Devuthani Gyaras : कल देवउठनी ग्यारस का त्योहार, अब शुरू होंगे मांगलिक कार्य और शादी-विवाह!

जानिए, आने वाले महीनों में कौन कौनसी शुभ तारीखें हैं, जब मांगलिक कार्य हो सकेंगे!

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Devuthani Gyaras : कल देवउठनी ग्यारस का त्योहार, अब शुरू होंगे मांगलिक कार्य और शादी-विवाह!

 

Indore : देवउठनी एकादशी (तुलसी विवाह) 12 नवंबर, मंगलवार को है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, देवउठनी एकादशी का व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को होता है। दरअसल, भगवान विष्णु आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से निद्रा में चले जाते हैं और 4 महीने बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निद्रा से जागते हैं। इसलिए इसे देव उठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। देवउठनी एकादशी से सभी मांगलिक कार्यों की शुरु होने लगती है। ऐसे में जानते हैं कि देवउठनी एकादशी के बाद शादी के शुभ मुहूर्त (2024-2025) कौन से हैं।

पूजा विधि और विधान
देवउठनी एकादशी पर सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान करें और भगवान विष्णु के व्रत का संकल्प लें। इसके बाद गन्ने का मंडप बनाएं और बीच में चौक बनाएं। चौक के मध्य में भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति रखें। इसके साथ ही चौक से भगवान के चरण चिह्न बनाए जाते हैं, जो ढककर रखने चाहिए। भगवान को गन्ना, सिंगाड़ा और पीले फल-मिठाई अर्पित किया जाता है। उसके बाद भगवान विष्णु को पीले फूलों की माला, मिठाई, फल और तुलसी के पत्ते चढ़ाएं. भगवान विष्णु के ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय या कोई अन्य मंत्र जपें, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और आरती गाएं। पूरे दिन व्रत का पालन करने के बाद रात में भगवान का भजन कीर्तन करते हुए जागरण करें। उसके बाद सुबह पूजा पाठ के बाद पारण समय में व्रत तोड़ें।

देवउठनी एकादशी भगवान विष्षु मंत्र
वन्दे विष्णुं भव भय हरं सर्वलोकैक नाथम्
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्
ॐ नमोः नारायणाय
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय
मंगलम् भगवान विष्णुः, मंगलम् गरुणध्वजः

देवउठनी एकादशी महत्व
देवउठनी एकादशी से साथ सभी शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाता हैं। इस दिन शालीग्राम के साथ माता तुलसी का विवाह होता है। इस दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन तुलसी और शालिगराम की पूजा करने से पितृदोष का शमन होता है। इस दिन व्रत करने के व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।

नवंबर 2024 विवाह मुहूर्त
– 12 नवंबर (मंगलवार) का दिन विवाह मुहूर्त के लिए सबसे शुभ रहने वाला है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागेंगे।
– 13 नवंबर (बुधवार) को तुलसी विवाह का दिन है। अत: यह दिन भी शुभ माना जाता है।
– 15 नवंबर (मंगलवार) कार्तिक पूर्णिमा।
– 16 नवबंर (शनिवार) रोहिणी नक्षत्र का संयोग।
– 17 नवंबर (रविवार) का दिन भी विवाह के शुभ माना जा रहा है।
– 18 नवंबर (सोमवार) मृगशिरा नक्षत्र का संयोग।
– 22 नवंबर (शुक्रवार) का दिन भी शुभ है क्योंकि मघा नक्षत्र का संयोग है।
– 25 नवंबर (सोमवार) के दिन एकादशी है।
– 28 नवंबर (बृहस्पतिवार) के दिन स्वाती नक्षत्र का संयोग है।
दिसंबर 2024 विवाह मुहूर्त
– 4 दिसंबर (बुधवार) के दिन उत्तराषाढा नक्षत्र और चतुर्थी तिथि पड़ रही है इसलिए ये दिन शुभ है।
– 5 दिसंबर (गुरुवार) के दिन उत्तराषाढा नक्षत्र और पंचमी तिथि का संयोग बन रहा है इसलिए ये दिन भी शुभ है।
– 9 दिसंबर (सोमवार) के दिन उत्तर भाद्रपद नक्षत्र और नवमी तिथि पड़ रही है।
– 10 दिसंबर (मंगलवार) के दिन रेवती नक्षत्र और एकादशी तिथि पड़ रही है।
– 14 दिसंबर (शनिवार) को पूर्णिमा पड़ रही है इसलिए ये दिन शुभ माना जा रहा है।

जनवरी 2025 शुभ मुहूर्त
– 16 जनवरी (गुरुवार)
– 17 जनवरी (शुक्रवार)
– 18 जनवरी (शनिवार)
– 19 जनवरी (रविवार)
– 20 जनवरी (सोमवार)
– 21 जनवरी (मंगलवार)
– 23 जनवरी (गुरुवार)
– 24 जनवरी (शुक्रवार)
– 26 जनवरी (रविवार)
– 27 जनवरी (सोमवार)

फरवरी 2025 शुभ मुहूर्त
– 2 फरवरी (रविवार)
– 3 फरवरी ( सोमवार)
– 6 फरवरी ( गुरुवार)
– 7 फरवरी (शुक्रवार)
– 12 फरवरी (बुधवार)
– 13 फरवरी (गुरुवार)
– 14 फरवरी (शुक्रवार)
– 15 फरवरी (शनिवार)
– 16 फरवरी (रविवार)
– 18 फरवरी (मंगलवार)
– 19 फरवरी (बुधवार)
– 21 फरवरी (शुक्रवार)
– 23 फरवरी (रविवार)
– 25 फरवरी (मंगलवार)

मार्च 2025 शुभ मुहूर्त
– 1 मार्च (शनिवार)
– 2 मार्च (रविवार)
– 6 मार्च (गुरुवार)
– 7 मार्च (शुक्रवार)
– 12 मार्च (बुधवार)

अप्रैल 2025 शुभ मुहूर्त
– 14 अप्रैल (सोमवार)
– 16 अप्रैल (बुधवार)
– 18 अप्रैल (शुक्रवार)
– 19 अप्रैल (शनिवार)
– 20 अप्रैल (रविवार)
– 21 अप्रैल (सोमवार)
– 25 अप्रैल (शुक्रवार)
– 29 अप्रैल (मंगलवार)
– 30 अप्रैल (बुधवार)

मई 2025 शुभ मुहूर्त
– 1 मई (गुरुवार)
– 5 मई (सोमवार)
– 6 मई (मंगलवार)
– 8 मई (गुरुवार)
– 10 मई (शनिवार)
– 14 मई (बुधवार)
– 15 मई (गुरुवार)
– 16 मई (शुक्रवार)
– 17 मई (शनिवार)
– 18 मई (रविवार)
– 22 मई (गुरुवार)
– 23 मई (शुक्रवार)
– 24 मई (शनिवार)
– 27 मई (मंगलवार)
– 28 मई (बुधवार)

जून 2025 शुभ मुहूर्त
– 2 जून (सोमवार)
– 4 जून (बुधवार)
– 5 जून (गुरुवार)
– 7 जून (शनिवार)
– 8 जून (रविवार)