
DGGI ने फर्जी GST फर्मों के बड़े रैकेट का किया भंडाफोड़, 2 आरोपी गिरफ्तार
रायपुर। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई), रायपुर ने फर्जी जीएसटी फर्मों के जरिए करोड़ों रुपये के टैक्स फ्रॉड का पर्दाफाश करते हुए अमन कुमार अग्रवाल और विक्रम मंधानी को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों पर फर्जी फर्मों का संगठित रैकेट चलाकर बिना किसी वास्तविक वस्तु की आपूर्ति के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पास करने का गंभीर आरोप है।
तलाशी के दौरान आरोपियों के परिसर से करीब 20 सिम कार्ड बरामद किए गए, जिनका उपयोग फर्जी जीएसटी पंजीकरण कराने में किया गया था। जांच में यह भी सामने आया कि इन फर्जी फर्मों से जुड़े ई-मेल आईडी विक्रम मंधानी द्वारा संचालित किए जा रहे थे।

डीजीजीआई अधिकारियों को विक्रम मंधानी के पास से 50 से अधिक फर्जी फर्मों के जीएसटी लॉगिन-आईडी और पासवर्ड मिले हैं। इन फर्मों के नाम पर बिना किसी वास्तविक व्यापारिक गतिविधि के केवल कागजी इनवॉइस जारी किए जा रहे थे
।48 करोड़ के फर्जी इनवॉइस, 9 करोड़ रुपये के जीएसटी की हेराफेरीडीजीजीआई रायपुर ने दोनों आरोपियों को 20 दिसंबर 2025 को गिरफ्तार किया। इसके बाद उन्हें 21 दिसंबर 2025 को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने अमन कुमार अग्रवाल और विक्रम मंधानी को 2 जनवरी 2026 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।डीजीजीआई अधिकारियों का कहना है कि यह एक संगठित और सुनियोजित जीएसटी फ्रॉड नेटवर्क है, जिसकी कड़ियां अन्य राज्यों तक भी फैल सकती हैं। मामले में डिजिटल साक्ष्यों, बैंक खातों और अन्य संलिप्त व्यक्तियों की भूमिका की गहन जांच की जा रही है।





