दिग्विजय सिंह का सियासी सरप्राइज: मोदी की पुरानी तस्वीर से कांग्रेस को संदेश, सियासी गलियारों में छिड़ी नई बहस

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दिग्विजय सिंह का सियासी सरप्राइज: मोदी की पुरानी तस्वीर से कांग्रेस को संदेश, सियासी गलियारों में छिड़ी नई बहस

क्या शशि थरूर की राह पर चल पड़े दिग्विजय? राहुल गांधी को पहले भी दे चुके हैं नसीहत

इंदौर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राजनीति में एक बार फिर ऐसा बयान और संकेत दिया है, जिसने सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अहम बैठक से ठीक पहले दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के संगठन की खुलकर तारीफ की। यह कदम इसलिए भी चौंकाने वाला माना जा रहा है क्योंकि दिग्विजय सिंह लंबे समय से RSS और भाजपा के मुखर आलोचक रहे हैं।

▪️क्या है पूरा मामला

▫️दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक दशकों पुरानी तस्वीर साझा की। इस तस्वीर में नरेंद्र मोदी जमीन पर बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं जबकि वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी कुर्सी पर बैठे हैं। यह तस्वीर उस दौर की मानी जा रही है जब मोदी संगठन में एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय थे। तस्वीर के साथ दिग्विजय सिंह ने लिखा कि यह फोटो बेहद प्रभावशाली है और यह दिखाती है कि किस तरह एक जमीनी स्वयंसेवक संगठन की ताकत के दम पर आगे बढ़ते हुए पहले मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचा। उन्होंने इसे संगठन की शक्ति का उदाहरण बताया और अंत में धार्मिक अभिव्यक्ति का प्रयोग भी किया।

दिग्विजय सिंह के इस ने बयान देशभर की सियासत में हलचल पैदा कर दी. अब उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है।पत्रकारों से दिग्विजय सिंह ने कहा, “संगठन की तारीफ की है, आरएसएस की नहीं. मैं आरएसएस का, पीएम मोदी का और उनकी नीतियों का घोर विरोधी था हूं और रहूंगा.”

 

दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, “मैंने संगठन की तारीफ की है. मैं आरएसएस का और केंद्र सरकार की नीतियों का घोर विरोधी था, हूं और रहूंगा.” अपने पोस्ट में उन्होंने कहा, “क्या संगठन को मजबूत करना या उसकी तारीफ करना बुरी बात है? क्या चुनाव सुधार की बात करना गुनाह है?”
बता दे कि दिग्विजय सिंह इससे पहले भी राहुल गांधी को नसीहत दे चुके हैं। करीब एक सप्ताह पहले भी उन्होंने एक पोस्ट के जरिए राहुल को संगठन पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी थी। दिग्विजय सिंह ने तब राहुल से कहा था कि सामाजिक और आर्थिक मुद्दों के साथ-साथ कांग्रेस संगठन पर भी बराबर ध्यान दिया जाए।

▪️क्यों माना जा रहा है यह बड़ा राजनीतिक संकेत

▫️यह पोस्ट ऐसे समय पर सामने आई है जब कांग्रेस नेतृत्व संगठनात्मक ढांचे, चुनावी रणनीति और आंतरिक अनुशासन को लेकर मंथन कर रहा है। दिग्विजय सिंह ने इस पोस्ट में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को भी टैग किया, जिससे यह संदेश और गहरा हो गया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह सिर्फ भाजपा या RSS की तारीफ नहीं बल्कि कांग्रेस को भीतर से मजबूत करने की नसीहत भी है। संकेत साफ है कि संगठनात्मक मजबूती के बिना सत्ता की राह आसान नहीं होती।

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पीएम मोदी को भी किया टैग

सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि दिग्विजय सिंह ने इस पोस्ट में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पीएम नरेंद्र मोदी को भी टैग किया है। इसके अलावा, उनकी यह पोस्ट कांग्रेस की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक के बीच आई है। खुद दिग्विजय सिंह भी इस बैठक में थे, ऐसे में उनकी इस पोस्ट ने सियासी चर्चाओं को और हवा दे दी है। राजनीतिक जानकार इसे अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं। कुछ का मानना है कि उन्होंने भाजपा-आरएसएस के मजबूत संगठन की ओर इशारा किया है, जबकि कुछ इसे वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों से जोड़ रहे हैं। ऐसे में कई लोगों का तो यह भी कहना है कि वे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को लेकर आईना दिखा रहे हैं।

