Deprived of Promotion: अफसरों की गलती से पदोन्नति से वंचित सैकड़ों प्राचार्य, व्याख्याता

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Deprived of Promotion: अफसरों की गलती से पदोन्नति से वंचित सैकड़ों प्राचार्य, व्याख्याता

भोपाल: उच्च अधिकारियों द्वारा गोपनीय प्रतिवेदन पर समय पर मतांकन नहीं करने अपूर्ण मतांकन करने के कारण प्रदेश के सैकड़ों प्राचार्य और व्याख्याताओं को समय पर पदोन्नति नहीं मिल पा रही है। समयमान वेतनमान के लाभ से भी वे वंचित है। इसलिए अब राज्य शासन ने ऐसे अफसरों पर सख्ती करने के निर्देश दिए है।

प्रदेश के शासकीय प्राचार्य और व्याख्याताओं के वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदनों पर समय पर नियमानुसार मतांकन नहीं किए जाने से प्राचार्य और व्याख्याताओं को उनकी स्वयं की गलती न होने पर भी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। पदोन्नति और समयमान वेतनमान उन्हें निर्धारित समय पर नहीं मिल पा रहा है। इसलिए अब इनके गोपनीय प्रतिवेदन पर मतांकन करने वाले अफसरों को ताकीद किया गया है कि वे निर्धारित समयसीमा का पालन करें।

प्राप्त जानकारी अनुसार प्राचार्य और व्याख्याता को तीस अप्रैल तक सेल्प असिस्मेंट के लिए फार्म दिया जाएगा उसे भरकर वे तीस जून तक जमा करेंगे। प्रतिवेदक अधिकारी गोपनीय प्रतिवेदन में मतांकन 31 अगस्त तक करेंगे। समीक्षक अधिकारी गोपनीय प्रतिवेदन में मतांकन तीस सितंबर तक करेंगे ओर स्वीकृतकर्ता अधिकारी गोपनीय प्रतिवेदन में तीस नवंबर तक मतांकन करेगे। सभी स्तरों पर अंतिम मतांकन 31 दिसंबर के पहले करना होगा। जिला और संभाग एवं अन्य कार्यालयों में पदस्थ प्राचार्य और व्याख्याताओं के गोपनीय प्रतिवेदन समय पर नहीं मिल रहे है और कई बार अपूर्ण मिल रहे है। कई गोपनीय प्रतिवेदन केवल एक मतांकन के ही भेजे जा रहे है। ऐसे अपूर्ण गोपनीय प्रतिवेदन वापस लौटाए जाते है और इसमें अनावश्यक समय व्यतीत हो रहा है। इससे गलती न होंने पर भी प्राचार्य व्याख्याता पदोन्नति से वंचित रह जाते है। इसलिए सभी को कहा गया है कि समय पर मतांकन करे। नाम स्पष्ट लिखे और सील के साथ मतांकन करें।