भोपाल: मध्यप्रदेश में पंद्रह साल और पच्चीस साल की नौकरी कर चुके तथा पचास साल की उम्र पार कर चुके ऐसे आईपीएस अफसरों की नौकरी संकट में है जो शारीरिक कमजोरी की वजह से अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन नहीं कर पा रहे है या लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू जैसी जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में है, किसी की विभागीय जांच चल रही है, किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितताओं के चलते उनकी जांच चल रही है तो उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का निर्णय लिया जा सकता है। मध्यप्रदेश के ऐसे 127 IPS अफसरों के नामों पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा।
मंत्रालय में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, मध्यप्रदेश के डीजी विवेक जोहरी और छत्तीसगढ़ के स्पेशल डीजी आरके विज की मौजूदगी में इन अफसरों के प्रकरणों पर विचार किया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन प्रमुख पुलिस अधिकारियों के नामों पर बैठक में चर्चा की गई है उनमें एडीजी पुलिस रिफार्म संजय माने, जेएनपीए सागर के एडीजी सुशोभन बैनर्जी, सस्पैंड चल रहे दो पुलिस अधिकारी डीजी पुरुषोत्तम शर्मा और आईजी मयंक जैन सहित 127 आईपीएस अफसरों के नामों पर विचार किया गया।
पुरुषोत्तम शर्मा के विरुद्ध उनकी पत्नी ने शिकायत की थी। वहीं एक अन्य आईपीएस अफसर आरएस मीणा जाति प्रमाणपत्र को लेकर जांच के दायरे में है।
बैठक के दौरान इन सभी 127 आईपीएस अफसरों की सीआर, उनकी विभागीय और अन्य प्रचलित जांचों, उनके अब तक के कार्यकाल में परफारमेंस, इनमें से कौन-कौन से अफसर बीमारियों के चलते अधिक छुट्टी ले रहे हैं, कौन से पुलिस अफसर गंभीर बीमारियों से पीड़ित है, इन सब बातों पर विचार किया जा रहा है।
बैठक में विचार करने के बाद ऐसे अफसर जो शासन की सेवा शर्तो को पूरा करते हुए काम नहीं कर पा रहे है, जो आगे काम करने लायक नहीं है, की अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रकरण बनाया जाएगा।