

Developed Agriculture Pledge Campaign : शिवराज सिंह ने कहा ‘लैब से लैंड और वैज्ञानिकों से किसान जुड़ जाएं तो कृषि में बड़ा बदलाव!’
Sehore : केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को सीहोर और इच्छावर में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के दौरान किसान भाइयों-बहनों से संवाद किया। इस अभियान के तहत वे ‘एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम’ के विजन को लेकर वैज्ञानिकों की टीम के साथ देशभर में किसानों से संवाद कर रहे हैं। इस देशव्यापी अभियान में ओडिशा, जम्मू, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तराखंड के बाद शनिवार को अपने गृह प्रदेश पहुंचे। शिवराज सिंह ने किसानों से बातचीत की। इस अवसर पर प्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, जनप्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक व अधिकारी उपस्थित थे।
शिवराज सिंह ने कहा कि सीहोर मेरी जन्मस्थली है। यहां की भूमि के प्रति मैंने सदैव अपने दायित्व निष्ठापूर्वक निभाने की कोशिश की। मध्य प्रदेश की कई सफल योजनाएं प्रेरणा का स्रोत रही हैं। प्रदेश की ‘लाडली बहना योजना’ से हमारी बहनों को अत्यंत लाभ पहुंचा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुझे कृषि और ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है, जिसके प्रति मैं पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा हूं। मैंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को करीब 8 लाख मकान गरीबों को देने का स्वीकृति पत्र सौंपा है। नए सर्वे के आधार पर हर पात्र गरीब को मकान देने का काम किया जाएगा। पात्रता के नियमों में भी बदलाव किया गया। अब 10 हजार की जगह अगर 15 हजार भी आय होगी तो भी पात्रता बनी रहेगी, टू-व्हीलर होने पर भी मकान मिलेगा। साथ ही ढाई एकड़ तक सिंचित और 5 एकड़ तक असिंचित जमीन वाले किसान भी अब ‘पीएम आवास योजना’ के तहत पात्र होंगे।
चौहान ने कहा कि महिलाओं के आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान के लिए सरकार ने तत्परता से कदम उठाए हैं। लाडली बहना योजना इसी दिशा में प्रयास है। साथ ही लखपति दीदियों के माध्यम से अब गरीब महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नए भारत का निर्माण हो रहा है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सीहोर में बची हुई परियोजनाओं को भी जल्द पूरा किया जाएगा।
कृषि विकास के 6 प्रमुख लक्ष्य
उन्होंने कहा कि खेती को विकसित करने और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत की गई है। कृषि को विकसित करने के छह प्रमुख लक्ष्य हैं उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत कम करना, किसानों को उत्पादन के उचित दाम सुनिश्चित करना, फसल के नुकसान की स्थिति में उचित मुआवजा, विविधिकरण और भावी पीढ़ी के लिए धरती को सुरक्षित बनाए रखने के लिए प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना होगा। किसान और वैज्ञानिक अगर मिलकर काम करें और लैब से लैंड जुड़ जाए तो कृषि में बड़ा परिवर्तन आ सकता है। अच्छी बीजों की किस्में किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अच्छे बीजों से डेढ़ गुना ज्यादा पैदावार की जा सकती है। वैज्ञानिकों की टीमें गांव-गांव जाकर खेत की जरूरत, उसकी उर्वरता क्षमता, क्षेत्र की जलवायु व अन्य परिस्थितियों के अनुसार किसानों तक सही जानकारी पहुंचाने का कार्य कर रही हैं।
दो तरफा संवाद का मंच
कृषि मंत्री ने कहा कि यह अभियान दो-तरफा संवाद का मंच प्रदान करता है। यहां वैज्ञानिक किसानों को जानकारी तो देंगे ही, किसान भाइयों-बहनों की व्यावहारिक समस्याओं और जरूरतों को ध्यान में रखकर बातचीत का रास्ता भी तय किया जाएगा। आगे के अनुसंधान की दिशा भी खेत से ही होकर ही निकलेगी।
शिवराज सिंह ने कहा कि सोयाबीन को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। किसानों को फसलों के दाम सही मिलें, इसकी पूरी कोशिश है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है बीमा कंपनियों से क्लेम मिलने में देरी न हो। देरी होने की स्थिति में बीमा कंपनियों को अतिरिक्त 12% ब्याज किसानों को देना होगा। चौहान ने कहा कि अब समय की मांग के अनुसार कृषि की पद्धतियों में बदलाव की आवश्यकता है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने सभी से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ में भागीदारी निभाने और सम्मिलित प्रयासों के जरिए कृषि की नई रूपरेखा तय का आह्वान किया।