जंगल से सीधा संवाद: पाटडी वन क्षेत्र में विद्यार्थियों ने जाना प्रकृति का मोल

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जंगल से सीधा संवाद: पाटडी वन क्षेत्र में विद्यार्थियों ने जाना प्रकृति का मोल

झाबुआ। पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति से भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत करने के उद्देश्य से सामान्य वनमण्डल झाबुआ की रेंज थांदला अंतर्गत पाटडी के वन क्षेत्र कक्ष क्रमांक 145 और 149 में एक प्रभावी और ज्ञानवर्धक अनुभूति शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर शासकीय हाई स्कूल झोसर और अमरगढ़ के कक्षा 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने जंगल को नजदीक से समझने और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को महसूस करने का अनुभव प्राप्त किया।

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*126 विद्यार्थियों ने लिया शिविर में भाग*

मध्यप्रदेश वन विभाग के आदेश और वनमण्डलाधिकारी झाबुआ अमित निकम के निर्देशानुसार 18 दिसंबर को आयोजित इस शिविर में कुल 126 छात्र छात्राएं अपने 8 शिक्षकों के साथ वाहन से शिविर स्थल पर पहुंचे। आगमन के बाद सभी विद्यार्थियों को स्वल्पाहार कराया गया। इसके पश्चात वनोपज संघ से प्राप्त कीट, पानी की बोतल, टोपी और शासन द्वारा प्रदत्त अनुभूति कैंप पुस्तक का वितरण किया गया।

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*धरती का दूत बनने का संदेश*

अनुभूति शिविर के मास्टर ट्रेनर सेवा निवृत्त वन क्षेत्रपाल विजय वर्मा और परिक्षेत्र अधिकारी तोलाराम हटीला ने विद्यार्थियों को इस वर्ष की थीम में हूं धरती का दूत, अब अकेला नहीं से परिचित कराया। इसके बाद विद्यार्थियों को आसपास के वन क्षेत्र का भ्रमण कराया गया, जहां उन्हें वन विभाग के विभिन्न पदों और उनके कार्य, वर्दी, जंगल में पाए जाने वाले पेड़ पौधे, घास, जंगली जानवरों और जंगल के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभों की विस्तृत जानकारी दी गई।

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*पर्यावरण संकट और उसके दुष्परिणामों पर चर्चा*

भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों को जंगल खत्म होने से होने वाली हान्यां, अपर्याप्त वर्षा, भूक्षरण, वायु और जल प्रदूषण, प्रदूषण से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव, बढ़ता तापक्रम, जंगली जानवरों का मानव बस्तियों में प्रवेश, मनुष्यों पर हमले और फसलों को होने वाले नुकसान के कारण और उनके संभावित समाधान समझाए गए।

*विशेषज्ञों और अतिथियों ने साझा किए अनुभव*

शिविर में उपस्थित पूर्व विधायक कल सिंह ने वृक्षारोपण और पेड़ों के औषधीय महत्व पर प्रकाश डाला। समाजसेवी मोहन डाबर ने अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आह्वान किया। वहीं एसडीओ झाबुआ एस एल यादव ने वायु और जल प्रदूषण, पक्षियों और मधुमक्खियों की घटती संख्या तथा कृषि भूमि में रासायनिक खाद, कीटनाशक और खरपतवारनाशक के मानव जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी।

*क्विज और प्रमाण पत्र वितरण के साथ समापन*

कार्यक्रम के अंत में सभी छात्र छात्राओं को भोजन कराया गया, इसके बाद पर्यावरण आधारित लिखित क्विज आयोजित की गई। समापन अवसर पर मुख्य अतिथियों द्वारा शिविर में सहभागी सभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए और आभार व्यक्त किया गया।

*बड़ी संख्या में मौजूद रहे वनकर्मी और शिक्षक*

इस अनुभूति शिविर में परिक्षेत्र के सभी वन कर्मचारी, शिक्षक प्रताप सिंह राठौड़, बेनेडिक्ट मावी, रितेश पटवा, क्रितेश पटवा, हेमलता सामवेदी, पवन कुमार, बिल्लू डामोर, हर्षद राठौर, शादाब अहमद सहित स्थानीय पूर्व विधायक कल सिंह भावर, समाजसेवी मोहन डाबर और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।