Dispute Between CMO & SDM : नगर पालिका CMO ने सारंगपुर SDM पर 25 लाख रिश्वत मांगने और गाली देने का आरोप लगाया!
Sarangpur (Rajgarh) : गुरुवार को यहां एसडीएम और नगर पालिका सीएमओ के बीच जमकर बहस हुई। इस दौरान एसडीएम के बोल बिगड़ गए। सीएमओ ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर एसडीएम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उनके साथ में नगर पालिका निगम के अन्य कर्मचारी भी पहुंच गए। राजस्व प्रकरणों और कॉलोनाइजर की फाइलों की जांच करने सारंगपुर एसडीएम संजय उपाध्याय नगर पालिका पहुंचे हुए थे। इस दौरान सीएमओ एलएस डोड़िया के बीच बहस हो गई। बंद कमरे में हुई बहस के दौरान गाली गलौच और हंगामे की आवाज कमरे के बाहर तक आने लगी।
अभद्र शब्दों को सुनकर चेंबर के बाहर नगर पालिका के कर्मचारी जमा हो गए। कुछ देर बाद सबसे पहले एसडीएम संजय उपाध्याय कमरे से बाहर आए। उनके पीछे से नगर पालिका सीएमओ डोड़िया निकले। बाहर निकलने के साथ ही सीएमओ ने एसडीएम पर 25 लाख रुपए की डिमांड करने के आरोप लगाए। साथ ही जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करने की बात कही।
सीएमओ के साथ बदतमीजी होने का पता चलते ही बाद बड़ी संख्या में नगर पालिका के कर्मचारी जमा हो गए। इसके बाद सभी सीएमओ के साथ नारेबाजी करते हुए थाने पहुंचे। जहां एसडीएम के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने पर कार्रवाई की मांग की।
सारंगपुर एसडीओपी ने बताया कि एसडीएम और नगरपालिका सीएमओं के बीच हुए विवाद के बाद मामले की जांच की जा रही है। सीएमओ का कहना है कि एसडीएम कोर्ट में नगर पालिका के दो तीन केस चल रहे हैं। जिसकी जांच कर रहे एसडीएम दो दिन बाद रिटायर होने वाले है। ऐसे में केस को निपटाने के एवज में एसडीएम 25 लाख रुपए की मांग कर रहे हैं।
जातिसूचक गालियां देने का आरोप
नगर पालिका सीएमओ और कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर एसडीएम पर कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने इसके लिए अपर कलेक्टर शिवप्रसाद मंडराह को ज्ञापन दिया। सीएमओ ने बताया कि विभिन्न कॉलोनाइजर के केस के निराकरण के बदले एसडीएम रिश्वत मांग रहे थे। पैसे को कलेक्ट करने के बाद वे अवैध राशि के साथ मुझे आज शाम 5 बजे तक बुलाया गया। मैंने जब इस काम के लिए मना दिया। तब अनुविभागीय अधिकारी ने सीएमओ रूम में धमकाते हुए अभद्र भाषा एवं जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया।
सीएमओ ने बताया कि एसडीएम ने अपमानजनक शब्दों का उपयोग किया। उन्होंने कहा कि यदि शाम 5 बजे तक मुझे पैसे लाकर नहीं दिए तो तू आदिवासी है। तू औकात में रहकर बात कर। तेरी नौकरी खा जाऊंगा। सीएमओ ने कहा कि इस प्रकार की घटना से आहत होकर मानसिक तौर पर काफी प्रभावित हूं। जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किये जाने से ऑफिस में मेरी गरिमा और प्रतिष्ठा धूमिल हुई है।
मामले पर एसडीएम ने सफाई दी
सारंगपुर एसडीएम संजय उपाध्याय का कहना है कि भोपाल से 197 पीएम आवस की जांच की फाइल आई है। जिसमें वार्ड 4 और वार्ड 10 से 50 से ज्यादा ऐसे हितग्राही है। जिनकी एक ही आईडी पर तीन तीन आवास स्वीकृत किए हुए हैं। इसके दस्तावेज 23 अगस्त को मांगे गए थे। लेकिन बार-बार नोटिस के बाद भी डॉक्यूमेंट नहीं उपलब्ध कराए गए। इसी की जांच के लिए आज नगरपालिका ऑफिस पहुंचा था। जहां सीएमओ भड़क गए। उन्होनें सरकारी काम में बाधा डाली। जिसकी उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई है।