Devaluation of Assembly : ‘सवालों से अब अफसर नहीं डरते, ये विधानसभा का अवमूल्यन!’
Bhopal : मध्य प्रदेश के विधायकों के लिए आयोजित दो दिन के प्रबोधन कार्यक्रम में कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधायकों को मिलने वाले प्रोटोकॉल के अवमूल्यन पर चिंता जताई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहले अफसरों को विधानसभा का डर होता था। विधायकों के पूछे गए सवालों से अफसर डरते थे। लेकिन, अब स्थिति ये है कि अफसर सवालों से नहीं डरते और विधायकों को मिले इस विशिष्ट प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं करते।
विधानसभा का दो दिन का प्रबोधन कार्यक्रम आज से शुरू हुआ और कल 10 जनवरी को भी होगा। इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार अपने विचार रखेंगे। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा से जुड़े टिप्स देंगे। कार्यक्रम के दौरान तकनीकी सत्रों में विधानसभा सदस्यों को संसदीय नियमों, परंपराओं और सदन के सत्र संचालन की गतिविधियों के बारे में बताया जाएगा। साथ ही नए विधायकों की जो जिज्ञासा होगी, उनका भी समाधान इस प्रबोधन कार्यक्रम के दौरान किया जाएगा।
आज मानसरोवर सभागार में विधायकों के लिए दो दिन का प्रबोधन कार्यक्रम शुरू हुआ। नेता प्रतिपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की तारीफ की और कहा कि वे कभी लोकसभा को मुद्दों से भटकने नहीं देते और समय का भी विशेष ध्यान रखते है। मुझे लगता है इस मध्य प्रदेश विधानसभा को भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र सिंह तोमर अनुभवी नेता है, मुझे आशा है कि आने वाले समय में हर विधायकों को मौका मिलेगा, मुद्दों पर बात होगी और विधायक कुछ सीखेंगे।
उमंग सिंघार ने कहा कि कई मुद्दों पर दोनों पक्ष के हमारे साथी अपनी बातों को उठा नहीं पाए। क्योंकि, उन्हें विधानसभा के सवालों के जवाब नहीं मिल पाए, इसलिए कसावट जरूरी है। सिंघार ने कहा कि मुझे लगता है विधानसभा का अवमूल्यन हुआ है। एक समय विधानसभा का डर था, कोई भी सवाल आता था तो अफसरों को जवाब देने की मजबूरी होती थी। सच्चाई यह है कि सरकार कोई भी रहे, हमें सामूहिक रूप से विधायकों का साथ देना चाहिए, मेरी ऐसी भावना है।