Dindori SP Removed : छात्रावास यौन शोषण मामले में CM ने डिंडोरी SP को हटाया

आरोपी प्रिंसिपल पर हल्की धाराओं में मामला दर्ज कर थाने से छोड़ा!

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Bhopal : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डिंडोरी एसपी संजय सिंह को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। गत दिनों डिंडोरी में मिशनरी स्कूल के छात्रावास में हुए नाबालिग यौन शोषण कांड में हुई पुलिस की लापरवाही से मुख्यमंत्री बेहद नाराज थे। मुख्यमंत्री ने आज इस घटना पर निर्णय लेते हुए डिंडोरी एसपी को हटाने का फैसला किया।

घटना के मुताबिक, जुनवानी गांव के मिशनरी हायर सेकेंडरी स्कूल में नाबालिग आदिवासी छात्राओं का यौन शोषण करने के मामले में गिरफ्तार आरोपी प्राचार्य को थाने से रिहा कर दिया गया था। जब रिहा किया गया था, उस समय खुद पुलिस अधीक्षक संजय सिंह ने थाना प्रभारी की कार्रवाई को जायज ठहराते हुए इसे कानून का पालन करना बताया था। यह जानकारी मिलने पर थाना प्रभारी विजय पाटले को निलंबित किया गया। वहीं, आरोपी प्राचार्य नानसिंह यादव को फिर गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। आरोपियों पर अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम और पास्को एक्ट की कुछ और धाराएं बढ़ाई गई हैं।

नाबालिग आदिवासी छात्राओं के यौन शोषण के इस सनसनीखेज मामले में पुलिस शुरू से ही लीपापोती में जुटी थी। यही कारण रहा कि आरोपी प्राचार्य की गिरफ्तारी को सामान्य धाराओं का मामला बताकर थाने से रिहा कर दिया गया। जब दबाव बढ़ा तो उन्होंने न केवल थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया, बल्कि प्राचार्य को फिर से गिरफ्तार करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक, ऐसा संभव नहीं है कि थाना प्रभारी ने इस संवेदनशील मामले में बिना पुलिस अधीक्षक की अनुमति के आरोपी प्राचार्य को रिहा किया हो। यही कारण था कि मुख़्यमंत्री नाराज थे।

डिंडोरी पहुंचे बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी इस गंभीर मामले में आरोपित प्राचार्य को थाने से ही छोड़ देने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए और फटकार भी लगाई। उन्होंने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में बैठक लेकर कलेक्टर सहित पुलिस अधीक्षक को कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

वे जनपद मुख्यालय समनापुर के सामुदायिक भवन पहुंचे और पीड़ित छात्राओं व उनके परिजन से मिलकर हालचाल जाना। इस दौरान यौन शोषण का शिकार डरी-सहमी आदिवासी नाबालिग छात्राओं ने उसी स्कूल में फिर से पढ़ाई न करने की बात कही है। कानूनगो ने स्वजन और छात्राओं को आवश्यक सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं। सभी पीड़ित छात्राओं को आर्थिक सहायता के तौर पर 10-10 हजार रुपये की राशि दी गई है।

कड़ी कार्रवाई की मांग

सभी आदिवासी संगठनों ने मंगलवार को कलेक्टोरेट परिसर के पास धरना प्रदर्शन कर मिशनरी स्कूल के आरोपी पादरी, प्राचार्य, शिक्षक और वार्डन पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। संबंधित संस्थान का पंजीयन निरस्त करने के साथ स्कूल भवन गिराने की मांग की जा रही है। इस मामले में पादरी को बचाने के भी आरोप पुलिस पर शुरुआती दौर से ही लग रहे हैं। उस पर यौन शोषण के गंभीर हैं और उसके साथ शिक्षक व वार्डन अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।