Dhar SP Transferred : SP आदित्य प्रताप सिंह प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में पदस्थ, लेकिन 5 साल में धार को सुधार दिया!

अपराधियों पर अंकुश, महिलाओं पर अपराध रुके और पुलिस परिवारों के लिए कई काम किए!

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Dhar SP Transferred : SP आदित्य प्रताप सिंह प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में पदस्थ, लेकिन 5 साल में धार को सुधार दिया!

 

धार से वरिष्ठ पत्रकार छोटू शास्त्री की रिपोर्ट

 

Dhar : जिले के पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह का तबादला हो गया। आदेश के मुताबिक 5 वर्ष के लिए उनकी सेवाएं नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय नई दिल्ली को सौंपी गई है। जून 2019 से धार जिले में पदस्थ आदित्य प्रताप सिंह का कार्यकाल सफल और सुखद परिणाम वाला रहा। उन्होंने अपने लंबे कार्यकाल में जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति को संभाला और पुलिस विभाग की भी कई समस्याओं को हल किया।

उनके द्वारा चलाई गई मुहिमों से चोरी, लूट व डकैती जैसी वारदातों पर अंकुश लगा। रात में लूट व डकैती की घटनाएं बेहद कम हो गई। बीते चार सालों में हाइवे से गांव तक में गैंग बनाकर लूटपाट करने वालों का नेटवर्क नेस्तानाबूद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिले में लॉ एंड आर्डर को पूरी तरह कंट्रोल में रखा गया और भोजशाला जैसे मामले पर सजगता से कार्रवाई की गई।

आईपीएस आदित्य प्रताप सिंह की एसपी के रूप में पोस्टिंग 4 जून 2019 को धार में हुई थी। जिला एक समय प्रदेश के सर्वाधिक संवेदनशील जिले में था। क्षेत्रफल और भोजशाला जैसे विवादास्पद मामलों के कारण अक्सर कानून व्यवस्था की स्थिति बेकाबू हो जाती थी। बड़ी चुनौती आपराधिक गैंग बोरडाबरा, माछलिया और जामंदा भूतिया के बदमाश लूट, राहजनी और मारपीट जैसी घटनाएं करते रहते थे। एसपी ने इन आपराधियों की गैंग का सफाया किया। कई फरार इनामी बदमाशों को पकड़कर जेल में डाला गया। पुलिस के डर से कई बदमाश जिला छोड़कर भागने को मजबूर हो गए।

महिला अपराधों पर नियंत्रण को लेकर भी आदित्य प्रताप सिंह ने गंभीरता से काम किया। गुमशुदा महिलाओं और बच्चों को तलाशने के लिए ऑपरेशन मुस्कान के तहत कार्रवाई की गई। गुमशुदा बालिकाओं को तलाश कर उनके घर पहुंचाया गया। जिले में घरेलू हिंसा और दुष्कर्म जैसी घटनाओं पर अंकुश लगा।

पुलिस परिवार के लिए कई काम किए

जब पुलिसककर्मी जिले के अपराधियों के खात्मे में जुटे तो पुलिस परिवारों को सुविधाएं उपलब्ध कराने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। कर्मचारियों को प्रोत्साहित करना और इनाम देने का क्रम लगातार जारी रखा। पुलिस थानों की नई इमारतें बनवाईं गईं और चौकी-थानों का विस्तार किया गया। पुलिसकर्मियों के परिवार के लिए आवास निर्माण, फिजिकल फिटनेस के लिए रनिंग ट्रेक, वॉकिंग ट्रेक व योगा शिविर जैसे कई प्रयोग किए गए। कोविड-19 का दो साल का दौर फ्रंटलाइन वॉरियर्स यानि पुलिसकर्मियों के लिए चुनौती का रहा। बंद के दौरान लॉ एंड ऑर्डर का पालन और संक्रमण से खुद को सुरक्षित रखना चुनौती था। 191 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए थे। एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने अपने कर्मियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी के लिए संक्रमण से बचाव और रोकथाम हेतु सैनिटाइजर, एन-95 मास्क सहित सुरक्षा साधन मुहैया कराए।

पुलिस परिवारों के लिए हेल्थ चेकअप शिविर, संक्रमित कर्मियों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर, आइसोलेशन सेंटर बनवाए। प्रत्येक पुलिसकर्मी को यह महसूस कराया कि उनकी और परिवार की सुरक्षा को लेकर पुलिस महकमा साथ खड़ा है।

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थानों की व्यवस्था सुधारी

थानों का मैनेजमेंट सुधारने में भी एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। थानों का रिकॉर्ड अपडेट करने के साथ टास्क देकर काम करवाया गया। बदमाशों की सूची अपडेट करवाई और गुंडों की हाजिरी सुनिश्चित की गई। इससे बदमाशों में पुलिस का खौफ बना। इससे नए बदमाशों पर अंकुश लगा।