भक्त चोर हो, तो भगवान भी साथ नहीं देते!

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इंदौर: यदि नियत ख़राब हो और भक्त की आदतें ख़राब हो, तो भगवान भी उसका साथ नहीं देते। इसका सीधा सा आशय है कि व्यक्ति बुराई में कोई साझेदार नहीं होता! फिर वो घर वाले हों या भगवान! इंदौर में तुकोगंज पुलिस ने दो ऐसे चोरों को पकड़ा है, जो चोरी के बाद माल का 25 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान के सांवलिया सेठ मंदिर में चढ़ाते थे। ये भले ही वे अपनी संतुष्टि के लिए करते हों, पर पकड़ लिए गए।

पुलिस पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे मंदिर में भगवान से प्रार्थना करते थे कि हे प्रभु! अगली घटना में सफलता मिले। हम कभी पकड़े न जाएं, जिससे कि वे लगातार भगवान के दरबार में आ सकें और उन्हें चढ़ावा चढ़ा सकें। लेकिन, इसके बाद भी वे पकड़े गए। पुलिस अब इनके एक और साथी की तलाश में जुटी है।

तुकोगंज थाना प्रभारी कमलेश शर्मा ने बताया कि 29 सितंबर को साड़ी कारोबारी पलाश जैन के घर चोरी हुई थी। बंगले में काम करने वाले नौकर सुनील कीर और दिलीप कीर फरार थे। दोनों बांसवाड़ा राजस्थान के निवासी हैं।

आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी थी। मंगलवार को पुलिस को सूचना मिली कि दोनों आरोपी इलाके में कहीं वारदात को अंजाम देने के लिए जा रहे हैं, जिस पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के पास से एक बाइक और चोरी के 50 हजार नकद और साढ़े 3 लाख रुपए का सामान मिला है।

सुनील और दिलीप चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद राजस्थान स्थित सांवलिया सेठ मंदिर जाते थे। वहां चोरी के सामान में से 25 प्रतिशत हिस्सा भगवान को चढ़ाकर आते थे। घटना के बाद व्यापारी की पत्नी से यह जानकारी भी निकाली गई कि दोनों को किस आधार पर बंगले में नौकरी दी गई थी।

इसमें यह बात सामने आई कि विष्णु नामक का एक नौकर पहले यहां काम करता था। जाने से पहले उसने सुनील और दिलीप को परिचित बताकर बंगले में नौकरी दिलाई थी। पूछताछ में पता चला कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड विष्णु था। वह भी फरार बताया जा रहा है।

कई जगह चोरी
प्रारंभिक पूछताछ में उन्होंने कई शहरों में वारदात करना कबूला। दिल्ली, मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों में पहले नौकरी का बहाना बनाकर बंगले व मकानों में काम ढूंढा करते थे। नौकरी लगते ही घरों में रुपए वह सोने-चांदी के जेवर और रुपए लेकर फरार हो जाते।

मोबाइल लोकेशन से पकड़ा
वारदात के बाद आरोपी शहर छोड़कर फरार हो गए थे। पुलिस की साइबर टीम ने घटना वाले दिन के कुछ समय पहले और बाद के लगभग 200 से अधिक मोबाइल नंबरों की जांच की। दो नंबरों से राजस्थान के बांसवाड़ा के कई नंबरों पर बात हुई थी। पुलिस को इन नंबरों पर शक हो गया था।

इसके बाद पुलिस ने दोनों नंबरों को सविर्लांस पर डाल दिया। मंगलवार को जैसे ही मोबाइल की लोकेशन इंदौर के नजदीक दिखाई दिए पुलिस ने अपने सूत्रों को सक्रिय कर दिए।
थाना प्रभारी कमलेश शर्मा ने बताया कि चोरी की वारदात के कुछ समय पहले साड़ी कारोबारी की मौत हो गई थी। बंगले में सिर्फ कारोबारी की पत्नी और उसका एक बेटा ही रह गए थे। घर में कोई कमाने वाला व्यक्ति नहीं रहा था, इस कारण से पुलिस ने इन चोरों को पकड़ने की ठानी और महज 5 दिनों में चोरी का खुलासा कर चोरों को माल सहित पकड़ लिया।