Digvijay’s Phone : सत्तन CM से नहीं मिले, फिर दिग्विजय सिंह से फोन पर क्या बात हुई! 

सत्तन का गुस्सा आज फिर फटा, उन्होंने कहा 'आंध्र और कर्नाटक में BJP घुस गई फाटक में!' 

1327

Digvijay’s Phone : सत्तन CM से नहीं मिले, फिर दिग्विजय सिंह से फोन पर क्या बात हुई! 

Indore : भाजपा को अपनी बेबाकी से बैचेन करने वाले सत्यनारायण सत्तन पार्टी को परेशानी में डाल दिया। एक पत्रकार से फोन पर बात करते हुए उन्होंने ऊपर से नीचे तक पार्टी संगठन के जिस तरह कपडे फाड़े, उसने भूचाल ला दिया। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि सीएम शिवराजसिंह को हस्तक्षेप करना पड़ा। बताते हैं कि उन्होंने सत्तन गुरु से फोन पर बात की और उन्हें मिलने के लिए भोपाल बुलाया!

जानकारी के मुताबिक सत्यनारायण सत्तन ने पारिवारिक व्यस्तता बताते हुए सीएम से मिलना टाल दिया। अब कहा जा रहा है कि वे शनिवार को भोपाल जाकर सीएम से मिलेंगे। इस राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सत्यनारायण सत्तन से फोन पर लंबी चर्चा की, जिसने सियासी हलकों में भूचाल ला दिया। बताया गया कि दिग्विजय सिंह ने उनके साथ लम्बी चर्चा में अपने पुराने संबंधों का हवाला दिया और उनकी मुखरता की तारीफ की।

सत्तन का कहना दीपक जोशी में उनके पिता जितनी योग्यता नहीं है। लेकिन, भंवरसिंह शेखावत दृढ़ निश्चय वाले नेता है।  सत्तन को इस बात में भी संशय है कि ये दोनों नेता कांग्रेस में शामिल होंगे। सत्तन ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए नेताओं पर भी तीखी टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि हमें पार्टी में किसी के शामिल होने से कोई दिक्कत नहीं है। सभी का स्वागत है, लेकिन ओरिजनल और सबस्टिट्यूट के बीच अंतर करना पड़ेगा। अगर कोई पद का अभिलाषी कमिटमेंट के साथ आता है, तो वह भारतीय जनता पार्टी के सकारात्मक कार्यकर्ताओं का हक मारता है, मेरी बस यही लड़ाई है। उनके बेबाकी का असर ये हुआ कि पार्टी में भारी हलचल मच गई।

गुस्सा फिर फट पड़ा गुस्सा
सत्यनारायण सत्तन का गुस्सा आज फिर फट पड़ा। उन्होंने कांग्रेस के साथ भाजपा की भी खिंचाई कर दी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में तंज कसते हुए कहा ‘आंध्र और कर्नाटक में BJP घुस गई फाटक में!’ अब फाटक में घुसी हुई BJP का क्या दृश्य होगा यह देखना है। सत्तन बुधवार रात को विधायक ट्रॉफी क्रिकेट कॉम्पिटिशन में पहुंचे थे। यहां उन्होंने यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि पुरानों का विश्राम लेना संसार का नियम है। जो फलेगा वह झड़ेगा और जो जलेगा वो बुझेगा। जो वरिष्ठ है, वो वरिष्ठ है। अगर नौजवान पीढ़ी अपने समर्थ हाथों में कमान संभालती है और सम्मान से आगे ले जाती है तो वंदनीय है। यदि ऐसा नहीं कर पाती तो निंदनीय।