Digital Arrest Case : डिजीटल अरेस्ट मामले में 17वां आरोपी स्वपन मोदक पश्चिम बंगाल से पकड़ाया!

पकड़े गए आरोपी का काम खाते उपलब्ध कराना, एक करोड़ के ट्रांजेक्शन पर एक लाख कमीशन!

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Digital Arrest Case : डिजीटल अरेस्ट मामले में 17वां आरोपी स्वपन मोदक पश्चिम बंगाल से पकड़ाया!

Indore : क्राइम ब्रांच ने महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 1 करोड़ 60 लाख ठगने के मामले में 17वें आरोपी स्वपन मोदक पश्चिम।बंगाल के कूच बिहार से गिरफ़्तार किया। महिला को चार दिनों तक डिजिटल रूप से बंधक बनाकर रखा गया था। ठगों ने खुद को अलग-अलग अधिकारी बताकर उससे बातचीत की और 1 करोड़ 60 लाख रुपए की ठगी की। इस मामले में क्राइम ब्रांच अब तक 100 बैंक खाते फ्रीज कर चुका है।

इस मामले में डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश त्रिपाठी ने बताया कि इंदौर की रहने वाली वंदना गुप्ता (59) को 9 नवंबर 2024 से 12 नवंबर 2024 तक डिजिटल अरेस्ट किया गया था। महिला को डरा धमकाकर, नकली अधिकारी बनकर, उससे 1 करोड़ 60 लाख रुपए की ठगी की गई। अब तक 17 आरोपी गिरफ़्तार हो चुके हैं। गुजरात, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित अन्य स्थानों से आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

अभिषेक चक्रवर्ती से पूछताछ में पता चला था कि स्वपन मोदक नामक व्यक्ति के कहने पर वह अकाउंट लेता-देता है। उसका नाम सामने आने पर तलाश शुरू की गई। उसे पकड़ने के लिए टीम कूचबिहार पहुंची, जहां से स्वपन को गिरफ्तार किया गया। अब आरोपी का पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी। प्रारंभिक पूछताछ में उसने माना है कि उसने अकाउंट का लेन-देन किया है।

पश्चिम बंगाल से पकड़ा गया आरोपी बैंक खाते उपलब्ध कराता था। बैंक में गैंग द्वारा ठगी के एक करोड़ रुपए जमा होने पर आरोपी को एक लाख रुपए का कमीशन मिलता था। पूर्व में 16 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं।

महिला के अनुसार, उसके पास अज्ञात ठग गैंग द्वारा स्काइप एवं व्हाट्सएप वीडियो कॉल कर आए थे। कॉल करने वालों ने कभी खुद को सीबीआई तो कभी आरबीआई का अधिकारी बताया था। कथित नकली अधिकारियों ने महिलाओं को मनी लांड्रिंग केस में जेल जाने का डर बताकर निजी एवं बैंकिंग जानकारी ली थी। इसके बाद बैंक अकाउंट, एफडी, शेयर्स के रुपयों की जांच करने पर पैसे ठग लिए थे।

 

ये आरोपी पकड़े जा चुके हैं

इस मामले में पुलिस ने धारा 318(4), 308(2), 316(5), 111(4), 3(5) में प्रतीक जरीवाला, अभिषेक जरीवाला, चंद्रभान बंसल, राकेश कुमार बंसल, विवेक रंजन उर्फ पिंटू गिरी निवासी जिला खेड़ा गुजरात, अल्ताफ कुरैशी निवासी जिला आनंद, (गुजरात), बंगाल के बॉर्डर पर स्थित कूचबिहार से अभिषेक चक्रवर्ती, रोहन शाक्य निवासी सीहोर, आयुष राठौर निवासी सिहोर, निलेश गोरेले निवासी भोपाल, अभिषेक त्रिपाठी निवासी भोपाल, मनोज कुमार निवासी श्रावस्ती (यूपी), आगम साहनी निवासी लखनऊ, गौरव तिवारी निवासी कुरई जिली सिवनी, योगेश पटले निवासी जिला सिवनी तथा सुजल सूर्यवंशी निवासी जिला सिवनी को पकड़ा था। इन आरोपियों से 17 मोबाइल, 12 पासबुक, 8 एटीएम कार्ड, 12 सिम कार्ड, 7 अकाउंट ओपनिंग फार्म जब्त किए थे। मामले में आरोपी स्वपन मोदक निवासी परगना (पश्चिम बंगाल) को गिरफ्तार किया है।

 

खाता देने के लिए करता था तैयार

प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह पूर्व में प्राइवेट नौकरी करता था। लोगों से लोन दिलाने के नाम पर संपर्क कर उन्हें रुपयों का लालच देकर बैंक खाता देने के लिए तैयार करता था। बैंक खाता दूसरे राज्य भेजने के लिए खाता धारक के फ्लाइट की टिकट व रहने, ठहरने की होटल आदि सहित समस्त व्यवस्था करने का कार्य करता है। खाता उपलब्ध कराने पर उसे कमीशन मिलता था।

लालच देकर किया था शामिल

पूर्व में गिरफ्तार आरोपी अभिषेक चक्रवर्ती से आरोपी स्वपन मोदक की मुलाकात हुई थी। अभिषेक ने उसे अच्छे प्रॉफिट का लालच देकर गैंग में शामिल किया था। कई लोगों को आरोपी ने गैंग में शामिल करना कबूला। वह गैंग के अन्य सदस्यों के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट जैसी कई ठगी को अंजाम देने में सहयोग करता था।