Dhok Padwa: धोक पड़वा पर बरसों बाद यौवन का निखार, रांगोली संग राजनीतिक सरगर्मी ने बनाया माहौल रंगीन
दिनेश सोलंकी की खास रिपोर्ट
Mhow Indore MP: महू की निराली धोक पड़वा का त्यौहार इस बार बेहद निराला रहा। हर बार राजनीतिक रंग से धोक पड़वा पर फीका रहने वाला अंतर इस बार मिट गया और चुनाव के अंतिम 4 दिन रहने के कारण सभी मुख्य प्रत्याशियों ने जमकर शक्ति प्रदर्शन किया। रंगोत्सव के रंग में और भी निखार आया जब ईनामी राशि के साथ साथ इस बार हावर्ड वर्ल्ड रेकार्ड में इस स्पर्धा के दर्ज होने के कारण विश्वव्यापी ख्याति भी मिल गई। इसके अलावा इंदौर की संगीत संस्था बेसुरी बिछात के 30 सदस्य जिसमें महिला पुरुष शामिल रहे, उन्होंने महू में कोई पांच घंटे बिताए और निराली धोक पड़वा का जमकर आंनद लिया। इस बार संगीत के मंच भी खूब सजे और आतिशबाजी संग ढोल ढमाकों से भी शहर गूंजता रहा।
उल्लेखनीय है कि महू में मनाया जाने वाला धोक पड़वा पर्व अंग्रेज छावनी के बसने के बाद से ही मनाया जाता आ रहा है। दीपावली के दूसरे दिन मनाए जाने वाले इस निराले त्यौहार को पिछले कुछ सालों में फीकापन आने लगा था जब अधिक आतिशबाजी से प्रदूषण फैलने लगा था तो राजनीतिक दलों के नेता इसे शक्ति प्रदर्शन का अड्डा बनाने लगे थे। फिर कोरोना ने लगभग ब्रेक ही लगा दिया था। गत तीन सालों से रंगोत्सव के प्रयासों ने धोक पड़वा को फिर से उठाव दिया और महू में घरों के बाहर बनाई जाने वाली रांगोली को ईनामी प्रतिस्पर्धा में बदलने से परिवारों की महिलाओं का नया उत्साह मिल गया। रंगोत्सव की टीम में कोई दर्जन भर सदस्य शामिल हैं जो संगठित रुप से इस त्यौहार को मनाने के लिये ईनामी राशि और अनेक आकर्षणों के लिये स्वेच्छा से धन खर्च कर समाज में नई मिसाल पैदा करते हैं।
रंगोत्सव पर आकर्षित रांगोली बनाने वालों का उत्साह इतना बढ़ा कि 300 से अधिक घरों की महिलाओं युवतियों ने इसमें हिस्सा लिया। लोग रांगोली देखकर हतप्रभ रह गए क्योंकि रांगोली में मतदान की अपील के साथ ही सामाजिक संदेश भी दिये गए थे जिसे लोगों द्वारा बहुत सराहा गया।
राजनैतिक सरगर्मी का आलम शहर में सबसे पहले निर्दलीय प्रत्याशी अंतरसिंह दरबार ने अपने लवाजमे के साथ शुरु किया। इसके पहले उनका हैदराबादी बस्ती में जमकर स्वागत हुआ। फिर शहर में जीप पर सवार होकर वे धोक पड़वा का अभिनंदन स्वीकार कर रहे थे। उनके साथ काफी लोगों का मजमा पैदल चल रहा था तो आगे ढोल ढमाके चल रहे थे। भाजपा के अशोक नवाल खुले रुप से दरबार के संग चल रहे थे। वहीं दिनेश पंचोली, अजय वर्मा, कन्हैया सिंह ठाकुर सहित अनेक नेता साथ थे। दूसरा मजमा जमाया आम आदमी पार्टी ने जिसमें प्रत्याशी सुनिल चौधरी संग बाहर से आए अनेक आप कार्यकर्ता भी चल रहे थे। ये सभी आम आदमी पार्टी के झंडों संग चल रहे थे। तीसरा शक्ति प्रदर्शन काँग्रेस प्रत्याशी रामकिशोर शुक्ला का रहा जिसमें योगेश यादव, मुजीब कुरैशी, हंसराज वर्मा सहित पुराने साथी चल रहे थे। अंत में भाजपा प्रत्याशी उषा ठाकुर कार्यकर्ताओं के साथ नजर आई वे ज्यादातर महिलाओं और बच्चों से बातें करती चल रहीं थीं। सभी प्रत्याशियों ने अपनी अपनी जीत के दावे मीडिया से बातचीत में कहे तो वहीं धोक पड़वा पर्व की प्रशंसा भी की। भाजपा के लोगों और समाजसेवी संगठन की ओर से नि:शुल्क बताशे पानी का भी आनंद लोगों ने खूब उठाया। यह त्यौहार को और भी निखार दे गया। जगह जगह संगीत के मंच भी अलग अलग तरीके से माहौल को गुदगुदा रहे थे।
प्रमुख रुप से सांघी स्ट्रीट, गर्ल्स स्कूल चौराहा, कोतवाली चौराहा, मेन स्ट्रीट, कनाट रोड चौराहा आकर्षण का केन्द्र बने रहे। जहाँ हजारों की तादात में लोग धोक पड़वा और दीपावली की बधाइयां देते नजर आए। कही महिलाओं के झुण्ड चल रहे थे तो कहीं युवतियां सजधज के धोक पड़वा मनाने निकली थी। पुरुषों और युवाओं की टोली भी निकली।
*कोतवाली चौराहा बना तिलक के साथ राजनीतिक मंच*
कोतवाली चौराहे पर रेडाउन्ट फाउण्डेशन और सामाजिक विचार मंच ने साझा करते हुए मंच पर महिलाओं के माध्यम से तिलक लगाकर स्वागत करने का सिलसिला चलाया। यहाँ पर आने वाले प्रत्येक को महिलाएं तिलक चंदन लगा रहीं थीं। इसी मंच पर निर्दलीय प्रत्याशी अंतरसिंह दरबार, भाजपा की उषा ठाकुर, काँग्रेस के रामकिशोर शुक्ला और आम आदमी पार्टी के सुनिल चौधरी का स्वागत किया गया। आम आदमी पार्टी ने तो यहाँ पर भाषण भी दे दिये। मंच पर इंदौर की बेसुरी बिछात ने और भी रंग जमाया जब मंच से कराओके गीत शुरु कर डांस का मजमा लगाया। गुरदीपसिंह दीप, दीपक मालवीय, संजय फड़के, राजेश गोधा सहित महिलाओं के झुण्ड ने जमकर ठुमके लगाए तो महू से दिनेश सोलंकी, संजय यादव, कनिका कौर और नेहा कौर ने भी इसमें भाग लिया। मंच से संजय शर्मा, चंदा कुंडलवाल, कमल सोनी, अनुपमा आदि ने खूब रंग बिखेरा। रवि चौहान ने देशभक्ति गीत गाए।