षर!

खाचरौद से ऋतुराज बुड़ावनवाला की रिपोर्ट

Khachrod : तीन दशकों में खाचरौद के विकास के लिए किसी भी जनप्रतिनिधि ने तवज्जो नहीं दी। उल्टे ब्लाॅक स्तरीय पदों पर अपनों को आरुढ़ करा उज्जैन जिले की सबसे बड़ी तहसील खाचरौद के टुकड़े कर नागदा को तहसील का दर्जा दिलाकर खाचरौद तहसील का विभाजन करा दिया।

एडीजे कोर्ट की एक शाखा को भी नागदा में स्थापित करा दिया। विकास की लक्ष्मण रेखा कहें जाने वाले सड़कों के जाल से भी खाचरौद को वंचित रखकर सारे के सारे हाईवे और बड़े बायपास क्षैत्र को टालकर ही विकसित किए गए।

यहां पर 1967 से स्थित विकास खंड कार्यालय को भी नागदा में शिफ्ट करने की सुगबुगाहट चली थी, किंतु खाचरौद के सौभाग्य से वह अमलीजामा नहीं पहन सकी। तीन दशकों से दोनों राजनीतिक दलों के द्वारा भी लगातार नदियां के पार के खाचरौद क्षैत्र की उपेक्षा कर विधानसभा का टिकट वितरण भी नागदा क्षैत्र को किया जाता रहा, इसलिए भी नदियां के पार का खाचरौद क्षैत्र विकास के मामले में पिछड़ता चला गया। पिछड़ते खाचरौद क्षैत्र का प्रसिद्ध सर्राफा कारोबार भी विकसित नागदा की और पलायन कर रहा हैं। जनप्रतिनिधियों के इस सौतेले व्यवहार के चलते वर्षों से स्थानीय लोगों के द्वारा नदियां के पार के व्यक्ति को टिकट देने की मांग की जाती रहीं हैं, किंतु हाथ कुछ नहीं लगा।

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नागदा के जनप्रतिनिधियों के द्वारा खाचरौद विकास खंड को प्राप्त विभिन्न संस्थाओं से खाचरौद का नाम विलोपित कर मात्र नागदा ही लिखा जाने लगा। जिसका ज्वलंत उदाहरण खाचरौद तहसील के विकास खंड के तहत ग्राम बुरानाबाद में स्थापित नवोदय विद्यालय है, को भी नागदा में सम्मिलित दर्शाया गया, जिसे वर्तमान खाचरौद जिला बनाओं आन्दोलन के चलते आधे-अधूरे रुप में दुरुस्त किया गया। मध्यप्रदेश की सत्तारुढ़ भाजपा के तात्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सत्तारूढ़ कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा नागदा को जिला बनाने की घोषणा दोनों दलों के
जनप्रतिनिधियों के श्रेय लेने की कवायद के चलते नाक का सवाल बन गयी।

नागदा को जिला बनाने की मांग पर 20 जुलाई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागदा में मंच से पुनः नागदा को जिला बनाने की घोषणा महिदपुर के नागदा जिले में शामिल ना होने के विरोध के चलते इन शब्दों में कि जो भी तहसील इसमें स्वेच्छा से शामिल होना चाहेंगी उसे ही मिलाकर जिला बनाया जाएगा।

खाचरौद के विकास की तड़फ मे जांन फूंक कर जनता को जाग्रत कर दिया। और विकास के लिए दबे-कुचले क्षेत्र के युवाओं ने खाचरौद अधिकार मंच का गठन कर खाचरौद को जिला बनाओं की मांग के साथ आंदोलन का बिगुल बजा सोशल मीडिया पर जनजागृति पैदा कर सैकड़ों की संख्या में 24 जलाई को कलेक्टर उज्जैन के नाम ‘खाचरौद को जिला बनाओं’ की मांग का ज्ञापन सौंपकर आन्दोलन की राह पकड़ ली। आन्दोलन को समाजसेवी ऋतुराज बुड़ावनवाला, अनोखीलाल भंडारी, विजय कुमार सेठी, अनिल शर्मा, गौरव कपुर, अखिलेश शर्मा, मनीष शर्मा, प्रवीण नायक, अनिल वागरेचा सहित अनेक बुद्धिजीवियों, युवाओं समाजसेवियों नौजवानों का खुलकर समर्थन मिल रहा है।

खाचरौद तहसील को जिला बनाने की मांग के आंदोलन के तहत प्रतिदिन दो घंटे नगर के किसी एक चौराहें पर स्टाल लगाकर हस्ताक्षर अभियान चलाया  जा रहा हैं। उज्जैन दरवाजा क्षैत्र के बतख चौराहे पर शुक्रवार को 1047 नागरिकों ने हस्ताक्षर किये।

दूसरे दिन शनिवार को गोपाल मंदिर चौराहा उज्जैन दरवाजा पर 1517 हस्ताक्षर हो चुके थे। दो दिनों में अपनी मांग खाचरौद को जिला बनाओं के समर्थन में हुएं 2564 हस्ताक्षरों ने युवाओं को जोश से सारोबार से कर दिया। इस अभियान में युवावर्ग के साथ ही अनेक महिला नैत्रियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आमजनों के हस्ताक्षर करवाकर जिला बनाने के आंदोलन में अनिल छाजेड़, गौरव शर्मा,मोनू बुड़ावनवाला, एल.एन. पोपड़ीया, राजेन्द्र भारतीय, अमित सेठी, अंकित सोलंकी, अखिलेश सोलंकी, दिलीप पेडवाल, आनंद वाक्तरिया, मयंक गौतम सहित अनेक युवा जुटे हुए हैं।