
DGP ओ.पी. सिंह का सख्त संदेश: “टेबल छोटी करो, तौलिया हटाओ- जनता से संवेदनशील बनो”
Chandigarh: हरियाणा पुलिस में नई सोच और नई हवा चल पड़ी है। नए पुलिस महानिदेशक (DGP) ओ. पी. सिंह ने पुलिस महकमे को जनता-उन्मुख और संवेदनशील बनाने के लिए जो निर्देश जारी किए हैं, उन्होंने पूरे राज्य में चर्चा का माहौल बना दिया है। सिंह ने साफ कहा है- “थाने और दफ्तर जनता की सेवा के लिए हैं, दिखावे के लिए नहीं।”
हरियाणा के DGP ओ. पी. सिंह ने सभी IG, SP, DSP और थाना प्रभारियों को एक स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा कि पुलिस कार्यालयों का स्वरूप जनता के अनुकूल होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी अधिकारी अपने दफ्तरों की टेबल छोटी करें, कुर्सियों से तौलिए हटाएं, और थानों-चौकियों में विज़िटर्स रूम की व्यवस्था करें, जहाँ आमजन सम्मानपूर्वक बैठ सकें।
सिंह ने कहा कि पुलिस जनता की सुविधा के लिए है, न कि औपचारिक दिखावे के लिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “पुलिस को बिजली के तार की तरह होना चाहिए- जो लोगों को कनेक्शन और रोशनी दे, झटका नहीं।”

यह वाक्य अब सोशल मीडिया पर पुलिस सुधारों के प्रतीक के रूप में वायरल हो गया है।
DGP का यह आदेश सिर्फ दिखावे की बात नहीं, बल्कि एक संदेश है- कि पुलिस अधिकारियों का व्यवहार, उनके दफ्तरों की बनावट और जनता के प्रति उनका रवैया, सभी में बदलाव झलकना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि “जो अधिकारी जनता से ठीक से पेश नहीं आते, उन्हें थानों और चौकियों से हटा दिया जाए।”
सिंह ने यह भी कहा कि अगर किसी थाने में कॉन्फ्रेंस हॉल या अलग कमरा है, तो उसे जनता के बैठने के लिए इस्तेमाल किया जाए, ताकि आने वाले व्यक्ति को सम्मान और सुविधा महसूस हो।
**नया पुलिस मॉडल**
यह आदेश हरियाणा पुलिस में कार्यसंस्कृति के नए युग की शुरुआत माना जा रहा है। प्रशासनिक हलकों में इसे “संवेदनशीलता-केन्द्रित पुलिसिंग” की दिशा में बड़ा कदम बताया जा रहा है।
सिंह का संदेश साफ है- “थानों में तौलिया नहीं, संवेदनशीलता दिखे। टेबल छोटी हो, पर दिल बड़ा।”
हरियाणा पुलिस अब डर की नहीं, भरोसे की प्रतीक बनना चाहती है। DGP ओ. पी. सिंह का यह कदम न केवल पुलिस-जनता संबंधों को सुधारने की दिशा में एक बड़ा प्रयोग है, बल्कि यह पूरे देश की पुलिस व्यवस्था के लिए भी प्रेरणादायक उदाहरण बन सकता है।





