जमीन पर कितना कर्ज या जमानत जानकारी देने अलग-अलग संस्थाओं की अलग दरें

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जमीन पर कितना कर्ज या जमानत जानकारी देने अलग-अलग संस्थाओं की अलग दरें

भोपाल: प्रदेश में खेती की जमीन पर कितना कर्ज है या किस-किस की जमानत के लिए इसे उपयोग किया गया है यह सारी प्रमाणित जानकारी देने के लिए अब अलग-अलग सेवा प्रदाता कंपनियों से जानकारी लेने अलग-अलग शुल्क देना होगा। सबसे कम खर्च 181 के जरिए जानकारी लेने पर होगा।

जमीन पर विल्लंगम तथा प्रभार का कम्प्यूटरीकृत प्रमाणपत्र प्रदाय करने के लिए राजस्व विभाग ने सभी प्रकार की सेवा प्रदाता संस्थाओं के लिए दरें तय की है। लेकिन इन दरों में भिन्नता है। यदि एमपी आॅनलाईन के जरिए कोई किसान या आम आदमी जमीन पर कर्ज और जमानत संबंधी देनदारियों की जानकारी लेना चाहता है तो कम्प्यूटरीकृत प्रमाणपत्र के लिए उसे पहले पेज के तीस रुपए देना होगा। इसके अलावा प्रत्येक अतिरिक्त पृष्ठ के लिए उसे पंद्रह रुपए देना होगा। इस तरह दो पेजों की जानकारी के लिए उसे 45 रुपए देना होगा। लोक सेवा केन्द्रों पर ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से प्रथम पृष्ठ के लिए दस रुपए और अतिरिक्त पृष्ठ के लिए उसे दस रुपए शुल्क देना होगा। लोक सेवा केन्द्र पर राज्य सरकार का पहले पन्ने का शुल्क दस रुपए लगेगा। लोक सेवा केन्द्र कियोस्क संचालक का शुल्क पंद्रह रुपए होगा और डीईजीएस का शुल्क पांच रुपए होगा। इस तरह पहले पेज के लिए ही उसे तीस रुपये खर्च करना होगा और अतिरिक्त पेज के लिए भी कियोस्क संचालक पांच रुपए प्रति पेज अतिरिक्त लेगा। यही जानकारी अप लोक सेवा केन्द्र भूलेख पोर्टल के जरिए लेते है तो राज्य सरकार को पंद्रह रुपए और कियोस्क संचालक को पंद्रह रुपए पहले पेज के लिए तथा अतिरिक्त पेज के लिए राज्य शासन को दस रुपए और कियोस्क संचालक को पांच रुपए देना होगा। एमपी आॅनलाईन से जानकारी लेने पर पहले पेज के लिए राज्य शासन को पंद्रह रुपए और अतिरिक्त पेज के लिए दस रुपए देना होगा। एमपी आॅनलाईन का शुल्क भी पहले पेज के लिए पंद्रह रुपए और अतिरिक्त पेज के लिए पांच रुपए होगा।

वहीं 181 के जरिए यह प्रमाणपत्र आप लेते है तो पहले पेज के लिए दस रुपए और प्रत्येक अतिरिक्त पेज के लिए दस रुपए शुल्क लगेगा। सबसे सस्ती सुविधा 181 के जरिए जानकारी हासिल करने पर मिलेगा। सीएम सिटिजन केयर 181 में सेवा प्राप्त करने के लिए आवेदक को 181 पर इसके लिए फोन करना होगा। आवेदन के लिए आवेदक का नाम, मोबाइल नंबर एवं खसरा, खतौनी, नक्शे का ब्यौरा खसरा नंबर, गांव, तहसील और वर्ष की जानकारी तथा समग्र आईडी की जानकारी देना होगा। इस पर आवेदक के नंबर पर लिंक भेजा जाएगा। लिंक पर क्लिक कर भरी हुई जानकारी को सत्यापित करते हुए पेमेंट गेटवे पर री डायरेक्ट हो जाएगा। शुल्क का भुगतान करते ही आवेदन दर्ज हो जाएगा। आवेदन की प्रक्रिया पूरी होंने के बाद प्राधिकृत अधिकारी द्वारा भूलेख पोर्टल के माध्यम से भूमि पर कर्ज और जमानत का कम्प्यूटरीकृत प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। आवेदक को मोबाइल पर वाट्सएप और एसएसएस एवं अन्य उपलब्ध इलेक्ट्रानिक माध्यम से प्रेषित लिंक के जरिए कम्प्यूटरीकृत प्रमाणपत्र की सॉफ्ट कॉपी प्रदान की जाएगी। यदि किसी कारण से यह सेवा अमान्य होती है तो सेवा अमान्य करने के युक्तियुक्त कारण का उल्लेख भी अधिकारी करेगा। इसी तरह एमपी आॅनलाईन कियोस्क और आॅनलाईन भूलेख पोर्टल लोक सेवा केन्द्र के लिए भी आवेदन करना होगा और शुल्क जमा करना होगा। उसके बाद प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।