दिल्ली की 109 वर्ष पुरानी मारवाड़ी सार्वजनिक पुस्तकालय में 201 निर्धन एवं मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति और पाठ्य पुस्तकों का वितरण

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दिल्ली की 109 वर्ष पुरानी मारवाड़ी सार्वजनिक पुस्तकालय में 201 निर्धन एवं मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति और पाठ्य पुस्तकों का वितरण

मीडियावाला के नेशनल हेड गोपेंद्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट

दिल्ली: दिल्ली के चाँदनी चौक में  आजादी के आन्दोलन का केन्द्र और साक्षी रही 109 वर्ष पुराने मारवाड़ी सार्वजनिक पुस्तकालय में शुक्रवार सायं 201 निर्धन एवं मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति का वितरण किया गया।

संस्था के प्रधान प्रेम सिंघानिया,महामंत्री राज कुमार तुलस्यान तथा अतिथियों ने इन छात्रों को 1200 रु प्रति छात्र छात्रवृत्ति, स्कूल बेग्स, पाठ्य और लेखन सामग्री प्रदान की ।

महामंत्री राज कुमार तुलस्यान ने इस मौके पर बताया कि संस्था अपने सामाजिक और शिक्षा के प्रति दायित्वों को हर वर्ष बख़ूबी निभाती है। उन्होंने बताया कि मारवाड़ी पुस्तकालय में  संविधान को मूल कोपी की प्रति सहित दुर्लभ पुस्तकों का भण्डार  संग्रहित हैं। साथ ही दर्शक पंजिका में अति विशिष्ट लोगों की टिप्पणिया भी अंकित हैं।

तुलस्यान ने बताया कि इस पुस्तकालय और वाचनालय में जन सुविधाओं का विस्तार किया गया है। साथ ही बच्चों के लिए वातानुकूलित कक्ष बना उनके अध्ययन के लिए आदर्श वातावरण भी सृजित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय महत्व की इस ऐतिहासिक संस्था मारवाड़ी सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना 1915 में हुई थी । इस पुस्तकालय से राष्ट्र के लब्ध प्रतिष्ठित बुद्धिजीवी गणमान्य लोग, शिक्षाविद, शोध कर्ता, स्वतंत्रता सेनानी और शीर्ष नेता राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, महामना मदन मोहन मालवीय, बाल गंगाधर तिलक, राष्ट्र कवि मैथिली शरण गुप्त, डॉ हरिशंकर राय बच्चन आदि का गहरा जुड़ाव और अभूतपूर्व योगदान एवं सहयोग रहा है।

उन्होंने बताया कि हिन्दी साहित्य की प्राचीनतम और श्रेष्ठतम पुस्तकों के लिए यह पुस्तकालय और वाचनालय देश भर में अपना एक विशेष स्थान रखता है। पुरानी दिल्ली के हृदय स्थल चांदनी चौक में ऐतिहासिक लाल किला के सामने स्थित माँ सरस्वती का मन्दिर कहलाने वाला यह प्राचीन पुस्तकालय ज्ञान का अथाह भंडार है।