Disadvantages of Bathing : आप रोज नहीं नहाते, तो ये अच्छी आदत!

साइंस का मानना है कि जो लोग रोज नहाते, वे अपना नुकसान कर रहे!

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Disadvantages of Bathing : आप रोज नहीं नहाते, तो ये अच्छी आदत!

    New Delhi : यदि आप रोज नहीं नहाते, तो सही करते हैं। साइंस का भी कहना है कि रोज नहाना शरीर और सेहत दोनों के लिए सही नहीं होता। कई स्टडीज में साबित हो चुका है, कि स्किन में खुद को साफ करने की बेहतर क्षमता होती है। अगर आप जिम नहीं जाते, रोज पसीना नहीं बहाते, धूल-मिट्टी में नहीं रहते तो आपके लिए रोजाना नहाना जरूरी नहीं है।

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    साइंस का मानना है, कि अगर आप रोज नहाते हैं, तो अपना नुकसान कर रहे हैं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती हैं। दुनियाभर के स्किन स्पेशलिस्ट मानते हैं कि अगर ठंड में रोज नहीं नहा रहे हैं, तो अच्छा कर रहे हैं। जरूरत से ज्यादा नहाना हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। वैसे गर्मियों में रोजाना नहाना सभी को अच्छा लगता है, लेकिन सर्दियो में नहाना किसी चुनौती से कम नहीं!

भारतीयों में रोज नहाने की आदत 

    आमतौर पर भारत के लोग दुनिया में सबसे ज्यादा नहाने वालों में शुमार किये जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के चलते औसत भारतीय लोग करीबन रोज नहाते हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करके उनका तन और मन न केवल तरोताजगी से भर उठता है, बल्कि ऐसा करके वो अपने शरीर को पवित्र कर लेते हैं। बहुत से भारतीय इसलिए रोज नहाते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि रोज पूजा-पाठ के लिए नहाना हर हाल में जरूरी है। लेकिन, साइंस तो कुछ और ही कहता है।

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   एक हालिया सर्वे में पता चला कि नहाने के मामले में दुनिया में शीर्ष देशों में भारत, जापान और इंडोनेशिया के लोग कहीं आगे हैं. अमेरिका व पश्च‌िम के देशों के कई शोधों में यह साबित होता है कि रोजाना नहाना महज पानी की बर्बादी नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक तौर पर भी हानिकारक है।

नहाना भी हो, तो गर्म पानी से नहीं 

    सर्दियों में गरम पानी से देर तक नहाते हैं, तो ये फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला है। इससे स्किन ड्राई हो सकती है। शरीर का नेचुरल ऑयल निकल जाता हैं। शरीर का ये नेचुरल ऑयल हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। ये प्रतिरोधक क्षमता का भी काम करता है। साइंस के अनुसार ये ऑयल आपको मॉइश्चराइज्ड और सुरक्षित रखने में सहायक होता है।

     जॉर्ज वॉशिंग्टन यूनिवर्सिटी (वॉशिंगटन डीसी, यूएस) के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सी ब्रैंडन मिशेल का कहना है कि नहाने से स्किन के नेचुरल ऑयल निकल जाते हैं, जिससे गुड बैक्टीरिया भी हट जाते हैं। ये बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम को भी सपॉर्ट करते हैं. इसलिए सर्दियों में हमें हफ्ते में दो या तीन दिन ही नहाना चाहिए।

    अमेरिकी विश्वविद्यालय द यूनिवर्सिटी ऑफ उतह के जेनेटिक्स साइंस सेंटर के एक अध्ययन के अनुसार ज्यादा नहाना हमारे मानव शरीर के सुरक्षातंत्र को नुकसान पहुंचाता है। रोगाणुओं-विषाणुओं से लड़ने वाली क्षमताएं कमजोर पड़ जाती हैं। खाना पचाने और उसमें से विटमिन व अन्य पोषक तत्वों को अलग करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।

स्किन रूखी और कमजोर 

    कोलंबिया यूनिवर्सिटी की संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एलाइन लारसन ने एक अध्ययन किया था कि रोजाना नहाने से स्‍कीन रूखी और कमजोर पड़ जाती है। इससे संक्रमण का खतरा बहुत तेजी से बढ़ता है, इसलिए रोज नहीं नहाना चाहिए। नहाने की आदत इंसान के मूड, तापमान, जलवायु, लिंग व सामाजिक दवाब पर ज्यादा निर्भर करती है। भारत में धार्मिक वजहों इसके अलावा एक बड़ा कारण पानी की उपलब्‍धता भी है। लेकिन, ये भी सही है कि भारत में कई बार नहाने की वजह महज सामाजिक दवाब होता है।