राहुल गांधी को पहले भी दे चुके हैं नसीहत

वहीं, दिग्विजय सिंह इससे पहले भी राहुल गांधी को नसीहत दे चुके हैं। करीब एक सप्ताह पहले भी उन्होंने एक पोस्ट के जरिए राहुल को संगठन पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी थी। दिग्विजय सिंह ने तब राहुल से कहा था कि सामाजिक और आर्थिक मुद्दों के साथ-साथ कांग्रेस संगठन पर भी बराबर ध्यान दिया जाए। जिस तरह चुनाव आयोग में सुधार और व्यावहारिक विकेंद्रीकरण की जरूरत होती है, वैसे ही कांग्रेस संगठन में भी बदलाव जरूरी हैं। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई थी कि राहुल गांधी इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे। ऐसे में इन दोनों पोस्टों को साथ में देखा जाए तो साफ है कि दिग्विजय सिंह के बयान और उनकी सोशल मीडिया गतिविधियां कांग्रेस के भीतर संगठन और नेतृत्व को लेकर चल रही बहस को और तेज कर रही हैं।

शशि थरूर की राह पर दिग्विजय सिंह?

उनके हालिया बयानों और सोशल मीडिया पोस्टों को देखकर यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि क्या दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की तरह पार्टी से ‘बागी’ हो रहे हैं। शशि थरूर ने पार्टी के भीतर संगठन, नेतृत्व और सुधारों को लेकर काफी लंबे समय से खुलकर राय रखी। कई बार उन्होंने भी भाजपा और पीएम मोदी की तारीफ भी की है। उसी तरह अब दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस के अंदरूनी ढांचे और कार्यशैली पर संकेतों में सवाल उठाते दिख रहे हैं। दोनों ही नेताओं की टिप्पणियां यह बताती हैं कि कांग्रेस में आत्ममंथन और बदलाव की मांग अब अंदर से ही उठने लगी है।

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▪️भाजपा ने कैसे लिया इस बयान को

▫️भाजपा ने दिग्विजय सिंह के इस पोस्ट को तुरंत लपक लिया। पार्टी नेताओं ने इसे कांग्रेस के भीतर की सच्चाई बताने वाला बयान करार दिया और कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वयं यह स्वीकार कर रहे हैं कि भाजपा और RSS की सबसे बड़ी ताकत उनका मजबूत और अनुशासित संगठन है। भाजपा नेताओं ने इसे कांग्रेस नेतृत्व पर अप्रत्यक्ष सवाल और आंतरिक असंतोष का संकेत भी बताया।

▪️कांग्रेस के भीतर बेचैनी

▫️दिग्विजय सिंह के इस पोस्ट के बाद कांग्रेस के भीतर असहजता साफ दिखाई दे रही है। पार्टी के कई नेताओं ने इसे निजी राय बताया तो कुछ ने इसे संगठन सुधार की सलाह के रूप में देखने की कोशिश की। हालांकि यह तय माना जा रहा है कि CWC की बैठक में संगठनात्मक मुद्दों पर यह टिप्पणी चर्चा का विषय बनेगी।

▪️राजनीतिक मायने

▫️दिग्विजय सिंह का यह कदम कई स्तरों पर अहम है। एक तरफ यह भाजपा को नैतिक बढ़त देने वाला बयान बन गया है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के भीतर आत्ममंथन की जरूरत को भी रेखांकित करता है। पहली बार दिग्विजय सिंह जैसे नेता का इस तरह RSS और भाजपा की तारीफ करना आने वाले दिनों में राजनीतिक विमर्श को और तेज कर सकता है।

▫️यह मामला सिर्फ एक सोशल मीडिया पोस्ट तक सीमित नहीं है। यह कांग्रेस की संगठनात्मक चुनौतियों, भाजपा की मजबूत संरचना और भारतीय राजनीति में संगठन की भूमिका पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। CWC की बैठक से पहले आया यह बयान कांग्रेस के लिए आत्मनिरीक्षण का अवसर भी है और राजनीतिक दबाव भी।