Disabled Husband Unhappy with Leader Wife : पत्नी ने विधायक बनने के बाद ही पति से रिश्ता तोड़ा, अब दुखी पति ने पत्नी से गुजारा भत्ता मांगा!

पथरिया की पूर्व भाजपा विधायक सोना बाई अहिरवाल से उनके दिव्यांग पति सेवक राम परेशान!

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Disabled Husband Unhappy with Leader Wife : पत्नी ने विधायक बनने के बाद ही पति से रिश्ता तोड़ा, अब दुखी पति ने पत्नी से गुजारा भत्ता मांगा!

Damoh : जिले की पथरिया विधानसभा सीट की पूर्व भाजपा विधायक सोना बाई अहिरवाल के पति ने परेशान होकर अदालत में तलाक की अर्जी लगाई है। दिव्यांग सेवक राम का आरोप है कि उन्होंने पत्नी सोना बाई को विधायक बनाने में मदद की थी। अब वो रिश्ता तोड़ने पर आमादा हैं। यह सब देखकर मजबूर पति ने पत्नी से गुजारा भत्ता की भी मांग की। भाजपा की पूर्व विधायक सोना बाई अहिरवाल और उनके दिव्यांग पति सेवक राम अहिरवाल का वैवाहिक विवाद अब अदालत तक पहुंच गया।

पति का आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी को राजनीति में शिखर तक पहुंचाने के लिए दिन-रात मेहनत की। लेकिन, अब वही पत्नी उनके साथ रिश्ता तोड़ने की जुगत लगा रही है। पति ने पत्नी से गुजारा भत्ता की मांग भी की। सेवकराम और सोना बाई के तीन बच्चे सौरव, नीरज और प्रवीण हैं। जो मां सोना बाई के पास रहते हैं। एक बेटा डॉक्टर है, जो मकरोनिया के सरकारी अस्पताल में पदस्थ है। सोना बाई अभी भाजपा में ही है, हालांकि उनके पास कोई पद नहीं है।

पति सेवक राम अहिरवाल का कहना है कि उनकी पत्नी सोना बाई ने जब राजनीति में कदम रखने की इच्छा जताई, तो उन्होंने पूरे मन से उनका साथ दिया। दमोह से लेकर भोपाल और दिल्ली तक, सेवक राम ने अपनी पत्नी को भाजपा के बड़े नेताओं से जोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी मेहनत रंग लाई और 2003 में सोना बाई को पथरिया विधानसभा सीट से पार्टी का टिकट मिला। उन्होंने न केवल चुनाव जीता, बल्कि 2003 से 2008 तक विधायक के रूप में अपनी पहचान बनाई। लेकिन, सेवक का दावा है कि विधायक बनने के बाद सोना बाई का व्यवहार बदल गया। बड़े नेताओं से नजदीकी और सियासी रसूख बढ़ने के साथ ही वह अपने पति से दूरी बनाने लगीं।

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दुर्घटना में एक पैर खराब हो गया

सेवक राम ने बताया कि 2016 में एक दुर्घटना में उनका एक पैर खराब हो गया। अब वे दिव्यांग हैं और मजदूरी भी नहीं कर सकते। इसलिए उन्होंने पत्नी से गुजारा भत्ता मांगा है। सेवकराम के वकील नितिन मिश्रा ने बताया कि दिव्यांग होने के कारण सेवकराम को भरण पोषण की आवश्यकता है। इस मामले में सोना बाई का कहना है कि वह कोर्ट से नोटिस मिलने पर ही जवाब देंगी।

 

सोना बाई ने बिना तलाक नई जिंदगी शुरू की

सेवक राम ने कोर्ट में दायर अपनी अर्जी में बताया कि 2008 में सोना बाई का कार्यकाल खत्म होने के बाद पथरिया सीट अनारक्षित हो गई, इस कारण उन्हें दोबारा टिकट नहीं मिला। लेकिन, इसके बाद भी सोना बाई ने राजनीति में अपनी सक्रियता बनाए रखी। सेवक का आरोप है कि 2009 में उनकी पत्नी ने बिना तलाक दिए उनका साथ छोड़ दिया और सागर में एक नया मकान बनाकर वहां रहने लगीं। सेवक के मुताबिक, सोना बाई के पास जमीन, संपत्ति और गाड़ियां हैं, साथ ही पूर्व विधायक के तौर पर उन्हें सरकारी पेंशन भी मिल रही है। दूसरी ओर, दिव्यांगता के कारण मेहनत-मजदूरी न कर पाने वाले सेवक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।