
“Discipline Drill”: राहुल गांधी की देरी पर लगी सजा, पचमढ़ी के शिविर में लगाए 10 पुशअप्स, सबको दिया समय का सबक
Pachmarhi (नर्मदापुरम) विशेष रिपोर्ट: विपक्ष के नेता राहुल गांधी रविवार को कांग्रेस के पचमढ़ी प्रशिक्षण शिविर में चर्चा का केंद्र बन गए जब उन्हें प्रतीकात्मक सजा के रूप में 10 पुशअप्स लगाने पड़े। वे कार्यक्रम में कुछ मिनट देर से पहुंचे थे। कांग्रेस ट्रेनिंग विभाग के प्रमुख सचिन राव द्वारा बनाए गए नियम के अनुसार जो भी देरी करेगा, उसे 10 पुशअप्स लगाने होंगे। राहुल ने बिना झिझक सजा स्वीकार की और मुस्कराते हुए मंच पर पुशअप्स लगाए।
*केवल दो मिनट की देरी लेकिन बड़ा संदेश*
राहुल गांधी निर्धारित समय से लगभग दो मिनट देर पहुंचे थे। जैसे ही वे हॉल में दाखिल हुए, ट्रेनिंग टीम ने नियम के अनुसार उनसे पुशअप्स लगाने को कहा। राहुल ने कहा, “नियम तो नियम है, मैं भी अपवाद नहीं।” उनके पुशअप्स लगाते ही हॉल तालियों से गूंज उठा और माहौल प्रेरणादायक बन गया।
*शिविर में अनुशासन की नई परिभाषा*
पचमढ़ी में चल रहे इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य संगठनात्मक अनुशासन और रणनीति पर चर्चा करना है। राहुल गांधी का यह कदम बताता है कि कांग्रेस नेतृत्व अब समानता और आत्म-अनुशासन के प्रतीक के रूप में खुद को प्रस्तुत करना चाहता है।
*नेताओं की प्रतिक्रिया*
कांग्रेस ट्रेनिंग विभाग के प्रमुख सचिन राव ने कहा, “यह सजा नहीं, एक अभ्यास है। जब शीर्ष नेता खुद नियम का पालन करते हैं तो पूरे संगठन में संदेश जाता है कि अनुशासन सबसे ऊपर है।”
*सोशल मीडिया पर वायरल हुआ राहुल का फिटनेस मोमेंट*
शिविर का यह दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। ट्विटर (X) पर #RahuLPushups ट्रेंड करने लगा। समर्थकों ने इसे राहुल गांधी की ग्राउंडेड पॉलिटिक्स का उदाहरण बताया, जबकि कुछ ने इसे कांग्रेस की नई बॉडी लैंग्वेज कहा, जिसमें सादगी, अनुशासन और फिटनेस तीनों झलकते हैं।
*शिविर का सार*
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा, “नेतृत्व का अर्थ आदेश देना नहीं, उदाहरण बनना है।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी को अनुशासन और आदर्श दोनों से सशक्त बनाना होगा।




