Different Colours Of Tansen Samaroh-2022: ग्वालियर के साथ शिवपुरी, दतिया और बटेश्वर में भी होंगी सांगीतिक सभाएं

देश-विदेश के सुविख्यात कलाकार आयेंगे सुर सम्राट तानसेन को स्वरांजलि देने

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Different Colours Of Tansen Samaroh-2022: ग्वालियर के साथ शिवपुरी, दतिया और बटेश्वर में भी होंगी सांगीतिक सभाएं

ग्वालियर: शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश और दुनियाँ के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव ” तानसेन समारोह ” के इस बार अलग ही रंग होंगे। विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह हर साल की तरह भव्यता के साथ तो आयोजित होगा ही, साथ ही इसमें नए आयाम भी जुड़ेंगे। संगीत शिरोमणि तानसेन की याद में आयोजित होने वाला शास्त्रीय संगीत का यह सालाना महोत्सव शताब्दी वर्ष की दहलीज के नज़दीक पहुँच चुका है। इस बात को ध्यान में रख कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप एवं संस्कृति मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर के निर्देशन में इस दफा समारोह का विस्तार किया जा रहा है। इस बार संगीत की नगरी ग्वालियर के साथ-साथ ग्वालियर-चंबल अंचल के ऐतिहासिक स्थलों को भी समारोह से जोड़ा गया है। ज्ञात हो इस बार तानसेन समारोह का 98 वां संस्करण है।

मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग ने तानसेन समारोह के शताब्दी वर्ष के आयोजन को अविस्मरणीय बनाने के लिए अभी से तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इसी उद्देश्य से इस साल से समारोह का विस्तार किया जा रहा है। इस साल के तानसेन समारोह के तहत गमक की पहली सभा 16 दिसम्बर को शिवपुरी में आयोजित होगी। इसके बाद 17 दिसंबर को दूसरी सभा दतिया में आयोजित की जाएगी। समारोह के तहत 22 दिसंबर को एक सभा मुरैना जिले के अंतर्गत ग्राम पड़ावली के समीप स्थित ऐतिहासिक स्थल बटेश्वर मंदिर प्रांगण में सजेगी। यह सभा शास्त्रीय संगीत की रहेगी।

राज्य शासन के संस्कृति विभाग के लिए जिला प्रशासन एवम नगर निगम ग्वालियर के सहयोग से उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवम कला अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद भोपाल का यह प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन इस बार भी संगीतधानी ग्वालियर में 18 से 23 दिसंबर के बीच हजीरा स्थित संगीत सम्राट तानसेन के समाधि स्थल पर होने जा रहा है। सुरों के इस समागम में देश-विदेश के प्रतिष्ठित और ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर स्वरांजलि अर्पित करने आ रहे हैं।

ग्वालियर में गमक 18 को, लोककला यात्रा भी निकलेगी
इस साल के तानसेन समारोह के तहत संगीत की नगरी ग्वालियर में 18 दिसंबर को शाम 7 बजे से हजीरा स्थित इंटक मैदान में पूर्वरंग ” गमक ” का आयोजन होगा। उप शास्त्रीय संगीत का यह आयोजन तानसेन समारोह का प्रमुख हिस्सा है। गमक की सभा शुरू होने से पहले शाम 5 बजे से गूजरी महल किलागेट से भव्य लोक कला यात्रा निकाली जाएगी। इसमें लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ेंगे। यह यात्रा किला रोड व हजीरा होते हुए गमक आयोजन स्थल अर्थात इंटक मैदान पहुंचेगी।

अलंकरण समारोह 19 दिसम्बर को
तानसेन समारोह का औपचारिक शुभारंभ 19 दिसंबर को अलंकरण समारोह के साथ होगा। इस दिन सुबह सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा एवं मीलाद वाचन से समारोह का पारंपरिक शुभारंभ होगा। शाम को वर्ष 2021 का तानसेन अलंकरण प्रदान किया जाएगा। इसके बाद सांगीतिक सभाओं की शुरुआत होगी।

इस बार 10 संगीत सभाएँ होंगीं
तानसेन समारोह में इस बार 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा 19 दिसंबर की शाम को होगी। इसके बाद हर दिन प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 22 दिसंबर को समानांतर सभा बटेश्वर में भी होगी, जो शास्त्रीय संगीत की रहेगी। 23 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और शाम की अर्थात इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा गूजरी महल के परिसर में सजेगी। अंतिम सभा महिला कलाकारों पर केंद्रित रहेगी। समारोह में विश्व संगीत की सभाएं भी होंगी। गमक और विश्व संगीत के कलाकारों के नाम जल्द ही घोषित किए जाएंगे।

वादी – संवादी एवं चित्रकला कार्यशाला
समारोह के अंतर्गत राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में दो दिन 20 एवं 21 दिसंबर को वादी संवादी कार्यक्रम के तहत आमंत्रित कलाकार प्रदर्शन सह व्याख्यान देंगे। इसी तरह ललित कला संस्थान के कला विद्यार्थी तानसेन समारोह स्थल पर आयोजित वर्कशॉप में चित्र बनाएंगे। उधर कला वीथिका में भी कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।