Digital Valuation: MP में युनिवर्सिटी मॉनीटरिंग सिस्टम के लिए बनेगा सॉफ्टवेयर , डिजिटल वेल्युशन होगा शुरु
भोपाल: प्रदेश में आईटी के बढ़ते प्रयोग को देखते हुए कार्य में सुविधा, तीव्रता और पारदर्शिता लाने प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी की मानीटरिंग का सॉफ्टवेयर तैयार किया जाएगा। वहीं कॉलेजों की परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं के वेल्युशन में लगने वाले समय को कम करने डिजिटल वेल्युशन शुरु किया जाएगा।
उच्च शिक्षा आयुक्त ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुल सचिवों से कहा है कि आईटी के बढ़ते प्रयोग को देखते हुए काम में सुविधा, तीव्रता और पारदर्शिता लाने के लिए परस्पर बैठक कर युनिवर्सिटी मॉनिटरिंग सिस्टम का सॉफ्टवेयर तैयार करें। चर्चा कर जल्द ही इसकी कार्ययोजना प्रस्तुत करें। उच्च शिक्षा विभाग विश्व बैंक परियोजना के माध्यम से इस संबंध में उच्च स्तरीय ट्रेनिंग भोपाल में आयोजित करने में सहयोग प्रदान करेगा।
वहीं सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक विश्वविद्यालय अपने पूरक परीक्षाओं के रिजल्ट की संख्यात्मक, विश्लेषणात्मक जानकारी प्रस्तुत करने को कहा है। सभी विश्वविद्यालयों के कुल सचिव मूल्यांकन में लगने वाले समय को कम करने के लिए डिजिटल वेल्युशन शुरु करने चर्चा करें और अपनी कार्ययोजना आयुक्त उच्च शिक्षा को बताएं ताकि पूरे प्रदेश के विश्वविद्यालयों में नवीन प्रौद्योगिकी द्वारा प्रदेश एवं देश स्तर पर उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन तत्परता से कर मूल्यांकन में लगने वाले समय को घटाया जा सके और परीक्षा परिणाम अकादमिक कैलेण्डर के अनुसार समय पर जारी किया जा सके।
विश्वविद्यालयों ने आयुक्त को बताया कि परीक्षा मूल्यांकन में शिक्षकों का सहयोग नहीं मिलता है इस पर आयुक्त ने कहा है कि शिक्षकों के अनिवार्य कर्त्तव्य में इसे शामिल किया जाएगा और इस संबंध में निर्देश जारी किए जाएंगे।
डिजिटल सिग्नेचर से अपलोड होगी अंकसूची-
महाविद्यालय के सभी प्राचार्यो को कहा गया है कि सतत व्यापक मूल्यांकन के अंक परीक्षा फार्म भरने के पूर्व विश्वविद्यालयों को उपलब्ध कराएं ताकि इन अंको के अनुपलब्धता के परिणाम स्वरुप परीक्षा परिणाम प्रभावित न हो। सतत व्यापक मूल्यांकन के अंक प्राचार्य की सूक्ष्म निगरानी में डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से अपलोड किए जाएंगे ताकि उत्तरदायित्व और पारदर्शिता अभिप्रमाणित हो। सीसीई की तरह प्रायोगिक परीक्षाएं भी फरवरी तक पूर्ण करने के लिए प्राचार्यों को पत्र जारी किया जा रहा है। इसके उपरांत ही विद्यार्थियों को परीक्षा फार्म भरने की अनुमति दी जाएगी।