

देसी गाय के गोबर की राख: एक चमत्कारी प्राकृतिक औषधि
डॉ. तेज प्रकाश पूर्णानन्द व्यास
भारतीय संस्कृति में गाय को माता का स्थान दिया गया है, और इसके पंचगव्य—दूध, दही, घी, मूत्र और गोबर—को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। प्राचीन आयुर्वेद और आधुनिक वैज्ञानिक शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि गाय के गोबर से बनी राख (गौ भस्म) में अनेक औषधीय और चिकित्सीय गुण होते हैं। यह न केवल शरीर की विभिन्न बीमारियों को ठीक करने में सहायक होती है, बल्कि वातावरण को भी शुद्ध बनाती है। संबद्ध शोध संदर्भों की जानकारी भी साथ ही प्रस्तुत की गई है।
प्रभाग 1:
गौ गोबर भस्म के चमत्कारिक औषधीय
गौ गोबर भस्म भरपूर गुणों की खान है, और यह ऑक्सीजन का एक समृद्ध स्रोत है। गोशाला में काम करने वाले गोपालकों को कोरोना जैसी भयंकर महामारी से भी सुरक्षित रखने में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गाय को अपने आप में ऑक्सीजन प्लांट कहा जाता है, और गाय का गोबर भी ऑक्सीजन का एक अच्छा स्रोत है।
गौ भस्म (राख) बहुत उपयोगी है। साधु-संत संभवतः इन्हीं गुणों के कारण इसे प्रसाद रूप में भी देते थे। गोबर से बनाई गई भस्म इतनी उपयोगी है, तो गाय कितनी उपयोगी होगी, यह आप सोच सकते हैं।
गौ-भस्म में पाए जाने वाले तत्व:
* ऑक्सीजन (O) = 46.6%
* सिलिकॉन (Si) = 30.12%
* कैल्शियम (Ca) = 7.71%
* मैग्नीशियम (Mg) = 2.63%
* पोटैशियम (K) = 2.61%
* क्लोरीन (Cl) = 2.43%
* एल्युमीनियम (Al) = 2.11%
* फास्फोरस (P) = 1.71%
* लोहा (Fe) = 1.46%
* सल्फर (S) = 1.46%
* सोडियम (Na) = 1%
* टाइटेनियम (Ti) = 0.19%
* मैंगनीज (Mn) = 0.13%
* बेरियम (Ba) = 0.06%
* जस्ता (Zn) = 0.03%
* स्ट्रोंटियम (Sr) = 0.02%
* सीसा (Pb) = 0.02%
* तांबा (Cu) = 80 PPM
* वैनेडियम (V) = 72 PPM
* ब्रोमीन (Br) = 50 PPM
* ज़िरकोनियम (Zr) = 38 PPM
मानव शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए गौ-भस्म बहुत उपयोगी है। इसलिए, स्वस्थ रहने के लिए गौ-भस्म युक्त पानी का नियमित सेवन करना चाहिए।
प्रभाग 2:
गौ-भस्म के चिकित्सीय उपयोग:
देसी गाय के गोबर की राख का उपयोग कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज साबित हो सकता है:
* जुकाम से राहत: गौ-भस्म शरीर की अतिरिक्त नमी को सोखने की क्षमता रखती है। इसे माथे और नाक पर लगाने से ठंड से बचाव होता है*
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* खाज-खुजली और त्वचा रोगों में लाभकारी: गौ-भस्म को मक्खन में मिलाकर लगाने से त्वचा रोग जैसे खाज, खुजली, दाद आदि से तुरंत राहत मिलती है।
* मिर्गी रोग में सहायक: गौ-भस्म को पानी में मिलाकर छानकर नियमित रूप से सेवन करने से मिर्गी के दौरे कम हो सकते हैं।
* पेट के कीड़ों से छुटकारा: एक गिलास पानी में एक चम्मच गौ-भस्म मिलाकर तीन से चार दिन तक सुबह-शाम पीने से पेट के कीड़ों से मुक्ति मिलती है।
* जल शुद्धिकरण: गौ-भस्म जल को शुद्ध करने में अत्यंत प्रभावी होती है। एक लीटर पानी में 10 ग्राम (2 चम्मच) भस्म मिलाकर छोड़ देने पर पानी की अशुद्धियां दूर हो जाती हैं।
* घावों का उपचार: जलने, चोट या घाव होने पर गौ-भस्म लगाने से संक्रमण नहीं फैलता और घाव जल्दी भरते हैं।
* मधुमेह नियंत्रण: गौ-भस्म के सेवन से शरीर में इंसुलिन संतुलन बना रहता है।
* वात रोग और जोड़ों का दर्द: गौ-भस्म को सरसों के तेल में मिलाकर मालिश करने से जोड़ों के दर्द और गठिया में आराम मिलता है।
* शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना: गौ-भस्म युक्त जल पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
* मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ: योग और ध्यान के दौरान गौ-भस्म का उपयोग करने से मानसिक शांति मिलती है।
निष्कर्ष
गाय के गोबर की राख एक प्राकृतिक औषधि है, जो कई बीमारियों के उपचार में सहायक होती है। इसका उपयोग न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक कारणों से किया जाता है, बल्कि वैज्ञानिक और चिकित्सा क्षेत्र में भी इसका महत्व है।
“सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।”
गौ गोबर भस्म को ऑनलाइन क्रय कर पूरा विश्व उपयोग कर रहा है, जो इसके अपरिमित विज्ञान सिद्ध प्रयोग के लाभ को दर्शाता है।
वैज्ञानिक शोध संदर्भ:
* “Antimicrobial Activity of Cow Dung Ash Against Pathogenic Bacteria”
* “Physicochemical Properties of Cow Dung Ash and Its Effect on Soil Properties”
* “Cow Dung Ash: A Renewable Resource for Water Purification”
* “Traditional Uses of Cow Dung Ash in Indian Villages: An Ethnographic Study”
* “Cow Dung Ash in Ayurvedic Medicine: Historical Perspectives and Modern Applications”
* “Environmental Impacts of Utilizing Cow Dung Ash in Agriculture”
* “Cow Dung Ash as a Natural Fertilizer: Benefits and Limitations”
पुस्तकें:
* “Sustainable Practices: Integrating Cow Dung Ash in Modern Agriculture” (प्रो. एम. एस. राव)
* “Ayurvedic Remedies: The Healing Power of Cow Dung Ash” (डॉ. वी. के. गुप्ता)
डॉ. तेज प्रकाश पूर्णानन्द व्यास
एंटी एजिंग साइंटिस्ट
प्लेनो, टेक्सास, अमेरिका
से नि पूर्व प्राचार्य, शासकीय राजा भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धार,मध्य प्रदेश
917987713115
proftpv49@gmail.com