सवा महीने में ही चौथे निगमायुक्त से महापौर के संबंध हुए बेपटरी ?

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सवा महीने में ही चौथे निगमायुक्त से महापौर के संबंध हुए बेपटरी ?

🔺कीर्ति राणा

इंदौर। संपत्ति सर्वे विवाद का हल तो निकल गया है कि पंद्रह दिन बाद सभी पक्षों के सुझाव लेकर नए सिरे से गाइड लाइन तय कर वार्डों में संपत्ति सर्वे की शुरुआत की जाए। सभी का विश्वास जीतने की इस पहल का उद्देश्य यही है कि नगर निगम के राजस्व की वृद्धि की जा सके। महापौर ने खुले तौर पर कहा है कि निगमायुक्त ने उन्हें विश्वास में नहीं लिया, तो क्या सवा महीने में ही इंदौर शहर के विकास की गाड़ी के ये दो पहिये बेपटरी होने लगे हैं।

 

मंदसौर और कटनी में कलेक्टर रहे दिलीप यादव को किसी तीसरे जिले का कलेक्टर बनाने की अपेक्षा मुख्यमंत्री ने अपने प्रभार वाले इंदौर जिले में नगर निगम कमिश्नर कुछ सोच समझकर ही बनाया होगा।निगमायुक्त यादव के संबंध में अधिकांश शहर वासियों को यह जानकारी शायद नहीं होगी कि उन्होंने खंडवा कलेक्टोरेट में बिना धूमधड़ाके, बैंड-बाजा-बारात के बिना प्रीति यादव से, जो उस वक्त खंडवा में एडीएम पदस्थ थीं, सादगीपूर्ण विवाह की मिसाल पेश की थी।

 

भारतीय प्रशासनिक सेवा 2014 कैडर के दिलीप यादव को नागालैंड कैडर अलॉट हुआ था लेकिन उन्होंने मप्र कैडर में ट्रांसफर करा लिया था। उनकी पत्नी प्रीति यादव आगर जिले में (पहली महिला) कलेक्टर पदस्थ हैं, यहां से पहले वे जबलपुर निगमायुक्त थीं, उस पद पर इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ रहे आरपी अहिरवार को पदस्थ किया गया है।

 

महापौर भार्गव यूं तो सभी अधिकारियों से समन्वय बनाकर चलने में विश्वास करते हैं लेकिन इस संपत्ति सर्वे विवाद ने एक तरह से महापौर-निगमायुक्त में भी कडुवाहट घोल दी है। 8 सितंबर को इंदौर पदस्थ किये गये यादव से पहले शिवम वर्मा निगमायुक्त थे जिनसे भी संबंध उतने मधुर नहीं रहे। यह भी संयोग ही है कि वर्मा से पहले हर्षिका सिंह और प्रतिभा पाल निगमायुक्त रहीं उनसे भी महापौर सचिवालय की पटरी नहीं बैठी थी। हर्षिका सिंह के वक्त तो टोनेटोटके, नलखेड़ा में यज्ञ कराने की बातें भी चर्चा में रही थीं।

 

🔹 घटनाक्रम पर बोले निगमायुक्त

शनिवार को हुए विवाद, रविवार की समन्वय बैठक के निर्णय को लेकर जब दिलीप यादव से बात की तो उन्होंने साफ कहा कि महापौर को विश्वास में लेने जैसी बात थी ही नहीं क्योंकि हम दोनों में तो डे टू डे वर्किंग में इस सर्वे को लेकर डिस्कशन हो ही रहा था। इससे पहले जब मंत्रीजी (विजयवर्गीय) ने भोपाल में नगर निगमों की आय बढ़ाने को लेकर सभी से चर्चा की थी तब भी संपत्ति सर्वे कराने पर सहमति बनी थी कि पहले हुए सर्वे में खामियां रहीं हो तो उन्हें दूर कर लें जिससे राजस्व आय में वृद्धि होना तय है। एआरओ पंद्रह दिन अपना काम तो बंद करेंगे नहीं। आज सोमवार को सीएम यादव इंदौर में रहेंगे, जैसा निर्देश देंगे नगर निगम टीम उसी मुताबिक काम करेगी।