

औरंगज़ेब द्वारा तोड़े जाने वाले प्रसिद्ध मंदिरों में से एक देवी पाटन मन्दिर
– एन के त्रिपाठी
औरंगज़ेब द्वारा तोड़े जाने वाले प्रसिद्ध मंदिरों में से एक यह मंदिर उत्तर प्रदेश के बलरामपुर (पूर्व गोंडा) ज़िले के तुलसीपुर में स्थित है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार यह मंदिर दुर्गा देवी की अवतार माँ पाटन देवी को समर्पित है। मान्यता के अनुसार महादेव शंकर के तांडव नृत्य के समय सती देवी के विभिन्न अंग भारत में विभिन्न स्थानों पर गिरे थे, जहाँ पर देवी को समर्पित प्रसिद्ध पीठों की स्थापना की गई है। इस स्थान पर सती देवी का दाहिना कंधा गिरा था।
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ऐतिहासिक स्रोतों के आधार पर इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। सत्रहवीं शताब्दी में औरंगज़ेब द्वारा इसे ध्वस्त किया गया। इसके पश्चात उन्नीसवीं शताब्दी में इसका पुनर्निर्माण भक्तों द्वारा किया गया। मंदिर की वास्तुकला प्राचीन भारतीय शैलियों का मिश्रण है, जिसमें जटिल उत्कीर्णन (नक्काशी) और मूर्तियां हैं। वर्तमान में इसे सुंदर रूप से संरक्षित किया गया है।
अपने लखनऊ प्रवास के समय मैंने इस मंदिर की अनुकृति का चित्र लिया था। देवी पाटन मंदिर एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल बना हुआ है, जो भक्तों और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करता है।