‘मातृधाम’ में बिखरेगा विकास, धर्म और अध्यात्म …

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‘मातृधाम’ में बिखरेगा विकास, धर्म और अध्यात्म …

अलौकिक, आध्यात्मिक, सहज, सरल और पर्यावरण के संरक्षक संत श्री रविशंकर महाराज की जन्मभूमि छिपरी को अब ‘मातृधाम’ के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छिपरी का नाम बदलकर मातृधाम करने की घोषणा की है। साथ ही इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने और यहां औद्योगिक गतिविधियां संचालित करने की घोषणा डॉ. मोहन यादव ने की है। श्री रविशंकर महाराज के प्राकट्य दिवस पर छिपरी को यह सौगात मिली है। इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने टीकमगढ़ जिले के ग्राम छिपरी के शारदा पहाड़ी पर नवनिर्मित 51 फीट ऊंची भव्य, अद्भुत सदाशिव प्रतिमा का लोकार्पण किया। श्री रविशंकर महाराज (रावतपुरा सरकार), केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार खटीक, विधायक हरिशंकर खटीक सहित टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले के गणमान्य नागरिक और हजारों श्रद्धालु इसके साक्षी बने।

 

संत शिरोमणि रविशंकर महाराज की मातृभूमि ‘मातृधाम’ आने वाले समय में विकास, धर्म और अध्यात्म का बुंदेलखंड का सबसे बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। यहां अद्भुत सदाशिव के दिव्य दर्शन पाकर पर्यटक धर्म और अध्यात्म से सराबोर होकर लौकिक आनंद से भर जाएंगे। तो सरकार यहां विकास के नए प्रतिमान गढकर पर्यटकों को नई दिशा दिखाएगी। संतत्व की यह अनोखी मिसाल मातृधाम में ही देखने को मिलेगी। जहां संत रविशंकर महाराज की दिव्य सोच की परिणति धर्म, अध्यात्म के साथ विकास की त्रयी के रूप में देखने को मिलेगी।

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मातृधाम में पर्यटन सहित उद्योग धंधे स्थापित करने के सभी प्रयास चरितार्थ होंगे। जो लोग उद्योग स्थापित करेंगे उन्हें सुविधाएं भी मुहैया कराई जायेंगी। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि पंडित रवि शंकर जी महाराज रावतपुरा सरकार सामाजिक समरसता की मिसाल है। जिस प्रकार वे समाज सेवा और रचनात्मक गतिविधियों के द्वारा राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं, वह अनुकरणीय है। उन्होंने मानवता की सेवा के लिए छिपरी धाम बनाया है, जो उल्लेखनीय है। छिपरी को मातृ धाम का नाम देने के पीछे जो उद्देश्य है, वह मां की महिमा पर आधारित है। भारत देश में जो संस्कार हमें मिले हैं, उसमें मां को सर्वोपरि माना गया है। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि पंडित रवि शंकर जी महाराज का आशीर्वाद हम सब पर बना रहे, यही हमारी कामना है। डॉ. यादव ने कहा कि हमारी एक-एक सांस हमें प्रतिदिन मौत और जीवन से साक्षात्कार कराती है। यदि हम अपने शरीर की शारीरिक रचना समझ लें तो हमें पूरा ब्रह्मांड भी समझ में आ जायेगा।

तो संत शिरोमणि रविशंकर ममहाराज के प्राकट्य दिवस पर छिपरी से पूरे प्रदेशवासियों को अनुपम सौगात मिली। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के मध्यप्रदेश के 2.89 करोड़ हितग्राहियों के बैंक खातों में सिंगल क्लिक के माध्यम से 3575 करोड़ से अधिक की राशि का अंतरण किया। मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना योजना के तहत मध्य प्रदेश की 1.29 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते में 1574 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान उनके बैंक खातों में सिंगल क्लिक द्वारा किया। डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत प्रदेश के 81 लाख से अधिक किसानों को वर्ष 2024-25 की प्रथम किश्त और योजना की 9वीं किश्त की राशि 1630 करोड़ रुपए का भुगतान हितग्राहियों के बैंक खाते में सिंगल क्लिक द्वारा किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 24 लाख महिलाओं को गैस सिलेंडर रिफिल के लिए 41 करोड़ से अधिक राशि तथा सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने वाले 55 लाख हितग्राहियों के बैंक खाते में 330 करोड़ से अधिक राशि भी अंतरित की। गैस सिलेंडर रिफिल योजना में 450 रूपये प्रति हितग्राही का भुगतान किया गया। संत शिरोमणि रविशंकर महाराज ने मध्यप्रदेश की मोहन सरकार के कार्यों की प्रशंसा की और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। तो सांसद व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज महिलाओं, किसानों और गरीबों के कल्याण की चार योजनाओं के तहत राशि अंतरित करने का पुण्य कार्य किया है। इसके लिये उन्होंने डॉ. यादव का साधुवाद किया।

तो संत शिरोमणि रविशंकर महाराज के प्राकट्य दिवस पर उनकी मातृभूमि को मातृधाम का नया नाम मिल गया है, तो यहां विकास, धर्म और अध्यात्म की छटा बिखर गई। जो यहां साक्षी बना, वह अलौकिक आनंद से भरा। नैसर्गिक पहाड़ी पर विराजित भव्य सदाशिव ने सभी का मन मोह लिया। मातृधाम के यह सदाशिव अलौकिक मुस्कान के साथ संत शिरोमणि श्री रविशंकर महाराज की धर्म-अध्यात्म और विकास की सोच का प्रमाण देंगे…।