DEO Education Removed : संस्कृत पर विवादित आदेश निकालने वाले जिला शिक्षा अधिकारी को हटाया!

प्राचार्यों लिखे इस पत्र में हिंदी की जगह भी अंग्रेजी की वकालात की गई!

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DEO Education Removed : संस्कृत पर विवादित आदेश निकालने वाले जिला शिक्षा अधिकारी को हटाया!

Indore : संस्कृत भाषा छात्रों के हित में नहीं है जैसा विवादस्पद आदेश निकालने वाले जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। उनके स्थान पर सुषमा वैश्य (प्राचार्य उमावि) प्रभारी सहायक संचालक कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी को जिला शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार अस्थाई रूप से सौंपा गया है।

मंगलेश व्यास ने पिछले दिनों संस्कृत भाषा के संबंध में एक पत्र जारी कर कहा था कि संस्कृत भाषा छात्रों के हित में नहीं है। इस पत्र पर आरएसएस के कई पदाधिकारियों ने आपत्ति ली थी। इस आधार पर ही मंगलेश व्यास को हटा दिया गया है। जारी आदेश के अनुसार मंगलेश व्यास (मूलपद सहायक संचालक) प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी, इंदौर को तत्काल प्रभाव से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान इंदौर में प्राचार्य के रिक्त पद पर अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक पदस्थ किया गया है।

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संस्कृत हटाने की बात कही कही 

जिला शिक्षा अधिकारी ने 8 जुलाई को सभी स्कूल प्राचार्य को एक पत्र जारी कर व्यावसायिक शिक्षा को लेकर कुछ निर्देश दिए थे उन्होंने शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए नए व्यावसायिक शिक्षा संचालित स्कूल में विषय चुनने को लेकर भी निर्देश जारी किए थे। इस पत्र में 9 बिंदू थे। इसके 6ठे बिंदू में कहा गया है कि बच्चों को 9वीं क्लास में व्यावसायिक शिक्षा के लिए तीन भाषा में से एक में प्रवेश दिया जा सकता है। लेकिन, छात्र हित में संस्कृत के स्थान पर ही यह शिक्षा दिलाई जाए।

इस पत्र के 7वें बिंदू में हिंदी भाषा के लिए भी ऐसे ही निर्देश दिए गए हैं। इसमें लिखा है कि 11वीं कक्षा में हिंदी और अंग्रेजी के स्थान पर व्यावसायिक शिक्षा का चयन किया जा सकता है। लेकिन, छात्र हित में इसे हिंदी के स्थान पर किया जाए। आशय यह की हिंदी हटा दी जाए अंग्रेजी जारी रखी जाए। हिंदी की जगह व्यावसायिक शिक्षा पढाई जाए। आदेश में आगे कहा गया है कि इससे बच्चों को भविष्य में उच्च शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षा में परेशानी नहीं आएगी।